
राज्यपाल ने डा0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय आगरा के नैक हेतु प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की
प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहाँ राजभवन स्थित प्रज्ञाकक्ष में प्रदेश के उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री श्री योगेन्द्र उपाध्याय के साथ डा0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा के नैक ग्रेडिंग हेतु तैयार प्रस्तुतिकरण की की समीक्षा की। विश्वविद्यालय इससे पूर्व वर्ष 2004 में नैक का ‘‘बी‘‘ ग्रेड तथा वर्ष 2017 में ‘‘बी$$‘‘ ग्रेड प्राप्त कर चुका है और अब तीसरी बार मूल्यांकन के लिए ‘सेल्फ स्टडी रिपोर्ट‘ (एस0एस0आर0) दाखिल करने की तैयारी कर रहा है।
राज्यपाल ने बैठक में विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन की तैयारियों के लिए गठित कमेटी के सदस्यों से सभी सातों क्राइटेरिया पर बिन्दुवार जानकारी ली और प्रस्तुतिकरण को बेहतर किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। समीक्षा के दौरान विश्वविद्यालय के कुलपति श्री विनय पाठक ने राज्यपाल को विश्वविद्यालय में पूर्व से चली आ रही विविध प्रशासनिक अव्यवस्थाओं और उनके निस्तारण में आ रही समस्याओं की जानकारी दी। राज्यपाल जी ने निर्देश दिया कि प्रशासनिक सुधारों के लिए सख्ती से कार्यवाही की जाये। उन्होंने सभी पत्रावलियों और डाक्यूमेंट को शत्-प्रतिशत् डिजिटल करने का निर्देश भी दिया।
समीक्षा के दौरान राज्यपाल जी ने जनपद आगरा में विविध प्रकार के जॉब की उपलब्धता को भी लक्षित किया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों को जनपद के इन कार्य क्षेंत्रों और उसके लिए आवश्यक शैक्षिक योग्यता एवं अन्य अर्हताओं की विस्तृत जानकारी प्रदान करने की व्यवस्था भी की जाए, जिससे इच्छुक विद्यार्थी अपने जनपद में ही रोजगार प्राप्त करने की योग्यता हासिल कर सकें। उन्होंने बैठक में के0जी टू पी0जी0 शिक्षा की चर्चा करते हुए विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गए प्राथमिक विद्यालयों को कम्प्यूटर तथा अन्य आवश्यक संसाधनों से युक्त कराने की अपेक्षा भी की।
प्रस्तुतिकरण के दौरान राज्यपाल जी ने क्राइटेरिया सदस्यों को स्वकेन्द्रित न रहकर विश्वविद्यालय हित में समग्रता से कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा नैक ग्रेडिंग विद्यार्थियों के हित से जुड़ा है, इसलिए शिक्षक अपना दायित्व समझे और अपने विभाग तक सीमित न रहकर सम्पूर्ण विश्वविद्यालय की समस्त व्यवस्थाओं को बेहतर करने में अपना शत्-प्रतिशत योगदान दें। पुस्तकालय की व्यवस्था पर चर्चा करते हुए उन्होंने महिला स्वास्थ्य और समस्याओं से जुड़ी हुई जानकारी प्रदान करने वाली पुस्तकों को भी पुस्तकालय में संग्रहित करने का निर्देश दिया।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय को बेस्ट प्रैक्टिस का दायरा बढ़ाने पर विशेष निर्देश देते हुए विभिन्न सुझावों को आवश्यक रूप से क्रियान्वयन में लाने को कहा। उन्होंने कहा बेस्ट प्रैक्टिस गोद लिए गए सभी गांवों तथा आस-पास के स्लम एरिया तक प्रचलित की जाए। विद्यार्थियों को सरकारी योजनाओं का ज्ञान देकर इन क्षेत्रों के निवासियों को उनका लाभ प्राप्त कराने में मदद के लिए भेजा जाए। ग्राम प्रधानों को भी इन कार्यों में जोड़ा जाए।
महिला सहायता के लिए विश्वविद्यालय में खोले गए केन्द्र पर महिलाओं को उनसे सम्बन्धित सभी सरकारी योजनाओं की जानकारी दी जाए, स्वास्थ्यगत सुविधाएं प्रदान करवायी जाएं, बच्चों की शिक्षा के लिए जागरूक किया जाए। इसके साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय से गांवों में महिला उपयोगी गतिविधियों को आयोजित कराने का सुझाव भी दिया।
राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण को सभी आवश्यक प्रमाणों के हाइपर लिंक से युक्त करके सुदृढ़ बनाने का निर्देश देते हुए कहा कि यह विश्वविद्यालय 95 वर्ष पुराना है, इसलिए इसके एस0एस0आर0 में आगामी पांच वार्षों की तैयारी के साथ शताब्दी वर्ष पूर्ण करने का विजन भी शामिल करें। उन्होंने कहा कि सशक्त तैयारी से उच्च ग्रेड की प्रत्याशा के साथ ही एस0एस0आर0 दाखिल किया जाये। बैठक में विश्वविद्यालय के कुलपति ने जानकारी दी कि विश्वविद्यालय में अब छात्रों को डिजिटल मार्कशीट प्राप्त होने की व्यवस्था हो गयी है।
अब विद्यार्थी इसे डिजिटली डाउनलोड करके प्राप्त कर सकेंगे। उन्होंने राज्यपाल जी के प्रयासों के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि उनके द्वारा नैक मूल्यांकन में उच्च ग्रेड के लिए निरन्तर प्रोत्साहन और आवश्यक दिशा-निर्देशों से विश्वविद्यालय में प्रशासनिक, व्यवस्थागत और शैक्षणिक स्तर पर वृहद् सुधार सम्भव हो सके हैं।
बैठक में विशेष कार्याधिकारी शिक्षा, विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन तैयारी के लिए गठित टीम के सभी सदस्य तथा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।



