उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 विधानसभा में पास
विपक्ष ने प्रवर्तन समिति को भेजने की सिफारिश की
लखनऊ—उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2021 विधानसभा में बुधवार को पास हो गया। संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि ऐसे पाया गया कि धर्म परिवर्तित कर धोखाधड़ी करके शादी की जा रही है। इसपर इस कानून के माध्यम से सज़ा का प्रावधान किया गया है।
सदन में संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इस तरह से धोखाधड़ी करने पर कम से कम तीन वर्ष अधिकतम 10 वर्ष जेल की सजा होगी। स्वेच्छा से धर्म परिवर्तन करने वाले को दो माह पहले सूचना देनी होगी। आपको बता दें कि सरकार पहले ही अध्यादेश जारी कर चुकी है। आज विधानसभा में इसे पास कराया गया।
विपक्ष ने किया विरोध
हालांकि विपक्ष ने इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की सिफारिश की। कांग्रेस नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा ने कहा कि विवाह करना निजता से जुड़ा मामला है। इसे जबरन रोकना उचित नहीं है। इसलिए इस विधेयक को प्रवर समिति को भेजा जाए, ताकि इस पर सुझाव आ सके, इसके बाद इसे लागू किया जाए। वहीं सपा के संजय गर्ग ने कहा कि यह विधेयक अधिकार छीनने वाला है, संविधान विरोधी है।
लिहाजा इस विधेयक को प्रवर समिति के पास भेजा जाए। वहीं बसपा नेता विधानमंडल दल लालजी वर्मा ने कहा कि इस विधेयक की जरूरत ही नहीं है। सरकर स्वतः ही वापस ले। उन्होंने कहा कि गलत तरीके से विवाह करने के मामले में कार्रवाई के लिए पहले से ही कानून मौजूद है। दो महीना पहले जिलाधिकारी और पुलिस के चक्कर काटने पड़ेंगे। यदि इतनी ही इसकी जरूरत है तो इसे प्रवर समिति को भेजा जाए।
सरकार ने दिया यह तर्क
इस पर सुरेश खन्ना ने सदन के समक्ष स्पष्ट किया कि विपक्ष गुमराह कर रहा है। यह विधेयक संविधान विरोधी नहीं है। स्वेच्छा से विवाह करने वालों का हम स्वागत करते हैं। धोखा, फरेब और कपट के साथ विवाह करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की व्यवस्था की गयी है।