
शिक्षा महानिदेशक सहित 6 IAS अफसरों का तबादला
शासन ने देर रात शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद सहित 6 आईएएस अफसरों के तबादले कर दिए। विजय किरण आनंद के तबादले के बाद लोगों को यकीन नहीं हुआ कि ऐसा भी हो सकता है।
उनकी जगह पर अभी तक आईजी निबंधन के पद पर तैनात रही आईएएस अधिकारी कंचन वर्मा को शक्षा महानिदेशक की कमान सौंपी गई है।
कंचन वर्मा भी तेज तर्रार अधिकारी हैं। सरकारी शिक्षा व्यवस्था का एक अच्छा अनुभव भी रखती हैं। वहीं विजय किरन आनंद को प्रयागराज में महाकुंभ मेला अधिकारी बनाया गया। लेकिन विजय किरण आनंद की वापसी महानिदेशक पद पर फिर होगी लेकिन ये कब? आगे पढ़िए…….
इन अधिकारियों के भी हुए तबादले
इसके अलावा विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा के पद तैनात रहे डा. रूपेश कुमार को आईजी निबंधन उत्तर प्रदेश, सुखलाल भारती विशेष सचिव कृषि उत्पादन आयुक्त शाखा को विशेष सचिव माध्यमिक शिक्षा बना गया है।
अपर खाद्य आयुक्त उत्तर प्रदेश तथा सचिव सतर्कता आयोग अनिल कुमार अब प्रभारी आयुक्त एवं निबंधक सहकार समितियां के पद पर तैनात किए गए हैं।
वहीं अपर आवास आयुक्त आवास विकास परिषद उप्र डा. विपिन कुमार मिश्रा को अपर खाद्य आयुक्त उत्तर प्रदेश के साथ ही सचिव सतर्कता आयोग के पद पर तैनाती दी गई है।
विजय किरण आनंद की होगी वापसी
शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद को महाकुंभ मेला प्रभारी की दोबारा कमान सौंपी गई है। बता दें कि इससे पहले भी कुंभ मेले की कमान विजय किरण आनंद संभाल चुके हैं।
करोड़ों की भीड़ के साथ आयोजित होने वाले इस मेले के दौरान चुनौती भी रहती हैं। ऐसे में विजय किरण आनंद पर शासन को भरोसा है कि वह अपने कुशल नेतृत्व में मेले का आयोजन पूरा करायेंगे।
इस महाकुंभ की तैयारी हो चुकी है। इसकी इसी साल जुलाई से ही तैयार हो रही थी ऐसे में ये तभी तय हो गया था कि विजय किरण आनंद को शिक्षा महानिदेशक पद से हटाया जायेगा। इससे पहले लोगों ने उनके हटाये जाने की अफवाह भी उड़ा दी थी।
लेकिन तब नहीं हटाया गया था। लेकिन मेला समाप्त होने के बाद फिर से विजय किरण आनंद की वापसी शिक्षा महानिदेशक पद पर होगी।
अभी भी देख रहे थे मेले से जुड़ी तैयारियां
बता दें कि विजय किरण आनंद मेले से जुड़ी तैयारियां शिक्षा महानिदेशक रहते हुए भी देख रहे थे। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी सहित कई अन्य विभाग के अधिकारियों के साथ उनकी निगरानी में बैठक कर रूप रेखा तैयार की जा रही थी।
कई बार पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के साथ मेले से जुड़ी तैयारियों को लेकर आईएएस विजय किरण आनंद ने अपने कार्यालय में ही बैठक की थी।
इस दौरान पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारियों का शिक्षा महानिदेशक कार्यालय आना जाना लगा रहता था। तभी से कयास लगाये जा रहे थे कि उनका तबादला किसी भी समय हो सकता है।
टैबलेट वितरण के बाद से नाराज थे शिक्षक
बता दें कि यूपी के सरकारी स्कूलों में टैबलेट वितरण कर दिया गया है। इसी टैबलेट से 12 प्रकार की पंजिकाओं को आनलाइन करते हुए काम किया जायेगा। इसमें पहले नंबर शिक्षकों को रियल टाइम उपस्थिति का मामला फंस रहा था।
इसको लेकर शिक्षकों ने काफी विरोध दर्ज कराया, जब योगी सरकार ने बात नहीं मानी तो कुछ शिक्षकों ने केन्द्र सरकार को भी चिठ्ठी लिखी लेकिन ये तय माना जा रहा है कि टैबलेट व्यवस्था पर अमल होकर ही रहेगा।
जाते-जाते विजय किरण आनंद टैबलेट सुरक्षा की दे गये जिम्मेदारी
शिक्षा महानिदेशक विजय किरण आनंद जाते-जाते भी जिम्मेदारी सौंपना नहीं भूले। इस संबंध में उन्होंने बुधवार को एक आदेश जारी करते हुए परिषदिय विद्यालयों में डिजिटल सुविधाओं के अंतर्गत आईसीटी लैब, टैबलेट, स्मार्ट क्लास के रखरखाव की जिम्मेदारी सभी
शिक्षकों व प्रधानाध्यापकों को दे दिया। उन्होंने 6 दिसंबर को एक आदेश जारी किया जिसमें स्पष्ट किया इन उपकरणों की सुरक्षा का ध्यान रखना होगा।
तेज तर्रार छवि के साथ निर्णय लेने में नहीं लगाई देरी
यूपी में शिक्षा महानिदेशक के पद पर पहली तैनाती का श्रेय विजय किरण आनंद को जाता है। शिक्षा महानिदेशक पद पहले नहीं होता था। लेकिन बाद में योगी सरकार ने अपने पहले कार्यकाल में ये परिवर्तन कर दिया था।
तब विजय किरण आनंद को ही महानिदेशक बनाया गया था। विजय किरण आनंद ने उसके बाद शिक्षा व्यवस्था में तमाम बदलाव किए और उसका असर भी जमीनी स्तर पर दिखा। कई ऐसे निर्णय रहे जिसको लेकर लोगों ने कल्पना भी नहीं की थी उमसें टैबलेट व्यवस्था भी शामिल है।
कायाकल्प के माध्यम से स्कूलों को संवारा
विजय किरण आनंद ने आपरेशन कायाकल्प चलाकर प्रदेश के लगभग सभी स्कूलों की तस्वीर बदलने का काम किया। यही नहीं जिन विद्यालयों में कार्य नहीं हो सके वहां भी मौजूदा समय में व्यवस्थायें की जा रही हैं।
विजय किरण आनंद ने कई बार अधिकारियों की टीम गठित कर स्कूलों में औचक निरीक्षण कराये जिसमें पाया कि शिक्षक समय से स्कूल नहीं पहुंच रहे हैं।
बार-बार चेतावनी के बाद जब व्यवस्था नहीं सुधरी तो उन्होंने टैबलेट वितरण की योजना तैयार की और उसके बाद 1 लाख 25 हजार स्कूलों टैबलेट वितरित की।