
ग्राहक को फ्लैट नहीं देने पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने बिल्डर पर लगाया लाखों रुपए का हर्जाना
लखनऊ। दिल्ली के एक आवंटी ने नोएडा में जय प्रकाश एसोसिएट्स को लाखों रुपये देकर फ्लैट बुक कराया। बाद में कुछ कमी बताकर फ्लैट का निर्माण नहीं कराया और दूसरी जगह आवंटन नहीं किया। इस मामले पर राज्य उपभोक्ता आयोग ने बिल्डर को 30 दिन के अंदर फ्लैट देने के साथ लाखों रुपये ब्याज समेत हर्जाना लगाया है।
साकेत नई दिल्ली निवासी विजेंद्र देवगन ने जय प्रकाश एसोसिएट लिमिटेड जेपी ग्रीन्स से नोएडा में 42,79,678 रुपये देकर खरीदा। बिल्डर ने उन्हें 1 जुलाई 2008 को फ्लैट संख्या 5-806 आवंटित किया। जिस पर 20 जुलाई 2011 को कब्जा देना था। और 13 अप्रैल 2012 को ट्रांसफर किया। इस पर जानकारी हुई कि वहां मिट्टी में कमी होने के कारण निर्माण नहीं किया जा सकता है।
इस वजह से फ्लैट बनाए ही नहीं गए। बिल्डर ने दूसरी जगह फ्लैट नहीं दिया न रुपये वापस किए। बल्कि 2013 में नोटिस भेजकर बुकिंग निरस्त कर दी।
विजेंद्र ने राज्य उपभोक्ता आयोग में वाद दायर किया। इसकी सुनवाई प्रिसाइडिंग जज राजेंद्र सिंह व विकास सक्सेना ने की। बिल्डर को आदेश दिया कि आवंटी को फ्लैट संख्या के-12 कैलिप्सो कोर्ट में 30 दिन के अंदर कब्जा दे। ऐसा न करने पर एक लाख रुपये प्रति माह बतौर हर्जाना फ्लैट न देने तक देना होगा।
इसके अलावा 42,79,678 रुपये पर 12 प्रतिशत ब्याज जमा करने की तिथि से एक माह के अंदर आवंटी को देना होगा। साथ ही मानसिक प्रताड़ना के पांच लाख रुपये 1 जुलाई 2011 से 12 प्रतिशत ब्याज के साथ 30 दिन के अंदर देने होंगे। यदि समय पर भुगतान नहीं किया तो 15 प्रतशित ब्याज के साथ भरना पड़ेगा।