
कला को प्रोत्साहन देने का कार्य किसी भी समाज की प्राथमिकता होना चाहिए: मुख्यमंत्री
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कला को प्रोत्साहन देने का कार्य किसी भी समाज की प्राथमिकता होना चाहिए। नवोदित कलाकारों में सकारात्मक ऊर्जा है, जो सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है और सभ्य समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। संगीत, नृत्य आदि कला के विभिन्न रुप लोक मंगल की भावना का विकास करते हैं। यह सभी विधाएं लोगो को जोड़ने का कार्य करती हैं।
मुख्यमंत्री आज गुरु पूर्णिमा के अवसर पर जनपद गोरखपुर में राप्ती नदी के तट गुरु गोरक्षनाथ घाट पर ऊँकारम् संस्था द्वारा आयोजित ‘गुरु गोरक्षनाथ महोत्सव’ में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राप्ती नदी की आरती भी की।
मुख्यमंत्री जी ने अपने सम्बोधन में नवोदित कलाकारों को मंच प्रदान करने के लिए ऊँकारम् संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह संस्था देश भर में विभिन्न शहरों के नदी तट पर ऐसे आयोजन करके युवा कलाकारों को एक बड़ा मंच प्रदान कर रही है।
यह संस्था प्रतिभाशाली कलाकारों को आगे बढ़ने का अवसर दे रही है। इस संस्था से जुड़े नवोदित कलाकार गोरखपुर ही नहीं बल्कि प्रदेश का नाम रोशन करेंगेे। कठिन परिश्रम ही कला को उच्चतम स्तर तक निखारता है। ऊँकारम् संस्था के संरक्षक भजन सम्राट श्री अनूप जलोटा ने विगत 06 दशकों से भारतीय संगीत को एक नई पहचान दी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने संगीत कला को आगे बढ़ाने के लिए भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय, लखनऊ को अत्यन्त दक्षता और स्वच्छ स्पर्धा के साथ आगे बढ़ाया है। कलाकारों के प्रोत्साहन के लिए विभिन्न योजनाओं का संचालन किया जा रहा है। जनपद आजमगढ़ में हरिहरपुर गांव में संगीत महाविद्यालय की स्थापना के कार्यक्रम को भी आगे बढ़ाया गया है। यह संगीत महाविद्यालय स्थानीय कलाकारों को डिग्री प्रदान करने के साथ ही एक सार्थक मंच प्रदान करेगा।
इस अवसर पर भजन सम्राट श्री अनुप जलोटा ने अपने भजनो के माध्यम से जनता को मंत्र मुग्ध किया।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण एवं शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।



