
मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन की शीर्ष समिति की चतुर्थ बैठक संपन्न
लखनऊ: मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में राज्य पेयजल एवं स्वच्छता मिशन की शीर्ष समिति की चतुर्थ बैठक आयोजित की गई, जिसमें ग्रामीण पेयजल योजनाओं की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति तथा जल जीवन मिशन के अन्तर्गत की जाने वाली विभिन्न गतिविधियों की अद्यतन स्थिति से अवगत कराया गया।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़कों को गड्ढामुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है। जल जीवन मिशन के अन्तर्गत पाइप डालने हेतु जिन सड़कों की खुदाई की गई है, उनकी मरम्मत में तेजी लाने के लिये ठेकेदारों को निर्देशित किया जाये। आईईसी एक्टिविटी के माध्यम से लोगों को कनेक्शन लेने के लिये, पानी की टेस्टिंग और योजनाओं के संचालन सहभागिता करने के लिये लोगों को प्रेरित किया जाये। इसके अलावा आईईसी एक्टिविटी के माध्यम से ग्रामवासियों में ओनरशिप की भावना विकसित की जाये, यह योजना उनके स्वास्थ्य और बेहतरी के लिये है।
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत लोगों को कनेक्शन देने के साथ सस्टेनेबिलिटी, गुणवत्ता, प्रमाणीकरण, सत्यापन, परियोजनओं के हैण्डओवर, यूजर चार्ज की वसूली पर विशेष तौर पर ध्यान केन्द्रित किया जाये। अवशेष सभी आंगनबाड़ी केन्द्रों व विद्यालयों को योजना से संतृप्त करने के साथ सत्यापित भी कराया जाये। लक्ष्य निर्धारित कर एक-एक जनपद, ब्लॉक व गांव को योजना से शत-प्रतिशत संतृप्त किया जाये।
बैठक में बताया गया कि अब तक प्रदेश में अब तक 92 प्रतिशत आगनबाड़ी केन्द्रों तथा 91 प्रतिशत विद्यालयों में नल से जल उपलब्ध कराया जा चुका है। पेयजल सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण के लिये टोल फ्री नंबर की व्यवस्था की जा रही है, जो कि अभी अण्डर ट्रायल है, शीघ्र ही इसको लाइव किया जायेगा। 98.33 प्रतिशत ग्राम में पेयजल एवं स्वच्छता समिति का गठन हो चुका है। राज्य में 98.68 प्रतिशत ग्राम में विलेज एक्शन प्लान व वाटर सिक्योरिटी प्लान तैयार किये जा चुके हैं।
जल जीवन मिशन के अन्तर्गत कौशल विकास एवं तकनीकी प्रशिक्षण के लिये प्रथम चरण में प्रत्येक ग्राम पंचायत में कुल 13 प्रतिभागी-02 प्लम्बर, 02 इलेक्ट्रीशियन, 02 फिटर, 02 पम्प आपरेटर, 02 मोटर मैकेनिक व 03 राजमिस्त्री को प्रशिक्षित किया जाना था। कुल 7,56,379 के सापेक्ष 7,56,075 प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। द्वितीय चरण में प्रत्येक ग्राम पंचायत में स्थित पेयजल स्रोत की एफ0टी0के0 माध्यम से जल गुणवत्ता जांच हेतु प्रति ग्राम से 05-05 महिलाओं को प्रशिक्षण का कार्य किया गया है। 99.94 महिलाओं का प्रशिक्षण कार्य पूरा हो चुका है। प्रशिक्षित महिलाओं द्वारा जल स्रोतों की जांच की जा रही है।
तृतीय चरण में 9,92,793 निर्वाचित एवं अन्य पंचायत प्रतिनिधियों के सापेक्ष 7,68,952 पंचायत प्रतिनिधियों को ब्लाक स्तर पर दो दिवसीय प्रशिक्षण दिया जा चुका है। चतुर्थ चरण में 5,23,746 आंगनबाड़ी कार्यकत्री, ग्रामीण स्कूल के अध्यापक, आशा, ए0एन0एम0 तथा एस0एच0जी0 की महिलाओं के प्रशिक्षण की कार्यवाही गतिमान है।
बैठक में प्रमुख सचिव नमामि गंगे श्री अनुराग श्रीवास्तव, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा डॉ0 शंमुगा सुंदरम एम0के0, प्रबंध निदेशक यूपी जल निगम (ग्रामीण) डॉ0 बलकार सिंह, ग्राम्य विकास आयुक्त श्री गौरी शंकर प्रियदर्शी सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारी गण तथा वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से भारत सरकार में निदेशक जल जीवन मिशन श्री प्रदीप सिंह उपस्थित थे।