
पॉक्सो, महिला उत्पीड़न, सीसीटीएनएस, आईटी सिस्टम की समीक्षा बैठक संपन्न
लखनऊ – प्रदेश के मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में पॉक्सो, महिला उत्पीड़न, सीसीटीएनएस, आईटी सिस्टम की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।
अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने आईपीसी की धारा-376 तथा पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत निस्तारण दर में उत्तर प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त करने पर सम्बन्धित सभी पुलिस अधिकारियों को उत्कृष्ट कार्य के लिये बधाई देते हुये कहा कि प्रथम स्थान को आगे भी बरकरार रखा जाये।
पहले से प्रदर्शन में काफी सुधार हुआ है, आगे भी जहां भी सुधार की आवश्यकता हो सुधारात्मक कदम उठाये जायें। उन्होंने कहा कि पॉक्सो एक्ट व महिला उत्पीड़न के मामलों में पुलिस अधिकारी तत्काल एक्शन लें। लम्बित प्रकरणों को नियमित मॉनीटरिंग व मा0 न्यायालय में प्रभावी कर दोषियों को सजा दिलायी जाये। सजा दिलाने से ही लोगों के अन्दर भय व्याप्त होगा और मामलों में कमी आयेगी।
उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों द्वारा केसेज की संख्या में कमी लाने के लिये भी कार्य करें। लोगों को शिक्षित व जागरूक किया जाये। ऐसे मामले जिनमें मुल्जिमों, प्रदर्शो एवं गवाहों की संख्या कम हो एवं वैज्ञानिक साक्ष्य मजबूत हों, को चिन्हित कर शीघ्रता से निस्तारित कराया जाए। महिलाओं से जुड़े अपराधों में पंजीकृत एफआईआर की जांच प्रक्रिया को दो माह के भीतर पूरा किया जाये। कम्प्लाइंस रेट को और बेहतर किया जाये। फॉरेन्सिक सैम्पल कलेक्शन एवं रिपोर्ट की गोपनीयता बनाये रखने के लिये बार कोड का प्रयोग किया जाये।
उन्होंने कहा कि दण्ड प्रक्रिया (शिनाख्त) अधिनियम, 2022 के तहत अपराधी तथा गिरफ्तार व प्रतिबंधात्मक गिरफ्तार व्यक्ति का फिंगर, हथेली, पैर का प्रिंट, फोटोग्राफ्स, आइरिस और रेटिना, शारीरिक, बायोलॉजिक सैम्पल, हस्ताक्षर व हैण्डराइटिंग के सैम्पल लिये जाने का प्रावधान किया गया है, इसका अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये। नेशनल आटोमेटेड फिंगर प्रिंट आइडेंटिफिकेशन सिस्टम (एनएएफआईएस) के तहत सभी थानों पर फिंगर प्रिंट लेने हेतु उपकरण स्थापित कराये जायें।