
कोरोना से मौत के फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर मुआवजा लेने पर सुप्रीम कोर्ट ने जताई चिंता
देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना वायरस से मौत का फर्जी मेडिकल सर्टिफिकेट बनवाकर मुआवजा मांगने को लेकर चिंता जताई है। यह बात तब सामने आई, जब केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि कोरोना से मौत के जाली कागज बनवाकर मुआवजे के लिए दावा किया जा रहा है।
केंद्र की बात सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला लिया है और इस मामले को नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (CAG) से जांच कराने के संकेत दिए। मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केंद्र सरकार को फर्जी दावों के संबंध में 15 मार्च तक हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा।
अब इस मामले की सुनवाई 21 मार्च को होगी। केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने बताया था। कि कोरोना से होने वाली मौत के मामले में आश्रित परिजनों को मुआवजा देने में दिक्कत आ रही है। क्योंकि कई लोग फर्जी सर्टिफिकेट बनाकर मुआवजे का दावा कर रहा है। तुषार मेहता ने कहा कि डॉक्टर अन्य कारणों से हुई मौत को भी कोरोना से हुई मौत बताते हुए नकली प्रमाणपत्र दे रहे है।
देशभर में कोरोना से मौत का आंकड़ा 5 लाख के पार
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, अब तक कोरोना से 4,24,41,449 लोग ठीक हो चुके हैं और मौतों का आकड़ा 5,15,877 पर पहुंच गया है। मृत्युदर 1.20 प्रतिशत है। देश में अब तक कोविड-19 टीके की 1,80,19,45,779 करोड़ से अधिक खुराकें दी जा चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक जिन लोगों की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत हुई है। उनमें से 70 प्रतिशत से अधिक मरीजों को अन्य बीमारियां भी थी।
महाराष्ट्र में आधिकारिक मौत के आंकड़ों से ज्यादा मुआवजे का दावा करने वाले लोग
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को कोरोना की वजह से जान गंवाने वाले परिवार को 50,000 मुआवजे के तौर पर देने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि जान गंवाने वाले परिवार को आवेदन करने के 30 दिनों के भीतर पैसा वितरित किया जाना चाहिए। महाराष्ट्र में मुआवजे के दावों की संख्या हैरान करती है। क्योंकि यहां 241,000 से अधिक लोगों ने मुआवजे का दावा किया। जबकि राज्य में कोरोना वायरस के कारण आधिकारिक मौत का आंकड़ा 143,706 है।