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नरेंद्र मोदी के संवैधानिक पद पर 20 साल पूरे, पिछले 7 सालों में PM रहते हुए ये बड़े फैसले बने तारीफ और विवादों के विषय

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संवैधानिक पदों पर रहते हुए 20 साल पूरे कर लिए पिछले 7 सालों से प्रधानमंत्री पद को संभाले नरेंद्र मोदी, इससे पहले 13 सालों तक लगातार गुजरात के मुख्यमंत्री रह चुके थे। 7 अक्टूबर, 2001 को नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप कार्यभार संभाला था। जब उन्हें तत्कालीन सीएम केशुभाई पटेल के स्वास्थ्य कारणों की वजह से पद दिया गया था। इसके बाद उनके नेतृत्व में तीन बार लगातार राज्य में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सरकार बनी। उन्होंने सबसे लंबे समय तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड बनाया था।

नरेंद्र मोदी का जन्म 17 सितंबर, 1950 को गुजरात के मेहसाणा जिले के वडनगर में हुआ था। वह कम उम्र में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) में शामिल हो गए थे. मुख्यमंत्री बनने से पहले वे बीजेपी में राष्ट्रीय सचिव और महासचिव पद पर भी रहे। सितंबर 2013 में उन्हें बीजेपी ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया था। 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बहुमत के साथ जीत के बाद नरेंद्र मोदी ने 26 मई को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद 2019 में बीजेपी की 303 सीटों पर ऐतिहासिक जीत के बाद वे दोबारा प्रधानमंत्री बने।

नरेंद्र मोदी ने कभी चुनावी हार का सामना नहीं किया। बीजेपी ने हाल ही में उनके जन्मदिन के मौके पर 20 दिनों के “सेवा और समर्पण” अभियान शुरू की थी। यह अभियान 7 अक्टूबर तक चलेगा। पार्टी इस दौरान मोदी के सार्वजनिक कार्यालय में 20 साल पूरा करने का भी जश्न मना रही है। पिछले 7 सालों में प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए उन्होंने कुछ बड़े फैसले लिए, जो देश भर में चर्चा का विषय बनी और कुछ विवादों में भी रहे।

नोटबंदी का फैसला
प्रधानमंत्री मोदी ने 8 नवंबर 2016 को अचानक 500 और 1,000 रुपए के उस समय चलन में जारी नोटों को बंद करने का ऐलान किया था। रात 8 बजे अपने संबोधन में उन्होंने इसके पीछे काला धन को खत्म करने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम बताया था। सरकार ने इसके बदले 500 रुपए और 2,000 रुपए के नए नोट जारी किए थे।

सरकार के अचानक लिए गए फैसले के बाद, देश भर में लोगों को बंद किए गए नोटों को बैंक में जमा कराने या उनके स्थान पर नए नोट लेने के लिए कई दिनों तक बैंकों के बाहर लंबी कतारों में खड़ा होना था। सरकार ने बाद में बताया कि उस समय (8 नवंबर 2016 को) प्रचलन में रहे 500 और 1,000 रुपए के 15.41 लाख करोड़ रुपए के नोटों में से 15.31 लाख करोड़ रुपए के नोट सरकार के पास वापस आ गए।

2016 का सर्जिकल स्टाइक
18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में हुए भारतीय सेना के मुख्यालय पर आतंकवादियों ने हमला किया था। जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद पीएम मोदी ने हाई लेवल बैठक कर इसका बदला लेने का फैसला किया था। 28 सितंबर 2016 जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) स्थित आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाते हुए सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया।

2019 का बालाकोट एयरस्ट्राइक
14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती बम हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के 40 जवान मारे गए थे। इसके 12 दिन बाद, 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना के लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा (LoC) पार कर पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी लांचिंग पैड को तबाह कर दिया था। वायुसेना ने इस ऑपरेशन के दौरान आंतकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े प्रशिक्षण शिविर पर बम बरसाए थे। इस संगठन ने पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली थी।

जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म किया
अपने दूसरे कार्यकाल में, 5 अगस्त 2019 को प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद-370 को निरस्त कर जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस ले लिया था। इसके बाद उसने तत्कालीन राज्य को विभाजित कर दो केंद्रशासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख का गठन किया था।

हिंसा और विरोध की आशंका को देखते हुए सरकार ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों, बड़ी संख्या में राजनेताओं और कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया था और इंटरनेट बंद कर दिया था. राज्य में लंबे समय तक 4जी इंटरनेट बंद रहा था। जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को रद्द करने के केंद्र के फैसले की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई है।

नागरिकता संशोधन कानून
साल 2019 में केंद्र सरकार ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) कानून लाया गया था. सीएए के तहत बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में दमन के शिकार ऐसे अल्पसंख्यकों गैर-मुस्लमों को नागरिकता प्रदान की जाएगी। जो 31 दिसंबर 2014 तक भारत आ गए थे। तब इस कानून का विरोध पूरे देश में व्यापक रूप से देखने को मिला था, इसकी वजह से इसे अमल में नहीं लाया गया था. इन्हीं विरोध प्रदर्शनों के बीच 2020 की शुरुआत में दिल्ली में दंगे हुए थे।

‘तीन तलाक’ को खत्म करने के लिए कानून
30 जुलाई 2019 को संसद से “तीन तलाक” के खिलाफ कानून पारित किया गया। इसे सरकार ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक, 2019 नाम दिया था। प्रधानमंत्री मोदी ने कानून पारित होने के बाद कहा था कि यह विधेयक मुस्लिम महिलाओं की गरिमा को सुनिश्चित करने और उसे अक्षुण्‍ण रखने के लिए उठाया गया एक ऐतिहासिक कदम है।

उन्‍होंने कहा था कि यह बिल मुस्लिम महिलाओं के जीवन में आशा और सम्मान का एक नया युग लाएगा. सरकार ने कानून के एक साल पूरा होने के बाद दावा किया था कि “तीन तलाक” की घटनांओं में 82 फीसदी से ज्यादा की कमी आई है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 29 जुलाई 2020 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को मंजूरी दी थी. इसे यह 34 साल पुरानी राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NPE), 1986 की जगह लाया गया था। केंद्र सरकार के मुताबिक, एनईपी 2020 का लक्ष्य व्यवसायिक शिक्षा सहित उच्चतर शिक्षा में सकल नामांकन अनुपात को 26.3 प्रतिशत (2018) से बढ़ाकर 2035 तक 50 प्रतिशत करना है। उच्चतर शिक्षा संस्थानों में 3.5 करोड़ नई सीटें जोड़ी जाएंगी। इसके अलावा स्कूल के पाठ्यक्रमों को व्‍यावहारिक जानकारियों से लैस किया जाएगा।

स्कूल पाठ्यक्रम के 10+2 ढांचे की जगह 5+3+3+4 का नया पाठयक्रम संरचना लागू किया जाएगा जो क्रमशः 3-8, 8-11, 11-14, और 14-18 उम्र के बच्चों के लिए है। सरकार ने कहा है कि एनईपी 2020 के तहत स्कूल से दूर रह रहे लगभग 2 करोड़ बच्चों को मुख्य धारा में वापस लाया जाएगा।

देशव्यापी लॉकडाउन का फैसला
पिछले साल कोरोना महामारी आने के बाद 24 मार्च, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशव्यापी लॉकडाउन लगाने की घोषणा कर दी थी। 22 मार्च, 2020 को 14 घंटे की ‘जनता कर्फ्यू’ के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 21 दिनों के लिए देश में संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया था। जब लॉकडाउन की घोषणा हुई थी। उस वक्त देश में कोरोना वायरस के कुल 536 मामले थे।

ये फैसला काफा विवादित रहा था। शहरों में काम बंद होने की वजह से गांवों और अपने घरों की तरफ हजारों लोग पैदल पलायन कर गए थे। इस दौरान कई लोगों ने अपनी जान भी गंवाई। लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं के लिए ट्रांसपोर्ट को छोड़कर सभी तरह की यातायात सुविधा- सड़क, रेल, हवाई यात्रा सब बंद कर दी गई थी।

 

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