कोलंबो। विदेश मंत्री एस. जयशंकर और श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से गुरुवार को समुद्री बचाव समन्वय केन्द्र की संयुक्त रूप से शुरुआत की। समुद्री बचाव समन्वय केन्द्र के निर्माण के लिए भारत ने 60 लाख डॉलर का अनुदान दिया है। जयशंकर सुबह श्रीलंका पहुंचे और उन्होंने राष्ट्रपति से मुलाकात की।
जयशंकर ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दीं और बिजली, ऊर्जा, संपर्क, बंदरगाह बुनियादी ढांचे, विमानन, डिजिटल, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और पर्यटन क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग आगे बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की।
विदेश मंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा,‘‘ श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से मुलाकात करके सम्मानित महसूस कर रहा हूं। उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दीं। विभिन्न द्विपक्षीय परियोजनाओं और पहलों पर हुई प्रगति की सराहना की।
जयशंकर ने पोस्ट में कहा, राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के मार्गदर्शन में भारत-श्रीलंका के बीच सहयोग बढ़ाने के तरीकों पर चर्चा की गई, विशेष रूप से बिजली, ऊर्जा, कनेक्टिविटी, बंदरगाह बुनियादी ढांचे, विमानन, डिजिटल, स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और पर्यटन क्षेत्रों में। हमारे पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंधों के निरंतर विकास के लिए काम करने के लिए प्रतिबद्ध।’’
राष्ट्रपति के मीडिया विभाग (पीएमडी) ने बताया कि दोनों नेताओं ने श्रीलंका के राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की। राष्ट्रपति विक्रमसिंघे और जयशंकर ने श्रीलंका में समुद्री बचाव समन्वय केंद्र (एमआरसीसी) की पट्टिका का डिजिटल माध्यम से अनावरण किया और औपचारिक तौर पर केन्द्र की शुरुआत की।
इसमें कोलंबो स्थित नौसेना मुख्यालय में एक केंद्र, हंबनटोटा में एक उप-केंद्र तथा गैले, अरुगम्बे, बट्टिकलोवा, त्रिंकोमाली, कल्लारावा, प्वाइंट पेड्रो और मोलिकुलम में मानवरहित प्रतिष्ठान शामिल हैं।
राज्यों से जुड़ी हर खबर और देश-दुनिया की ताजा खबरें पढ़ने के लिए
नार्थ इंडिया स्टेट्समैन से जुड़े। साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप को डाउनलोड करें।