
वेलोड्रम परियोजना की जांच, चर्चा में गुरु गोविन्द सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज
लखनऊः वित्तीय अनियमितता और फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र सहित कई आरोपों का सामना कर रहे गुरु गोविन्द सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ के पूर्व कार्यवाहक प्रधानाचार्य विजय गुप्ता की सर्विस खत्म कर दी गई थी. अब गुरु गोविन्द सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में निर्माणाधीन वेलोड्रम परियोजना से जुड़ा मामला चर्चित हो गया है. जांच के आदेश हालांकि एक महीने पहले दिए गए थे, लेकिन अब इसकी जानकारी लोगों तक पहुंचने के बाद आमजन के लिए भी यह चर्चा का विषय बन गया है.

एक्टिविस्ट ने की शिकायत
मामले में एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर की शिकायत पर लोक निर्माण विभाग ने तकनीकी जांच के आदेश दिए हैं. इस मामले में आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ. नूतन ठाकुर ने बताया था कि इस परियोजना का काम मेसर्स आकृति इंजीनियर को मिला था. काफी निम्नस्तरीय गुणवत्ता और घटिया काम करने के चलते उत्तर प्रदेश निर्माण निगम ने 21 जनवरी 2020 को पत्र जारी कर काम निरस्त कर दिया था और 22 जनवरी 2020 के पत्र से परफॉरमेंस गारंटी तथा सिक्योरिटी डिपॉजिट जब्त करने का आदेश दिया था. हालांकि निर्माण निगम ने बाद में फिर से ये काम आकृति इंजीनियर को सौंप दिया था. वैसे बाद में इस मामले ने जब तूल पकड़ा और शिकायत की गई तो खेल निदेशालय की तीन सदस्यीय समिति ने मामले की जांच की थी और तकनीकी मामला होने के चलते प्रकरण की तकनीकी जांच कराने की सिफारिश की थी.
तकनीकी जांच
इस मामले में नूतन ठाकुर ने खेल विभाग से जांच की मांग की थी, जिसके बाद प्रमुख सचिव, खेल विभाग कल्पना अवस्थी ने प्रमुख सचिव, लोक निर्माण विभाग नितिन रमेश गोकर्ण को मामले की तकनीकी जांच के लिए अनुरोध किया था और फिर लोक निर्माण विभाग ने इस परियोजना की तकनीकी विशेषज्ञ से जांच कराने का निर्देश दिया था.
कार्यकाल रहा हास्यास्पद
वैसे विजय गुप्ता का कार्यकाल खासा विवादास्पद रहा था और इस पूर्व अध्यापक को कोर्ट के आदेश के चलते सीनियर होने के नाते 18 अगस्त 2015 से 15 सितंबर 2019 तक प्रिंसिपल का अतिरिक्त कार्यभार दिया गया था लेकिन उनके कार्यकाल में कई वित्तीय अनियमितताओं की शिकायत के चलते उनको पद से हटाया गया था.
फर्जी प्रमाणपत्र
बाद में जब प्रदेश सरकार ने शिक्षकों के फर्जी प्रमाणपत्र की जांच का अभियान चलाया गया तो पता चला कि उन्होंने फर्जी शिक्षा प्रमाण पत्र और अनुभव प्रमाण पत्र लगाए थे. फिर कड़ा एक्शन लेते हुए उनकी सेवा समाप्त कर दी गई थी. वैसे देखा जाए तो गुरु गोविन्द सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज, लखनऊ का जिम्मा 2010 से अतिरिक्त कार्यभार वाले या कार्यवाहक प्रधानाचार्यों के जिम्मे है. 2010 से पहले निर्मल सिंह सैनी स्थायी प्रधानाचार्य थे लेकिन उसके बाद से कई बार स्थाई प्रधानाचार्य की तलाश की गई जो परवान चढ़ नहीं सकी.



