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लखनऊ ट्रिपल मर्डर : 70 साल का हत्यारोपी लल्लन और बेटा फराज गिरफ्तार, पुलिस कर रही पूछताछ
लखनऊ : पुलिस ने मलिहाबाद में मां-बेटे सहित तीन लोगों की हत्या के आरोपी 70 साल के लल्लन खान और उसके बेटे फराज को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. दोनों से पूछताछ जारी है. वहीं फरार एक अन्य आरोपी की तलाश की जा रही है.
बीते शुक्रवार को मलिहाबाद इलाके के मोहम्मदनगर गांव में एक-एक कर परिवार के तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया. जमीन के झगड़े में लल्लन खान और उसके पुत्र फराज खान ने मिलकर भतीजे फरीद खान की पत्नी फरहीन खान के साथ हंजला खान और ताज खान की गोली मारकर हत्या कर दी थी. परिवार के तीन लोगों को गोलियों से भून देने वाले लल्लन उर्फ सिराज का पाकिस्तान से गहरा नाता है.
वह पोलैंड से प्रतिबंधित नस्ल के कुत्तों की तस्करी भी करता था, इसके लिए उसने नेपाल का रास्ता चुन रखा था. अपने काले कारोबार के लिए उसने नेपाल में कई ठिकाने बना रखे थे. पुलिस अब उसके पुराने कारनामों की फेहरिस्त खंगाल रही है. साथ ही पाकिस्तान से कनेक्शन सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियां भी पता लगा रही हैं कि देश विरोधी गतिविधियों में इसकी संलिप्तता तो नहीं है.
बचपन से ही बिगड़ैल मिजाज का था लल्लन खान
लल्लन खान के रवैये से परिवार नाखुश रहता था. लल्लन बचपन से ही बिगड़ैल मिजाज का था. तीन भाइयों और पांच बहनों में सबसे छोटा था. उसने मलिहाबाद का पुश्तैनी मकान छोड़कर राजधानी दुब्बगा में घर बना लिया था. कई दशक तक एक राजनीतिक पार्टी से उसका बेहद करीबी नाता रहा. इसकी वजह से उसे जुर्म करने में कभी हिचक नहीं हुई. 1979 में उसने काकोरी निवासी हबीब नाम के शख्स की हत्या कर शव को ईंट भट्ठे में डाल दिया था.
नेपाल में ठिकाना बनाकर करता था काले कारोबार
पुलिस की अबत क की तफ्तीश में सामने आया कि लल्लन के दो बेटे पोलैंड में रहते हैं. तीसरा छोटा बेटा और घटना में उसका साथ देने वाला फराज उसके साथ दुबग्गा में रहता है. इसके विदेशों से कई तरह के अवैध करोबार हैं. इसके लिए नेपाल में आरोपियों ने कई ठिकाने बना रखे हैं. उसके बेटे पोलैंड से जब भी भारत आते हैं, पहले नेपाल में ही रुकते हैं. जमींदार परिवार का लल्लन कबूतरबाजी का शौकीन है. जांच में पता चला है कि 4 साल पहले उसने सरहद पार पाकिस्तान के हिस्से वाले पंजाब के सूरबाला गांव से कुछ कबूतर मंगवाए थे. कबूतरों की सप्लाई करने वाले बबलू कजाला के बारे में भी लखनऊ पुलिस जानकारियां जुटा रही है.
कुत्तों की तस्करी करता था
आम के बागानों के साथ लल्लन का कुत्तों का फार्म हाउस भी है. यहां कीमती प्रजाति के कुत्तों की ब्रीडिंग करवाकर उनसे मोटी कमाई करता था. जांच में पता चला कि लल्लन विदेशों से पिटबुल समेत कई ऐसी नस्ल के कुत्तों की तस्करी करवाता था, जो भारत में प्रतिबंधित हैं. इन खूंखार नस्ल के कुत्तों को वह बेहद महंगे दामों में बेचता था. इसमें उसकी मदद उसके पोलैंड में रहने वाले दो बेटे शमाइल और इराज करते थे.
