चीन का CPEC सफल नहीं हो पाना भारत की बड़ी सफलता, जयशंकर ने गिनाए मोदी सरकार की 9 साल के काम
मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया है कि दुनिया कैसे हमें वाकई इंटरनेशनल मानने लगी है। उन्होंने कहा कि चीन के सी-पैक का सफल नहीं होना या फिर आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को कटघरे में खड़ा करना भारत की बड़ी कामयाबी है।
दुनिया अब वाकई मानने लगी है कि हम इंटरनेशनल है। दुनिया का बड़ा हिस्सा भारत को एक डेवलपमेंट पार्टनर के तौर देखने लगी है। भारत को लेकर उनके विश्वास और भरोसे में बढ़ोतरी हुई है।
गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए विदेश मंत्री ने कहा, चीन, बांग्लादेश और पाकिस्तान का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बांग्लादेश के साथ लैंड बाउंड्री एग्रीमेंट ने पूर्वोत्तर में विकास के रास्ता खोल दिए हैं।
चीन के साथ सीमा पर जिस तरह जवाब दिया जा रहा है या फिर आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान जिस तहर से कठघरे में खड़ा करने में सफलता हासिल हुई है उससे देश की सुरक्षा मजबूत हुई है। चीन का सी-पैक (CPEC) या फिर BRI का सफल नहीं हो पाना भी भारत की सफलता है।
उन्होंने कहा कि भारत की विदेश नीति की सफलता को दो तहर से परखा जा सकता है। पहला ये कि दुनिया भारत को किस नजर से देख रही है और दूसरे ये कि भारतीयों के जीवन पर विदेश नीति का क्या प्रभाव पड़ा है।
भारत की ओर से 78 देशों में 600 से अधिक प्रोजेक्ट पूरे किए गए है। उन्होंने कोरोना काल का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौर में बहुत से लोगों ने अपने नागरिकों को उनके हाल पर छोड़ दिया था। जबकि भारत विदेश से कम से कम 70 लाख लोगों को वतन वापस लेकर आया।
‘भारत किसी के दबाव में नहीं झुका’
सेमी कंडक्टर चिप के क्षेत्र का जिक्र करते हुए जयशंकर ने बताया कि इस फील्ड में 40000 से अधिक भारतीय इंजीनियर काम कर रहे है। उन्होंने कहा कि QUAD की स्थापना 2008 में हुई मगर तब दबाव में यह नहीं आगे बढ़ पाया लेकिन 2018 में हम किसी भी तरह के दबाव में नहीं झुके और QUAD2 साकार हो सका। नौ साल में QUAD, I2U2, SCO जैसे संगठन भारतीय विदेश नीति कि उपलब्धि है। QUAD हमारी इंडिपेंडेंट फोरेन पालिसी का बड़ा उदाहरण है।
आज 500 से अधिक पासपोर्ट सेंटर
वहीं, पासपोर्ट सेंटर को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि 2014 में जहां मात्र 77 पासपोर्ट सेंटर थे। वहीं अब इसकी संख्या बढ़कर 500 के पार पहुंच गई है। भारत अब हर साल करीब 1 करोड़ 40 लाख पासपोर्ट जारी कर रहा है।
उन्होंने कहा कि भारत पहला ऐसा जी20 अध्यक्ष है जिसने अन्य देशों से विचार-विमर्श करने का प्रयास किया और 125 देशों ने अपने प्रतिक्रिया दी क्योंकि उन्हें हम पर भरोसा है।



