इस शख्स के शरीर में हैं पांच किडनी, चेन्नई में अनोखा मामला
आज दुनिया विज्ञान के मामले में बहुत आगे निकल गई है। विज्ञान इतनी विकसित हो चुकी है कि वह इंसान के शरीर के अंदर हो रही कोई भी समस्या को चुटकी में ठीक करने का दावा करता है। ऐसा ही कुछ भारत में हुआ है जिसे सुनकर शायद आप भी काफी हैरान हो जाएंगे। विज्ञान और चिकित्सा से जुड़ा एक ऐसा मामला भारत से आया है जिसे सुनकर आप काफी हैरान तो होंगे ही लेकिन आपको विज्ञान और चिकित्सा पर भरोसा और बढ़ जाएगा। तमिलनाडु के शहर चेन्नई में एक शख्स ने किडनी का ट्रांस्प्लांट कराया है। इसमें हैरान करने वाली बात यह है कि इस शख्स के शरीर में कुल 5 किडनियां हैं। अब यह खबर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। इस शख्स को जीवन दान करने वाले डॉक्टर्स ने चमत्कार करके दिखा दिया है।
कैसे हुआ यह चमत्कार?
बता दें कि 41 साल के इस शख्स का ऑपरेशन मद्रास मेडिकल मिशन में हुआ है। किडनी की समस्या शख्स को 14 साल से ही शुरू हो गई थी। बता दें कि 14 साल की उम्र में ही शख्स की किडनी फेल हो गई थी, तब उसका पहला ट्रांस्प्लांट हुआ जोकि 9 साल तक सफल रहा। इसके बाद शख्स को साल 2005 में अपना दूसरा ट्रांस्प्लांट कराया जोकि 12 साल तक चला जिसके 4 साल बाद ही शख्स को हर सप्ताह 3 बार अपना डायलिसिस कराना पड़ता था।डॉक्टरों के मुताबिक, किडनी की गंभीर समस्या से गुजर रहे लोगों को काफी मुसीबतों का सामना करना पड़ता है। इसमें किडनी खून की गंदगी को पेशाब के रास्ते बाहर निकालना बंद कर देती है जिससे इंसान के शरीर में कई तरह की बिमारियां बनने लगती है। इस वजह से किडनी का फंक्शन डायलिसिस मशीन के जरिए होने लगता है।
डॉक्टरों ने बताया कि चेन्नई के इस शख्स का पहला और दूसरा ट्रांस्प्लांट विफल हाइपरटेंशन बढ़ने के कारण विफल हो गया था। बढ़ती समस्या के बीच शख्स का तीन बायपास सर्जरी हुआ क्योंकि उसके दिल पर काफी बुरा असर पड़ रहा था। तीसरी किडनी के ट्रांस्प्लांट के बीच डॉक्टर्स को को हैरानी इसलिए हुई क्योंकि डॉक्टर्स को समझ नहीं आ रहा था कि वह तीसरी किडनी को फिट कहां करें और यह कैसे होगा? बता दें कि शख्स के शरीर में पहले से ही 4 किडनी मौजुद थी जिसमें से 2 उसकी अपनी थी और 2 दो ट्रांस्प्लांट की हुई किडनी थीं। 5वीं किडनी को फिट करना डॉक्टरों के लिए काफी चुनौतीपूर्ण थी। क्योंकि किडनी को खून की धमनियों से जोड़ना जरूरी था। पिछले महीने 10 जुलाई को मरीज का तीसरा ट्रांस्प्लांट हुआ।
डॉक्टरों ने नई किडनी को आंतों के करीब फिट किया और दिल की धमनियों से जोड़ा। शरीर में पहले से मौजुद 4 किडनियों को इसलिए डॉक्टरों ने नहीं निकाला क्योंकि उससे खून का बहाव काफी होता जिससे मरीज का ब्लड ट्रांस्फ्यूजन यानि की शरीर में नया खून डालना पड़ता। ऐसा करने से शरीर में एंटीबॉडी बनती जोकि नई किडनी को नहीं अपना पाती। ऐसा मामला काफी हैरान और चमत्कारी है। डॉक्टरों ने मरीज को कुछ महीने के लिए अडंर कंडीशन में रखा है, यह सुनिश्चित करने के लिए शख्स का इम्यून सिस्टम सही से काम कर रहा है या नहीं।