शस्त्र सम्बन्धित जानकारी
सिराज अहमद खान उर्फ लल्लन खान को दो शस्त्र लाइसेंस दिनांक 01.06.1979 और 01.07.1980 को तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी किए गए थे. 25.08.1992 को तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट ने दोनों शस्त्र लाइसेंस निलंबित कर दिए थे. इसके पश्चात 1994 में उच्च न्यायालय द्वारा जिला मजिस्ट्रेट के आदेश को स्थगित करते हुए शस्त्र बहाल कर दिया गया था.
जानवरों को भी फरहीन के मरने का गम
मलीहाबाद के मोहम्मदनगर में सनसनीखेज हत्याकांड के बाद पूरे गांव में मातम पसरा हुआ है. इंसान ही नहीं, जानवरों को भी फरहीन की मौत का गम है. घटना के बाद से घर के पालतू कुत्ते रॉकी ने कुछ नहीं खाया है. फरहीन कुत्ते से बहुत प्यार करती थी. अपने बच्चों की तरह उसके खाने-पीने का ध्यान रखती थी. वह घटनाक्रम के बाद से अपने पिंजड़े में चुपचाप बैठा है. मृतकों को देर शाम दरगाह कब्रिस्तान में नम आंखों के बीच सुपुर्द ए खाक किया गया.
हंजला के साथी भी सदमे में
ताज खां मलीहाबाद क्षेत्र के बड़े बागवान थे. इनके परिवार में पत्नी और तीन शादीशुदा बेटियां हैं. हंजला हजरतगंज के लामार्टीनियर में बारहवीं का छात्र था. स्कूल से वापस आने के बाद वह मलिहाबाद जिम आता था. जिम के साथी भी काफी सदमे में हैं. शनिवार को सभी साथी जिम में नहीं आए. मृतक फरहीन की छोटी बेटी जोया हजरतगंज के लारेटो कान्वेंट में कक्षा आठ की छात्रा है. मां-भाई का शव घर पहुंचने पर जोया बेहोश होकर खाकर गिर पड़ी. बुजुर्ग बुआ जोया को संभालती रहीं.
अक्टूबर 2023 को देवरिया के फतेहपुर गांव जमीन विवाद में पांच लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई. इस हत्याकांड के बारे में जिसने भी सुना, वह सिहर गया. चार माह के अंदर ही एक और जमीनी विवाद में हत्याकांड हो गया, जिसमें 15 वर्षीय बच्चे समेत तीन लोगों की गोलियों से भून दिया गया. जमीन और प्रेम संबंध में के लिए पहले भी कई हत्याकांड हो चुके हैं.
उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 से लेकर 2022 के बीच हत्या के 22,095 मामले दर्ज हुए. इनमें से 13,183 मामलों में हत्या की वजह जमीन, पारिवारिक, आपसी विवाद, छिटपुट झगड़े, अवैध संबंध और लव अफेयर से जुड़ी थी. इन छह वर्षों में सबसे अधिक 3,247 हत्याएं जमीन के लिए हुई हैं. लखनऊ के मलिहाबाद से पहले 2 अक्टूबर 2023 को देवरिया के फतेहपुर में जमीन विवाद को लेकर छह व 17 जुलाई 2019 में सोनभद्र के उम्भा गांव में आदिवासियों पर हुई फायरिंग में 11 लोगों की जान चली गई थी.
जमीन विवाद के बाद आपसी रंजिश दूसरी सबसे बड़ी वजह है हत्याओं की. बीते छह वर्षों के दौरान यूपी में आपसी रंजिश को लेकर 2,378 लोगों की हत्या हो चुकी है. हालांकि साल दर साल इस तरह के मामलों में कमी आ रही है.
तीसरे नंबर पर यूपी में होने वाली हत्याओं की सबसे बड़ी वजह लव अफेयर हैं. बीते 6 वर्षों में यूपी में लव अफेयर के चलते 1,996 मर्डर हो चुके हैं. ये मामले अब भी यूपी पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बने हुए हैं. वहीं अवैध संबंधों को लेकर यूपी में 6 वर्षों के दौरान 640 हत्याएं हो चुकी हैं.