क्रिप्टोकरेंसी रखने वाले सावधान, नॉर्थ कोरिया के हैकरों ने उड़ाए 16,000 करोड़
क्रिप्टोकरेंसी की हैकिंग में बड़ा उछाल देखा जा रहा है। हैकिंग की घटना में 60 परसेंट तक बढ़ोतरी हुई है। यह आंकड़ा इस साल के शुरुआती 7 महीने के हैं. हैकिंग में 1.9 बिलियन डॉलर (लगभग 16000 करोड़ रुपये) की चपत लगी है। डी-सेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) प्रोटोकॉल के फंड से चोरी की घटनाओं में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिली है। यह रिपोर्ट ब्लॉकचेन एनालिसिस फर्म चेनलिसिस ने मंगलवार को जारी की है। पिछले साल इसी अवधि में हैकरों ने 1.2 बिलियन डॉलर की क्रिप्टोकरेंसी की चोरी की थी। यानी एक साल में ऐसी वारदातों में लगभग दोगुने की बढ़ोतरी देखी गई है।
यह चोरी DeFi एप्लिकेशन में की गई है। इस एप्लिकेशन का अधिकांश काम इथीरियम ब्लॉकचेन पर चलता है। यह एप्लिकेशन एक फाइनेंशियल प्लेटफॉर्म है जहां बैंकों से इतर क्रिप्टोकरेंसी की खरीदारी होती है। चेनलिसिस की रिपोर्ट बताती है कि चोरी की ऐसी घटनाओं में बहुत जल्द कोई सुधार दिखने वाला नहीं है और न ही इसे बहुत जल्द रोका जा सकेगा। 190 मिलियन डॉलर के क्रॉस चेन ब्रिज नोमैड और 5 मिलियन डॉलर के सोलाना वॉलेट की हैकिंग केलव अगस्त के पहले हफ्ते में हुई है।
क्यों हो रही क्रिप्टो की चोरी
रिपोर्ट में कहा गया है कि DeFi प्रोटोकॉल में क्रिप्टो की चोरी आशंका सबसे अधिक बनी रहती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इसका ओपन सोर्स कोड होता है जिसे आसानी से पढ़ा जा सकता है। साइबर अपराधी इसी बात का फायदा उठाकर क्रिप्टोकरेंसी की आसानी से हैकिंग कर लेते हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि हैकिंग की घटना उत्तर कोरिया के ‘बैड एक्टर्स’ (हैकिंग करने वाले चोर) सबसे अधिक करते हैं और इसमें खास तौर पर इलिट हैकिंग यूनिट जैसे कि लेजारूस ग्रुप शामिल है।
उत्तर कोरिया का आतंक
चेनलिसिस की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर कोरिया से जुड़े हैकर ग्रुप ने इस साल लगभग 1 बिलियन डॉलर या 8,000 करोड़ रुपये की क्रिप्टोकरेंसी चुराई है। ये सभी चोरी DeFi प्रोटोकॉल से की गई है। इस जुलाई महीने तक चोरी की घटना में कुछ कमी देखी गई क्योंकि डिजिटल एसेट के दाम में गिरावट दर्ज की जा रही थी। ब्लॉकचैन इंटेलिजेंस फर्म चेनलिसिस ने जुलाई के दौरान 65% की तेज गिरावट देखी। जुलाई तक कुल घोटाला $1.6 बिलियन डॉलर का था। जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में लगभग $4.46 बिलियन से 65% कम था।


