किसानों के साथ सड़क पर उतरेगा विपक्ष
लखनऊ: गणतंत्र दिवस के मौके पर एक तरफ जहां राजपथ पर सेना के जवानों की परेड होगी तो दूसरी तरफ दिल्ली में किसान भी ट्रैक्टर परेड कर रहे होंगे। किसानों और सरकार के बीच तीन कृषि कानूनों को लेकर पिछले काफी दिनों से बातचीत का दौर चल रहा है, लेकिन हल नहीं निकल पा रहा है। ऐसे में किसानों ने गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड करने की ठान ली है।
कृषि कानूनों को लेकर चल रहे आंदोलन को लेकर विपक्ष लगातार सरकार का विरोध कर रहा है। इसी क्रम में विपक्ष के नेताओं ने भी किसानों की इस किसान रैली का समर्थन किया है। सपा और कांग्रेस के नेताओं ने किसानों के मुद्दे को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
जहां कांग्रेस नेता अंशू अवस्थी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 60 दिन से ज्यादा हो गए, 11 दौर की बातचीत के बावजूद अडानी और अंबानी की गोद में बैठी भाजपा सरकार ने काले कानून वापस नहीं लिए। वहीं सपा प्रवक्ता अमीक जामेई ने केंद्र सरकार को 26 जनवरी पर किसानों से माफी मांगने तक की नसीहत दे डाली है।
सरकार अडानी-अंबानी के साथ
कांग्रेस नेता अंशू अवस्थी ने कहा कि देश का अन्नदाता खुले आसमान के नीचे ठंड में काले कानूनों का विरोध कर रहा है, लेकिन जुल्मी सरकार मानने को तैयार नहीं है। 11दौर की बैठक हो जाने के बावजूद सरकार को किसानों का दर्द समझ नहीं आ रहा है। उन्होंने सरकार से सवाल करते हुए कहा कि आखिर इन काले कानूनों को लागू करने की क्या मजबूरी है, देश का अन्नदाता और 130 करोड़ लोग इस बात को जानना चाहते हैं।
देश का अन्नदाता 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली तिरंगा यात्रा निकलना चाहता है उसमें भी भाजपा की सरकार पुलिस के दम पर किसानों को परेशान कर रही है। उन्हें नोटिस दे रही है। पेट्रोल पंप पर देश के अन्नदाता को ट्रैक्टर में डीजल नहीं भरने दिया जा रहा है। अन्नदाता और देश के लोग इस बात को समझ चुके हैं कि यह सरकार सिर्फ और सिर्फ अडानी और अंबानी के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा क्या इसीलिए देश के 130 करोड़ लोगों ने इस सरकार को चुना था कि वह सिर्फ अडानी और अंबानी के लिए कानून बनाए?
‘प्रधानमंत्री जी याद रखिए अन्नदाता ही पहुंचाता है लोगों की थाली में अन्न’
उन्होंने कहा कि देश के 62 करोड़ किसानों की आवाज नहीं सुनी जा रही है। सरकार से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि इन काले कानूनों को वापस लीजिए। देश का अन्नदाता ही लोगों की थाली में अन्न पहुंचाता हैं प्रधानमंत्री जी। उन उद्योगपतियों के सहारे देश के लोगों की थाली में अन्न नहीं पहुंचाया जा सकता।
समाजवादी पार्टी तिरंगे के साथ किसानों के पक्ष में करेगी शांतिपूर्वक प्रदर्शन
कृषि कानून के विरोध में होने वाली किसानों की ट्रैक्टर परेड के लिए ट्रैक्टर में डीजल नहीं दिया जा रहा है। इस पर समाजवादी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अमीक जामेई का कहना है कि प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी के हर जिले में किसानों-नौजवानों के साथ बैठक की है। उन्होंने कहा गणतंत्र दिवस के दिन हम केंद्र सरकार से आह्वान करते हैं कि किसानों से माफी मांगते हुए किसानों की सारी मांगे मान ले। साथ ही उन किसानों के परिवारों को आर्थिक सहायता दे जिनकी इस प्रदर्शन के दौरान मौत हो गई।
