बाल भिक्षावृत्ति में संलिप्त बच्चों के पुनर्वास के लिए स्टेकहोल्डर के साथ बनाई गयी रणनीति या बाल भिक्षावृति से जुड़े बच्चों के पुनर्वास के लिए हितग्राहियों के साथ तीन दिवसीय प्रशिक्षण
लखनऊ – भीख मांगने के काम में जुड़े बच्चों की पहचान कर उन्हें पुनर्वासित करने के लिए लखनऊ में हितग्राहियों (स्टेकहोल्डर) के साथ तीन दिवसीय प्रशिक्षण कर रणनीति बनाई गयी कि कैसे इन बच्चों को भीख माँगना छुड़ाकर पुनर्वासित कर समाज की मुख्यधारा से जोड़ा जा सके.
व्यस्क भिक्षुकों के पुनर्वास के लिए लखनऊ में एक गैर सरकारी संगठन बदलाव बीते नौ सालों से काम कर रही है. इस संस्था के भिक्षावृति मुक्त अभियान के तहत अबतक 450 भिखारी भीख माँगना छोड़कर छोटे-छोटे रोजगारों से जोड़ा गया. इनमें से कई साथी अपने परिवार के साथ जुड़.
बदलाव संस्था द्वारा करीब 1400 भिखारियों को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़कर उन्हें लाभांवित करवाया गया. संस्था के संस्थापक शरद पटेल ने बताया, “बीते नौ साल से काम करते हुए मैंने अनुभव किया कि भिक्षावृति में संलिप्त बच्चों की संख्या लगातार बढ़ रही है. हमने इन बच्चों के साथ भी काम करने की कोशिश की पर बहुत सफलता मिली.
मुझे लगा सरकारी विभाग और स्टेकहोल्डर के साथ मिलकर एक रणनीति बनाएं ताकि मिलकर इन बच्चों के पुनर्वास के लिए बेहतर प्रयास किये जा सकें. इसी दिशा में तीन दिन का यह प्रशिक्षण का आयोजन किया गया.”
बच्चों को भीख मांगने के काम से छुड़ाकर उन्हें समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए तीन दिवसीय प्रशिक्षण को आयोजित करने का सहयोग सामाजिक न्याय एव अधिकारिता मंत्रालय के राष्ट्रीय समाज रक्षा संस्थान द्वारा किया गया. जिसे बदलाव एवं बाल कल्याण समिति द्वारा इस कार्यशाला का आयोजन लखनऊ के इन्दरानगर में स्थित पारिजात ट्रेनिंग सेंटर में किया गया. इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण 15 से 17 मार्च 2024 की शुरुआत मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग श्रीमती अनीता अग्रवाल,सदस्य ने दीप प्रज्ज्वलित कर की.