विविध

Rohingya Muslims देश के लिए खतरनाक

Centre files affidavit in Supreme Court over rohingya muslim
Centre files affidavit in Supreme Court over rohingya muslim

नयी दिल्ली। केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि Rohingya Muslim शरणार्थी देश में ‘‘गैरकानूनी’’ हैं और उनका लगातार यहां रहना ‘‘राष्ट्र की सुरक्षा के लिये गंभीर खतरा ’’ है।

केन्द्र ने उच्चतम न्यायालय की रजिस्ट्री में इस मामले में एक हलफनामा दाखिल किया जिसमे कहा गया है कि सिर्फ देश के नागरिकों को ही देश के किसी भी हिस्से में रहने का मौलिक अधिकार है और गैरकानूनी शरणार्थी इस अधिकार के लिये उच्चतम न्यायालय के अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल नहीं कर सकते।

इससे पहले, सवेरे प्रधान न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड की तीन सदस्यीय खंडपीठ को केन्द्र की ओर से अतिरिक्त सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सूचित किया था कि इस मामले में आज ही हलफनामा दाखिल किया जायेगा।

पीठ ने मेहता के कथन पर विचार के बाद रोहिंग्या मुस्लिम शरणार्थियों को वापस भेजे जाने के खिलाफ दो रोहिंग्या मुस्लिम मोहम्मद सलीमुल्ला और मोहम्मद शाकिर की जनहित याचिका पर सुनवाई तीन अक्तूबर के लिये स्थगित कर दी।

गृह मंत्रालय द्वारा दायर हलफनामे में सरकार ने कहा, ‘‘संविधान के अनुच्छेद 19 में प्रदत्त सांविधानिक अधिकारों से स्पष्ट है कि भारत की सीमा के किसी भी हिस्से में रहने और बसने तथा देश में स्वतंत्र रूप से कहीं भी आने जाने का अधिकार सिर्फ भारत के नागरिकों को ही उपलब्ध है।

कोई भी गैरकानूनी शरणार्थी इस न्यायालय से ऐसा आदेश देने के लिये अनुरोध नहीं कर सकता है जो प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सामान्य रूप में मौलिक अधिकार प्रदान करता है।’’

केन्द्र ने कहा कि रोहिंग्या शरणार्थी गैरकानूनी हैं और उनका यहां लगातार रहना देश की सुरक्षा के लिये गंभीर खतरा है। साथ ही केन्द्र ने कहा कि वह इस मामले में सुरक्षा खतरों और विभिन्न सुरक्षा एजेन्सियों द्वारा एकत्र जानकारी का विवरण सीलबंद लिफाफे में पेश कर सकता है।

न्यायालय में केन्द्र ने कहा कि चूंकि भारत ने 1951 की शरणार्थियों के दर्जे से संबंधित संधि और 1967 के शरणार्थियों के दर्ज से संबंधित प्रोटोकाल पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं, इसलिए याचिकाकर्ता इस मामले में इनका सहारा नहीं ले सकते हैं।

केन्द्र के अनुसार इन्हें वापस भेजने पर प्रतिबंध संबंधी प्रावधान की जिम्मेदारी 1951 की संधि के तहत आती है। यह जिम्मेदारी सिर्फ उन्हीं देशों के लिये बाध्यकारी है जो इस संधि के पक्षकार हैं।

केन्द्र सरकार ने कहा है कि चूंकि भारत इस संधि का अथवा प्रोटोकाल में पक्षकार नहीं है, इसलिए इनके प्रावधान भारत पर लागू नहीं होते हैं। न्यायालय ने इस याचिका पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग को नोटिस जारी नहीं किया जिसके पास पहले से ही यह मामला है। आयोग ने केन्द्र को 18 अगस्त को नोटिस जारी किया था।

इस जनहित याचिका में दावा किया गया है कि वे संयुक्त राष्ट्र शरणार्थियों के उच्चायोग के तहत पंजीकृत शरणार्थी हैं और उनके समुदाय के प्रति बडे़ पैमाने पर भेदभाव, हिंसा और खूनखराबे की वजह से म्यांमा से भागने के बाद उन्होंने भारत में शरण ली है।

याचिका में कहा गया है कि म्यांमा की सेना द्वारा बडे़ पैमाने पर रोहिंग्या मुसलमानों पर कथित रूप से अत्याचार किये जाने की वजह से इस समुदाय के लोगों ने म्यांमा के पश्चिम राखिन प्रांत से पलायन कर भारत और बांग्लादेश में पनाह ली है।

भारत आने वाले रोहिंग्या मुस्लिम जम्मू, हैदराबाद, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली- राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र तथा राजस्थान में रह रहे हैं।

राज्‍यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button

mahjong slot

spaceman slot

https://www.saymynail.com/

slot bet 200

slot garansi kekalahan 100

rtp slot

Slot bet 100

slot 10 ribu

slot starlight princess

https://moolchandkidneyhospital.com/

situs slot777

slot starlight princes

slot thailand resmi

slot starlight princess

slot starlight princess

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

slot thailand

slot kamboja

slot bet 200

slot777

slot88

ceriabet

ceriabet

ceriabet

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

klikwin88

slot starlight princess

ibcbet

sbobet

roulette

baccarat online

sicbo