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विकास प्राधिकरण क्षेत्र में लैंडबैंक विस्तार के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जाने चाहिए

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मंडल, जोन, रेंज, पुलिस कमिश्नरेट और जनपद के वरिष्ठ प्रशासनिक व पुलिस अधिकारियों तथा विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्षों के साथ प्रदेश में अतिवृष्टि/अल्पवृष्टि, कानून व्यवस्था, यातायात प्रबंधन और औद्योगिक निवेश की गहन समीक्षा की।

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि विगत 05-06 माह में प्रदेश ने टीम वर्क के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त की है। संवाद के माध्यम से धर्मस्थलों पर लगाए गए लाउडस्पीकरों को उतारे जाने, सड़कों पर धार्मिक क्रियाकलापों को रोकने जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर सराहनीय कार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था निरन्तर बनाए रखी जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में मादक द्रव्यों के अवैध कारोबारियों के खिलाफ बड़ा अभियान प्रारंभ किया है। इस दिशा में निर्णायक प्रयास करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न प्रदेशों में अवैध शराब के सेवन से मृत्यु की घटनाएं हुई हैं। इसके दृष्टिगत प्रदेश में विशेष सतर्कता बरती जाए। मादक द्रव्यों के अवैध कारोबारियों के खिलाफ सघन अभियान चलाकर कठोर विधिसम्मत कार्रवाई की जाए। इसके लिए प्रत्येक जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, थानाध्यक्ष को अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। हुक्का बार प्रतिबंधित है, इनका संचालन किसी भी दशा में नहीं होना चाहिए। बेहतर टीम वर्क के साथ ड्रग माफियाओं के खिलाफ यह प्रदेशव्यापी अतिमहत्वपूर्ण अभियान आज रात्रि से बड़े आंदोलन के रूप में आगे बढ़ाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं को नशे के अंधेरे में ढकेलने वाले समाजविरोधी तत्वों की सूक्ष्मता से पड़ताल करके थाना स्तर पर ऐसे हर छोटे-बड़े अराजक तत्वों की सूची तैयार की जाए। मादक द्रव्यों के अवैध कारोबारियों के विरुद्ध सघन छापेमारी की जाए। रेलवे स्टेशन आदि सार्वजनिक स्थलों के आसपास पेट्रोलिंग बढ़ायी जाए। यह कार्यवाही जीरो टॉलरेंस के साथ पूरी कठोरता से की जाए। इस अभियान में लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी। इसमें शिथिलता बरतने वाले पुलिस अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मादक द्रव्यों के अवैध कारोबार के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई के साथ ही युवाओं को मादक द्रव्यों से दूर रखने के लिए प्रभावी प्रयास किए जाएं। मादक द्रव्यों के दुष्प्रभावों के प्रति व्यापक जागरूकता के लिए शिक्षा विभाग द्वारा स्कूलों में पोस्टर प्रतियोगिता, निबंध, वाद-विवाद प्रतियोगिता आदि कार्यक्रम संचालित किए जाएं। उन्होंने मादक द्रव्यों की लत से पीड़ित युवाओं के चिकित्सकीय उपचार, काउंसिलिंग के माध्यम से पुनर्वास पर बल देते हुए कहा कि स्थानीय स्तर पर इसके लिए कार्य कर रही स्वयंसेवी संस्थाओं का सहयोग लेकर नशा मुक्ति के लिए प्रयास किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जिलाधिकारियों द्वारा स्वयं पहल कर अपने जनपद में एक हेल्थ एटीएम किसी सामुदायिक/प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अथवा किसी अन्य उपयुक्त स्थल पर स्थापित कराया जाए। हेल्थ एटीएम पर प्रशिक्षित पैरामेडिक्स की तैनाती की जाए। हेल्थ एटीएम को नजदीक के किसी अस्पताल से सम्बद्ध किया जाए। इस पहल से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य जांच-परीक्षण के लिए बड़ा सुलभ तंत्र विकसित हो सकेगा।

हेल्थ एटीएम की स्थापना के लिए रेडक्रॉस, डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड अथवा सी0एस0आर0 फंड का उपयोग किया जा सकता है। इसके बाद भी यदि धन की व्यवस्था नहीं हो पाती है तो उन्हें अवगत कराया जाए। वे वित्तीय प्रबंधन करेंगे। उन्होंने कहा कि फील्ड में तैनात किसी अधिकारी को जनहित के कार्यों में किसी असुविधा पर शासन स्तर से अपेक्षित सहयोग न मिले, तो बेहिचक मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित किया जाए। वे स्वयं चौबीसों घण्टे उनकी (जिलाधिकारी) समस्याओं को सुनने और समाधान करने के लिए उपलब्ध हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश अनंत संभावनाओं वाला प्रदेश है। इसकी सम्भावनाओं को मूर्त रूप देने के लिए निरन्तर प्रभावी प्रयास किए जाने की जरूरत है। कोरोना काल में प्रदेश की क्षमता और संकल्प को सबने देखा और सराहा है। माह जनवरी, 2023 में प्रदेश में ‘उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर समिट’ का आयोजन किया जाना प्रस्तावित है।

