
राज्यपाल ने सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के नैक मूल्यांकन हेतु प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की
प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहाँ राजभवन में सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के नैक ग्रेडिंग हेतु तैयार प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। विश्वविद्यालय इससे पूर्व के अपने नैक मूल्यांकन में ‘ए’ श्रेणी प्राप्त कर चुका है,
जिसकी वैधता वर्ष 2019 में समाप्त हो चुकी है। राज्यपाल जी ने नैक के सभी सातों क्राइटेरिया पर बिन्दुवार कमेटी के सदस्यों से जानकारी ली। उन्होंने प्रस्तुतिकरण में व्यापक सुधार किए जाने के निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक के दौरान राज्यपाल जी ने विश्वविद्यालय की नैक तैयारी की टीम में आपसी तालमेल, फोटोग्राफ, विवरण की शेयरिंग, विश्वविद्यालय के प्रति वृहद दृष्टिकोण के साथ प्रतिबद्धता का गहरा अभाव परिलक्षित किया।
उन्होंने कहा कि टीम के सभी सदस्य विश्वविद्यालय के शिक्षण उपरांत कुलपति के साथ नैक तैयारी की बैठक करें। उन्होंने विशेष निर्देश देते हुए कहा कि विश्वविद्यालय के गत् 5 वर्षों के कार्यक्रमों का समग्रमा से अवलोकन करें और मूल्यांकन के प्रत्येक क्राइटेरिया में बिंदुवार उल्लेख हेतु विवरण का चयन किया जाए।
राज्यपाल ने टीम के सभी सदस्यों को नैक के उच्चतम ग्रेड हेतु एकजुट प्रयास करने को कहा। उन्होंने टीम के सदस्यों से कहा कि विश्वविद्यालय को विभागों में न बांटे, स्वयं को विश्वविद्यालय का शिक्षक माने और प्रत्येक उपलब्धि आपस में साझा करके एस0सए0आर0 को सशक्त बनाएं।
बिंदुवार समीक्षा के दौरान राज्यपाल ने फोटोग्राफ में विविधता रखने, पुनरावृत्ति न करने, फोटो के साथ स्पष्ट विवरण अंकित करने, गतिविधि युक्त फोटो ही चयनित करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय से कर्मकाण्ड हेतु बाहर जाने वाले छात्रों के टूर के फोटो सांस्कृतिक पर्यटन के क्रम में विवरण में लगाए जाएं।
क्राइटेरिया तीन में एक्सटेंशन एक्टिविटी की चर्चा पर राज्यपाल जी ने जन सहभागिता का उल्लेख जोड़ने और उसके फोटो प्रमाण में लगाने का निर्देश दिया। क्राइटेरिया तीन के प्रस्तुतिकरण से असंतुष्ट होकर राज्यपाल ने इसका पुनर्लेखन करने को कहा।