चीन का ये नया कानून विदेशी कंपनियों के लिए खड़ी करेगा मुसीबत
चाइना ने नया जासूसी विरोधी कानून हाल ही में लागू किया है। इस कानून के लागू होने से विदेशी कंपनियों की मुश्किलें बढ़ गई है। चाइना का कहना है कि इस नए कानून से वो अपनी नेशनल सिक्योरिटी को मजबूत करेगा। बता दें, चीन सरकार इस कानून को साल 2014 मे लेकर आई थी। हालांकि इसे लागू अब किया गया है।
जब से कानून लागू हुआ है तब से ही विदेशी कंपनियों के बीच हड़कंप मच गई है। इस कानून से अब चीन को जासूसी करने वालों पर नजर रखने की परमिशन मिल गई है। कानून के मुताबिक चीन जासूसी के शक से जुड़े किसी भी डॉक्यूमेंट्स, डेटा, मटेरियल और आर्टिकल की जांच कर सकता है।
विदेशी कंपनियों ने जताई चिंता
नए जासूसी कानून से चीन जासूसी करने वालों पर कड़ी नजर रखेगा। वहीं अगर उसे जरा भी शक होगा तो उससे जुड़ी चीजों की जांच भी कर सकता है। इससे चीन में व्यापार कर रही लाखों कंपनियों ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है और इसका विरोध भी किया है। उनका कहना है की एक तो पहले से ही अमेरिका और चीन के बीच चल रही टेंशन का माहौल है। जिस वजह से वातावरण भी खराब है। अब इस कानून के आने से व्यापार करने का माहौल भी खराब हो जायेगा।
डगमगा जायेगा चीन पर भरोसा
कई विशेषज्ञों का कहना है कि चीन में कानून लागू होने से विदेशी कंपनियों का इनपर भरोसा करना मुश्किल हो जायेगा. इसका सीधा असर ये चीन की इकॉनमी पर पड़ेगा और बहुत सी कपनियां दूसरे देशों में शिफ्ट होने लगेंगी। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यूरोपियन यूनियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के प्रेसिडेंट Jens Eskelund ने कहा कि हमें और किस चीज का पालन करना है, स्टेट सीक्रेट क्या होता है, हमारे पास क्या जानकारी नहीं होनी चाहिए? ये सभी चीजें हमे पता होनी चाहिए।



