
एस. श्रीसंत को बड़ी राहत, केरल हाईकोर्ट ने लाइफ बैन हटाया
नई दिल्ली: केरल हाईकोर्ट ने बीसीसीआई को क्रिकेटर S. Sreesanth से आजीवन प्रतिबंध हटाने का आदेश दिया है. बीसीसीआई ने Sreesanth पर स्पॉट फिक्सिंग के आरोप के बाद प्रतिबंधित लगाया था. अदालत ने मार्च में क्रिकेटर द्वारा दायर की गई याचिका पर विचार के बाद सोमवार को यह आदेश जारी किया. सवाल है कि क्या हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद श्रीसंत क्रिकेट खेल पाएंगे? दरअसल, 2015 में दिल्ली अदालत के बेकसूर करार दिया. बावजूद बीसीसीआई ने Sreesanth से बैन नहीं हटाया था, जिसके बाद उन्होंने केरल कोर्ट में बोर्ड के खिलाफ याचिका दायर की थी.
हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद Sreesanth ने ट्वीट करके कहा, ‘गॉड इज ग्रेट, प्यार और सपोर्ट के लिए शुक्रिया’. गौरतलब है कि S. Sreesanth टीम इंडिया के उभरते हुए तेज गेंदबाज रहे हैं, लेकिन बीसीसीआई ने स्पॉट फिक्सिंग के आरोपों के बाद उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद श्रीसंत ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. निचली कोर्ट ने भी Sreesanth के पक्ष में फैसला सुनाया था, लेकिन बीसीसीआई ने प्रतिबंध हटाने से मना कर दिया था. फिर श्रीसंत ने हाईकोर्ट में अपील की.
2013 में आईपीएल के अंतिम चरण में स्पॉट फिक्सिंग की खबरें सामने आ गईं. 16 मई 2013 को श्रीसंत और राजस्थान रॉयल्स के उनके दो अन्य साथी खिलाड़ी अजित चंदीला और अंकित चव्हाण गिरफ्तार हुए थे. आईपीएल-6 में स्पॉट फिक्सिंग के आरोप दिल्ली पुलिस ने इन तीनों को मुंबई में गिरफ्तार किया था.
पटियाला हाउस कोर्ट ने कर दिया था श्रीसंत को बरी
दिल्ली पुलिस की चार्जशीट में इन खिलाड़ियों के साथ 39 दूसरे लोगों को भी आरोपी बनाया गया. दिल्ली पुलिस के पूर्व कमिश्नर नीरज कुमार ने दावा किया था कि ये खिलाड़ी न सिर्फ सट्टेबाजी, बल्कि स्पॉट फिक्सिंग में भी लिप्त थे. 10 जून 2013 को श्रीसंत, चंदीला और च्व्हाण को भी जमानत मिल गई. 25 जुलाई 2015 को आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग केस पटियाला हाउस कोर्ट ने सभी आरोपियों को बरी कर दिया. कोर्ट ने श्रीसंत, अजित चंदीला और अंकित चव्हाण पर लगे पुलिस के सभी आरोपों को खारिज कर दिया. कोर्ट ने सबूतों के अभाव में आरोपियों को बरी किया था.
बीसीसीआई ने नकार दी थी श्रीसंत की अपील
18 अप्रैल 2017 को बीसीसीआई ने एस श्रीसंत पर आजीवन बैन की समीक्षा की. बीसीसीआई ने इस तेज गेंदबाज की अपील को खारिज कर दिया. बीसीसीआई ने दो टूक कहा कि वह भ्रष्टाचार के प्रति शून्य सहिष्णुता की नीति से कोई समझौता नहीं करेगा. श्रीसंत को पत्र लिखकर अपने फैसले की सूचना दे दी गई.