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लखनऊ: कृत्रिम आंखों के निर्माण की तकनीक पर KGMU में होगी चर्चा
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (kgmu) में 3 दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें कई देशों के चिकित्सक हिस्सा लेंगे और कृत्रिम अंगों के निर्माण पर चर्चा करेंगे। जिससे दोषपूर्ण संरचनाओं को कृत्रिम अंगों के जरिए ठीक कर रोगियों के जीवन में सुधार किया जा सकेगा।
हालांकि किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी स्थित प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग में कृत्रिम आंख और कान जैसे कृत्रिम अंगों के निर्माण पर लंबे समय से काम हो रहा है, लेकिन इस कार्यशाला के जरिए नए चिकित्सकों को कृत्रिम अंगों के निर्माण की तकनीक सिखाई जाएगी।
थाईलैंड के महिदोल विश्वविद्यालय के सहयोग से केजीएमयू के प्रोस्थोडॉन्टिक्स एंड क्राउन एंड ब्रिजेस विभाग की तरफ से कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।
आयोजन अध्यक्ष प्रोफेसर डॉक्टर पुरानचंद ने बताया कि मैक्सिलोफेशियल प्रोस्थोडॉन्टिक्स पर एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन कर रहा है। यह कार्यशाला महिदोल विश्वविद्यालय, बैंकॉक, थाईलैंड के सहयोग से 29 फरवरी से 2 मार्च, 2024 तक आयोजित की जा रही है। उन्होंने बताया कि कई बार दुर्घटना, संक्रमण अथवा कैंसर होने पर आंखों को गंभीर नुकसान होता है और उसे हटाना पड़ता है।
चेहरे पर आंख जैसे महत्वपूर्ण अंग के न होने पर मरीज के आत्मविश्वास में कमी आती है। ऐसे में कृत्रिम आंख चेहरे की सुंदरता बढ़ाने के साथ ही व्यक्ति के आत्मविश्वास को बढ़ाने का भी काम करती है। इन्हीं कृत्रिम आंखों के निर्माण और उन्हें लगाने की तकनीक पर चर्चा करने के लिए विशेषज्ञ केजीएमयू में आ रहे हैं।
इस कार्यशाला में अपने देश के अलावा पड़ोसी देशों के चिकित्सा छात्रों, चिकित्सा शिक्षक सेना में तैनात डेंटल सर्जन और निजी चिकित्सकों सहित 100 से अधिक प्रतिभागी होंगे।