एनालिसिस

चीफ जस्टिस के विशेषाधिकार से ही नाराज थे चारों Justice

इस प्रेस कांफ्रेंस को संपन्न हुए पांच मिनट भी नहीं हुए थे कि कई वरिष्ठ वकीलों ने पक्ष-विपक्ष में अपने-अपने तर्क देने शुरू कर दिए। वकील प्रशांत भूषण ने मीडिया में आकर मुख्य न्यायाधीष के कथित चहेते जजों का नाम और वे मामले जो उन्हें सौंपे गए, बताना शुरू कर दिया तो पूर्व न्यायाधीश जस्टिस आर0एस0ी सोढ़ी ने इन चार Judges के कदम को उच्चतम न्यायालय की गरिमा गिराने वाला, हास्यास्पद और बचकाना करार दिया।

वकील के0टी0एस0 तुलसी और इंदिरा जयसिंह ने चार Judges का पक्ष लिया तो पूर्व अटार्नी जनरल एवं वरिष्ठ वकील सोली सोराबजी ने चार Judges की ओर से प्रेस कांफ्रेंस करने पर घोर निराशा जताई। चार जजों की प्रेस कांफ्रेंस के औचित्य-अनौचित्य को लेकर तरह-तरह के तर्कों के बाद आम जनता के लिए यह समझना कठिन हो गया कि यह सब क्यों हुआ और इसके क्या परिणाम होंगे?

उसके मन में यह सवाल उठना लाजिमी है कि आखिरकार उच्चतम न्यायालय में क्या चल रहा है? इन सवालों का चाहे जो जवाब हो, लेकिन पहली नजर में यही लगता है कि एक विश्वसनीय संस्थान व्यक्तिगत अहंकार या कहिए वर्चस्व की जंग का शिकार हो गया है।

राज्‍यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।
Previous page 1 2 3 4 5 6 7 8Next page

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.

Back to top button

sbobet

https://www.baberuthofpalatka.com/

Power of Ninja

Power of Ninja

Mental Slot

Mental Slot