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राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी का 28वाँ दीक्षान्त समारोह सम्पन्न

प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में आज बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय, झांसी का 28वाँ दीक्षान्त समारोह सम्पन्न हुआ। दीक्षान्त समारोह में राज्यपाल जी ने वर्चुअली जुड़कर समारोह को गति प्रदान की।

दीक्षान्त समारोह में कुल 61854 उपाधियां दी गईं तथा शोध विद्यार्थियों ने कुल 100 शोध उपाधियां प्राप्त की। मेधावी विद्यार्थियों को 34 कुलाधिपति पदक प्रदान किए गए, जिसमें 01 स्वर्ण पदक, 15 रजत पदक तथा 18 कांस्य पदक दिए गए। समारोह में 47 अन्य पदक भी प्रदान किए गए। इसके साथ ही डिजीलॉकर में कुल 61854 उपाधियां एवं 100 शोध उपाधियों को अपलोड किया गया।

राज्यपाल के निर्देश पर समारोह में डिजीलॉकर पर अपलोड उपाधियों को प्रदर्शित भी किया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ अंतरिक्ष वैज्ञानिक श्री नीलेश देसाई को डी0एस0सी0 की मानद उपाधि भी प्रदान की गई।

इस अवसर पर राज्यपाल जी द्वारा वर्चुअली विश्वविद्यालय परिसर में सेन्सेस डाटा रिसर्च वर्क स्टेशन, कैफेटेरिया व मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का लोकार्पण एवं मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में पवेलियन एवं बाउण्ड्री वाल, फार्मेसी तथा अर्थशास्त्र विभाग के नए भवन व नवीन कम्प्यूटर केन्द्र का शिलान्यास किया गया।

राज्यपाल की प्रेरणा से समारोह में विश्वविद्यालय एवं जिला प्रशासन द्वारा 111 आंगनवाड़ी किट वितरण तथा कार्यक्रम में प्रतिभाग कर रहे उच्च प्राथमिक विद्यालय से आए 30 बच्चों को पठन-पाठन एवं पोषण सामग्री प्रदान की गई। समारोह में विश्वविद्यालय की दीक्षान्त पत्रिका अनिमेष तथा अन्य पत्रिकाओं का विमोचन भी किया गया।

समारोह को वर्चुअली सम्बोधित करते हुए राज्यपाल जी ने उपाधि एवं पदक प्राप्त करने वाले सभी छात्र-छात्राओं को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दीं। राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों से कहा कि ये उनके जीवन का अहम मोड़ है, जहाँ से उनका ज्ञान देश और समाज के लिए समर्पित होगा। उन्होंने आजादी के पिचहत्तर साल बाद भारत में महिला सशक्तिकरण की दिशा में ठोस कार्यों के सम्पादन का उल्लेख करते हुए हाल ही में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम‘ पारित होने की विशेष चर्चा की।

उन्होंने कहा कि इस अधिनियम के माध्यम से लोकतंत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी। इसी क्रम में राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों से भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों की चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि चन्द्रयान-3 की सफलता के पीछे हमारे वैज्ञानिकों का वर्षों का परिश्रम है। उन्होंने कहा कि तमाम चुनौतियों के बावजूद हमारे कर्मठ वैज्ञानिकों तथा इंजीनियरों ने भारत की साख मजबूत की है।

शैक्षिक विकास में झांसी की उन्नति को लक्ष्य करते हुए राज्यपाल जी ने उपाधि एवं पदक प्राप्तकर्ताओं को जागरूक रहने और वैश्विक स्तर पर पहचान बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने विश्वविद्यालय में आधुनिक सूचना एवं संचार तकनीकी के प्रयोग, कार्यकुशलता और प्रभावी कार्य प्रणाली की सराहना की। जल संरक्षण के महत्व पर चर्चा करते हुए राज्यपाल जी ने विद्यार्थियों से कहा कि विश्व में पानी को आज सबसे महत्वपूर्ण संसाधन माना गया है। उन्होंने कभी कम जलस्तर के लिए जाने गए बुंदेलखण्ड में सरकार के प्रयासों से बदली तस्वीर और लोगों में जल संचयन के लिए आई जागरूकता की ओर विद्यार्थियों का ध्यान आकृष्ट किया।

अपने दीक्षान्त उद्बोधन में राज्यपाल जी ने भारत में प्रौद्योगिकी के विकास का नया युग तथा तेजी से विकसित होती अर्थव्यवस्था की चर्चा भी की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को सरकार की लाभार्थीपरक योजनाओं की जानकारी भी हो और विश्वविद्यालय इन जानकारियों का प्रसार दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र के लाभार्थियों तक पहुँचाकर उनका भी जीवन स्तर बेहतर करने में सहयोग करें। उन्होंने विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकी उपयोग के साथ-साथ अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कुछ समय तकनीकी वस्तुओं से दूर रहने के लिए भी प्रेरित किया।

राज्यपाल ने समारोह में प्रतिभागियों को आगामी 02 अक्टूबर गांधी जयन्ती के उपलक्ष्य में देश व्यापी ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान‘ से जुड़ने के लिए भी प्रेरित किया, जो कि 01 अक्टूबर को प्रातः 10 बजे से 01 घण्टे के लिए चलाया जायेगा। उन्होंने कहा कि स्वच्छता का ये कार्य ही गांधी जी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

इस अवसर पर समारोह के मुख्य अतिथि अध्यक्ष इण्डियन नेशनल साइंस अकादमी प्रो0 आशुतोष शर्मा ने कहा कि आत्मविश्वास उत्कृष्टता और सफलता की तरफ ले जाते हैं। शोधकर्ताओं में वैज्ञानिक सोच होनी चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए बताया कि जीवन को समृद्ध बनाने हेतु परिवर्तनकारी व जोखिम लेने वाले बनें। उन्होंने कहा कि भविष्य उनका है जो जीवन की विविधता को समझ कर उसका समुचित मूल्यांकन कर लाभ उठाते हैं।

विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा राज्यमंत्री श्रीमती रजनी तिवारी ने विद्यार्थियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि डिग्रियां हासिल करने के बाद परिवार, समाज एवं देश के विकास में योगदान दें।

विशिष्ट अतिथि एवं अंतरिक्ष वैज्ञानिक श्री नीलेश देसाई ने विद्यार्थियों को प्राप्त उपाधि और पदक को एक मूल्यवान संपत्ति बताया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा विदेशी भाषाओं सहित यथासंभव अधिक से अधिक भाषओं को सीखने का प्रयास करें।
इस अवसर पर समारोह में वर्चुअली जुड़े उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय, स्थानीय अतिथिगण, जनप्रतिनिधि, कार्यपरिषद एवं विद्या परिषद के सदस्यगण, अधिकारी एवं शिक्षकगण तथा विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएँ उपस्थित थे।

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