एप्पल को भी पीछे छोड़ा चीनी कम्पनी शाओमी ने – Canalys स्मार्ट फोन्स शिपमेंट रिपोर्ट
स्मार्ट फोन्स की दुनिया में एप्पल कम्पनी अपने क्वालिटी प्रोडक्ट्स फोन्स को लेकर पहचानी जाती है। लिहाजा ये दुनिया की दूसरी सबसे ज्यादा फोन निर्माण करने वाली कम्पनी का रुतबा रखती थी। लेकिन ऐप्पल से पहली बार ये रुतबा चीनी कम्पनी शाओमी कॉर्प ने छीन लिया है। ये उपलब्धि को अचंभे के तौर पर भी देखा जा रहा है।
शाओमी की 17% शिपमेंट ग्रोथ
ये दावा ग्लोबल टेक्नोलॉजी मार्केट एनालिस्ट फर्म कनालिस (Canalys) ने 2021 के क्वार्टर 2 में स्मार्ट फोन्स शिपमेंट ग्रोथ की प्रिलिमिनरी रिपोर्ट के जरिए किया है। कनालिस की रिपोर्ट कहती है। कि फोन शिपमेंट के मामले में चीनी मोबाइल फोन निर्माता कम्पनी शाओमी ने एप्पल को भी पीछे छोड़ते हुए उसके दूसरे पायदान का रुतबा छीन लिया है। वर्ल्ड वाइड शाओमी के स्मार्ट फोन शिपमेंट में 17% की ग्रोथ आकी गई है।
कनालिस की रिपोर्ट कहती है। कि क्वार्टर 2 में शाओमी के शिपमेंट ग्रोथ में 17% की ग्रोथ देखी गई है। जो उसे फोन मेकर्स के दूसरे पायदान पर पहुंचाती है। पहले इस दूसरे पायदान पर एप्पल कम्पनी हुआ करती थी। 2021 के क्वार्टर 2 में शिपमेंट के मामले में एप्पल की शिपमेंट 14% रही है। हालांकि 19% शिपमेंट के साथ पहले पायदान पर सैमसंग काबिज़ है।
जबकि अगर सालाना ग्रोथ की बात की जाए तो शाओमी सबसे आगे बढ़ता दिखाई दे रहा है। शाओमी 83+ और सैमसंग 15+ दर्शाया जा रहा है। वहीं एप्पल में सालाना ग्रोथ केवल 1+ की मानी जा रही है। दस-दस फीसदी के शिपमेंट ग्रोथ के साथ ओप्पो और वीवो ने स्ट्रांग मोमेंटम बनाए रखते हुए टॉप 5 में जगह बनाने में कामयाबी हासिल की है। इन दोनों कम्पनियों में क्रमश: 28% और 27% सालाना ग्रोथ देखी जा रही है।
शाओमी का ओवरसीज़ बिजनेस तेजी से बढ़ रहा – रिसर्च मैनेजर
कनालिस रिसर्च मैनेजर बेन स्टैनटन कहते है। मिसाल के तौर पर लैटिन अमेरिका में ही शाओमी की शिपमेंट में 300% की ग्रोथ देखी गई है। इसी तरह अफ्रीका में 150% और पश्चिमी यूरोप में 50% शिपमेंट बढ़ी है। वे बताते हैं कि ये उपब्धि ऐसे ही नहीं मिली है।
कनालिस की रिपोर्ट ये भी बताती है कि 2021 के दूसरी तिमाही में दुनिया भर में स्मार्ट फोन्स के शिपमेंट में 12% की बढ़त देखी गई है। इस सफलता के पीछे सबसे बड़ी वजह दुनिया भर में जोरो शोरों से चलाए जा रहे वैक्सीनेशन कार्यक्रम के साथ अर्थव्यवस्थाओं और नागरिकों का आकार लेता न्यू नॉर्मल भी इसके पीछे एक बड़ी वजह है।