एनालिसिस
चीफ जस्टिस के विशेषाधिकार से ही नाराज थे चारों Justice
भारत की जनता के लिए गंभीर चिंता का विषय होना चाहिए कि ऐसा क्या हुआ कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के चार वरिष्ठ Judges को अपनी बात कहने के लिए देश की मीडिया की अदालत में आना पड़ा?
देखा जाये तो न्यायिक इतिहास की यह अभूतपूर्व घटना है, जब अपनी बात रखने के लिए,Judges को मीडिया के सामने आना पड़ा है। भारत में न्यायपालिका और विशेषकर उच्चतम न्यायालय एक ऐसा संस्थान है, जिसपर भारत का जनमानस बहुत अधिक विश्वास करता है। जब पीड़ित हर तरफ से न्याय की उम्मीद छोड़ चुका होता है तो यही संस्थान जिसे उच्चतम न्यायालय कहा जाता है, उसके उम्मीद की किरण बनता है।
उम्मीद की यही किरण उसे अधीनस्थ न्यायालय से उच्चतम न्यायालय तक लाती है। कि शायद न्याय के अंतिम पायदान पर उसे न्याय नसीब हो जाये। जबकि बहुत से वरिष्ठ वकीलों के मुख से मैंने सुना है कि न्यायालय में न्याय नहीं जजमेन्ट मिलता है।
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