धरती का सीना चीरकर फसल पैदा करते हैं किसान
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता का कहना है कि हम जो लोग अन्न खाते हैं वह सब किसानों की मेहनत का नतीजा है। देश का किसान धरती का सीना चीर कर मेहनत करके हमारे लिए फसल पैदा करते हैं, लेकिन आज सरकार उन किसानों का अपमान कर रही है। समाजवादी पार्टी तिरंगे के साथ किसानों के पक्ष में शांतिपूर्वक प्रदर्शन करेगी और हम सरकार से मांग करते हैं कि इस किसान विरोधी कानून को वापस ले।
रालोद उतरेगा किसानों के समर्थन में
युवा राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल ने केंद्र की मोदी सरकार पर अन्नदाताओं की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि किसानों की सभी मांगों को तत्काल केंद्र सरकार को मानना चाहिए। किसान अन्नदाता है और अन्नदाता की बात को किसी कीमत पर अनदेखा नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय लोकदल किसानों की गणतंत्र दिवस पर होने वाली ट्रैक्टर परेड को पूरा समर्थन दे रही है. रालोद के कार्यकर्ता भी शांतिपूर्ण ढंग से किसानों के समर्थन में ट्रैक्टर लेकर उतरेंगे।
‘क्या ऐसा भी रामराज्य हो सकता है’
रोहित अग्रवाल ने कहा कि देश का अन्नदाता आंदोलित है और सरकार सो रही है। रामराज्य की बात करने वाले देश में क्या ऐसा रामराज्य हो सकता है, जहां पर जनता आंदोलित हो। उन्होंने कहा कि सरकार को तुरंत अन्नदाता की बात को मानना चाहिए और तीनों काले कानून वापस लेने चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से अन्नदाता आज सड़कों पर है सरकार यह भूल जाए कि धर्म के नाम पर राजनीति करके बचा सकता है। अब अन्नदाता जाग चुका है और समझ चुका है कि ये किसान विरोधी सरकार है।
आ चुकी है गद्दी से उतरने की बारी
युवा राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता रोहित अग्रवाल ने कहा कि अब तक इस आंदोलन में 80 से ज्यादा शहादतें हो चुकी हैं। उन किसान परिवारों को तुरंत मुआवजा दिया जाए। उनके परिवारों को एक सरकारी नौकरी दी जाए। अगर सरकार इस गुमान में है कि वह अन्नदाता को व्यापारियों को हाथ में बेच कर आगे बढ़ जाएगी तो यह भूल जाए। अब गद्दी से उतरने की बारी आ चुकी है।
नहीं मिलेगा पेट्रोल तो पैदल मार्च निकालेगी माकपा
भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के उत्तर प्रदेश राज्य सचिव हीरालाल यादव ने किसानों की ट्रैक्टर परेड़ को लेकर बयान जारी किया है। उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार किसानों की आवाज को दबाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है। 26 जनवरी को किसानों की तरफ से ट्रैक्टर मार्च को रोकने के लिए पुलिस को निर्देश दिए जा रहे हैं। पेट्रोल पंप मालिकों को ट्रैक्टरों के लिए तेल न देने के आदेश दिए जा रहे हैं और आदेश के उल्लंघन पर उनके खिलाफ कार्रवाई की धमकी दी जा रही है।
राज्य सचिव हीरालाल यादव का कहना है कि यही नहीं ट्रैक्टर मालिकों से जमानती बाण्ड भी भराये जा रहे हैं। गांवों से किसानों को मार्च के लिए न निकलने देने के लिए थानों को निर्देश दिए गए हैं। माकपा राज्य सचिव मण्डल ने उत्तर प्रदेश सरकार के इस तरह के अलोकतांत्रिक रवैये पर सख्त ऐतराज जताते हुए इसका विरोध किया है। कहा है कि सरकार अगर ट्रैक्टरों और मोटर साइकिलों में पेट्रोल भरवाने से रोकती है तो माकपा कार्यकर्ता किसान संगठनों के साथ मिलकर पैदल या साइकिल मार्च निकालेंगे।