
पाकिस्तान में एक हिंदू महिला ने सोशल मीडिया पर लगाई घर लौटने की गुहार
कराची – पाकिस्तान में एक हिंदू महिला को स्थानीय अदालत के निर्देश के बाद सोमवार को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया। आरोप है कि महिला को प्रताड़ित किया गया और एक व्यक्ति ने जाली दस्तावेजों के आधार पर उससे शादी कर उसे मुस्लिम दिखाया। महिला का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। जिसमें वह न्याय की गुहार लगा रही थी। रीना मेघवार को 13 फरवरी को कासिम काशखेली नामक व्यक्ति ने दक्षिणी सिंध प्रांत के बदीन जिले के केरिओगजर इलाके से अगवा कर लिया था।
मेघवार का एक वीडियो कुछ दिनों पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें वह कह रही है। कृपया मुझे मेरे माता-पिता के पास भेज दो, मुझे जबरन लाया गया है। मुझे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी गई है और कहा गया है कि मेरे माता-पिता व भाइयों को मार डाला जाएगा। हालांकि, उसने वीडियो में धमकी देने वाले किसी भी व्यक्ति का नाम लेने से इनकार कर दिया। सिंध सरकार ने वीडियो का संज्ञान लेते हुए पुलिस जांच का आदेश दिया। जिसके बाद बदीन के एसएसपी शबीर अहमद सेथर ने एक दल का नेतृत्व किया और काशकेली के घर से हिंदू लड़की को बरामद कर लिया।
उसे सोमवार को बदीन की एक स्थानीय सत्र अदालत में पेश किया गया। जहां उसने एक बयान में कहा कि उसने इस्लाम कबूल नहीं किया था और आरोपी ने मुस्लिम महिला के रूप में उससे जबरन शादी करने के लिए झूठे दस्तावेज तैयार किए थे। अदालत ने उसका बयान दर्ज करने के बाद पुलिस को आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया। अधिकारियों की उपस्थिति में मेघवार को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया। उसने न्यायाधीश को यह भी बताया कि आरोपी ने उसके साथ अनुचित व्यवहार किया और उसके भाई की जान को खतरा है।
वहीं, आरोपी के परिवार का दावा है कि मेघवार ने इस साल फरवरी में अपना घर छोड़ दिया और कथित तौर पर काशखेली से शादी कर ली और अपना नाम बदलकर मरियम कर लिया। एसएसपी सेथर ने कहा कि लड़की के माता-पिता ने पहले आरोपी के खिलाफ पुलिस रिपोर्ट दर्ज कराई थी और अपहरण व जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ सिंध उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था।
उन्होंने कहा कि मेघवार ने उच्च न्यायालय के सामने दावा किया था कि उसने स्वेच्छा से काशखेली से शादी की थी, जिसके बाद उसके कथित पति के खिलाफ प्राथमिकी रद्द कर दी गई। उन्होंने कहा, लेकिन उसके नवीनतम वीडियो ने हमें कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया और आज उसने कहा कि वह अपने माता-पिता के पास वापस जाना चाहती है क्योंकि आरोपी के पास जाली दस्तावेज थे और उसने इस्लाम में धर्मांतरण नहीं किया था।