फ्लैश न्यूजसाइबर संवाद
पत्रकारिता का सबक़,
इसी क्रम में 26 अक्तूबर 2003 को अमर सिंह सपरिवार मेरे वृंदावन निवास भजन कुटीर आए और वहाँ नाश्ता करने के बाद हम लोग गोवर्धन के लिए चल पड़े। चूँकि अमर सिंह उस समय उ0प्र0 में मुख्यमंत्री के बाद दूसरे नम्बर की पोजीशन रखते थे, इसलिए पूरा प्रशासन दर्जनों गाड़ियों का क़ाफ़िला लेकर साथ चला।
रास्ते में अमर सिंह ने एक मज़ेदार बात बताई। वे बोले, “कल संसद के सेंट्रल हॉल में जब सांसद मित्रों को बताया कि मैं आपके निमंत्रण पर वृंदावन जा रहा हूँ तो वो सब मुझसे बोले विनीत नारायण बहुत ख़तरनाक आदमी है, सम्भल कर जाना, कहीं तुम्हें किसी घोटाले में न लपेट दे।”
यह सुनकर हम दोनों ज़ोर का ठहाका लगाकर हंसे। अमर सिंह छत्र चढ़ा कर फिर वृंदावन आए और बिहारी जी के दर्शन कर जब वापिस जाने लगे तो वहाँ वीआइपी लेन में मौजूद अधिकारियों और लोगों की भीड़ को सम्बोधित करते हुए बोले, “विनीत नारायण जी, भारत के बहुत सम्मानित पत्रकार हैं। इनसे सब डरते हैं और इनकी इज़्ज़त करते हैं। आप सब इनके सेवा कार्यों में सहयोग करना।”
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