समिट के माध्यम से राज्य में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश का लक्ष्य है। यह समिट वर्ष 2027 तक प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य की पूर्ति में सहायक होगी। औद्योगिक विकास प्रधिकारण, शिक्षा विभाग, पशुपालन, कृषि सहित सभी विभागों को इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सहयोग करना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश के प्रयासों की हर ओर सराहना हो रही है। इसमें अब भी बहुत सुधार की आवश्यकता है। निवेश के माहौल को और बेहतर बनाने के लिए राज्य की विभिन्न सेक्टर की नीतियों को और सरल तथा निवेशोन्मुखी बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि राजस्व संहिता में जरूरी बदलाव के लिए तत्काल निर्णय लेकर कार्यवाही की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन्वेस्ट यू0पी0 और विकास प्राधिकरणों को अपनी कार्यशैली को और बेहतर बनाना होगा। जनहित के आवेदनों का समयबद्ध ढंग से निस्तारण कराया जाए। प्रत्येक विकास प्राधिकरण द्वारा महायोजना के अनुसार शीघ्र अपनी कार्ययोजना तैयार कर ली जाए।

विकास प्राधिकरण क्षेत्र में लैंडबैंक विस्तार के लिए सभी जरूरी प्रयास किये जाने चाहिए। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी विकास प्राधिकरणों की समीक्षा की जाएगी। विकास परियोजनाओं के लिए वितीय स्वीकृतियां अनावश्यक लंबित न रखी जाएं। जारी की जाने वाली धनराशि की हर तीन दिन के अंतराल पर शासन स्तर पर समीक्षा की जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के किसी भी जनपद में अवैध टैक्सी स्टैंड, बस स्टैंड/रिक्शा स्टैंड संचालित न हों। ऐसे स्टैंड अवैध वसूली को बढ़ावा देते हैं। जहां कहीं भी ऐसी गतिविधियां संचालित हो रही हों, उन्हें तत्काल बंद कराया जाए। प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों में बेहतर सुविधाओं के लिए ठोस प्रयास किये जायें। पीपीपी मोड पर अस्पताल, मॉल, मंडी आदि का विकास किया जाए। सड़कों के सुदृढ़ीकरण की दिशा में और बेहतर काम किये जाने की जरूरत है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना, चंबल नदियों में जलस्तर बढ़ने से प्रदेश के 18 जनपदों में आम जन के प्रभावित होने की सूचना है। गंगा और बेतवा के जलस्तर में भी बढ़ोतरी हुई है। यद्यपि अब सभी जगह जलस्तर में कमी आ रही है। प्रयागराज, वाराणसी, बलिया, इटावा, औरैया, कानपुर देहात, हमीरपुर, मिर्जापुर, बलिया आदि जनपदों की स्थिति पर लगातार नजर रखी जाए। प्रभावित क्षेत्रों के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त किए जाएं। वरिष्ठ अधिकारी प्रभावित क्षेत्रों में लगातार कैम्प करते रहें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एन0डी0आर0एफ0, एस0डी0आर0एफ0/पी0ए0सी0 तथा आपदा प्रबंधन की टीमें 24×7 एक्टिव मोड में रहें। आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की आवश्यकतानुसार सहायता ली जाए। जिलाधिकारी गण द्वारा नौकाओं, राहत सामग्री आदि का प्रबंध भी सुनिश्चित कर लिया जाए। प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में देर न हो।

प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई जाए। जहां जलभराव की स्थिति बने, वहां पशुओं को अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट कराया जाए। इन स्थलों पर पशु चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। एंटी स्नेक वेनम की भी कमी नहीं होनी चाहिए। मंडलीय भ्रमण के लिए जा रहे मंत्री समूह को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी दी जाए। मंत्रीगण द्वारा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का भी भ्रमण किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत कुछ समय से गोवंश एवं महिषवंश पर लंपी वायरस का दुष्प्रभाव देखने को मिला है। इस संक्रमण के कारण कई राज्यों में व्यापक पशुधन हानि हुई है। इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए मिशन मोड में काम करने की आवश्यकता है। पशुपालकों को संक्रमण के लक्षण और उपचार के बारे में पूरी जानकारी दी जाए। संक्रमण के लक्षण दिखने पर प्रभावित गोवंश तो तत्काल आइसोलेट किया जाए। संक्रमित गोवंश अन्य पशुओं के संपर्क में न आने पाए। इसके लिए विशेष सतर्कता की आवश्कता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि लंपी वायरस से सुरक्षा के लिए पशु टीकाकरण का विशेष अभियान चलाया जाए। इसके लिए 17.50 लाख वैक्सीन उपलब्ध करा दी गई है। यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी गोवंश का टीकाकरण समय से हो जाए। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में विशेष सतर्कता की आवश्कता है।

सभी निराश्रित गो-आश्रय स्थलों में शत-प्रतिशत गोवंश का टीकाकरण कराया जाए। लंपी वायरस मक्खी और मच्छर से फैलने वाला वायरस है, ऐसे में ग्राम्य विकास, नगर विकास, दुग्ध विकास और पशुपालन विभाग के परस्पर समन्वय से विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए। संक्रमित पशु की मृत्यु की दशा में अंतिम क्रिया पूरे मेडिकल प्रोटोकॉल का साथ कराई जाए।

इस अवसर पर औद्योगिक विकास मंत्री श्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नन्दी’, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त श्री अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव गृह श्री अवनीश कुमार अवस्थी, पुलिस महानिदेशक श्री डी0एस0 चौहान, अपर मुख्य सचिव आबकारी श्री संजय भूसरेड्डी, अपर मुख्य सचिव पशुपालन श्री रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी, अपर मुख्य सचिव उच्च शिक्षा श्रीमती मोनिका गर्ग, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्रीमती आराधना शुक्ला, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव नगर विकास श्री अमृत अभिजात, प्रमुख सचिव आवास श्री नितिन रमेश गोकर्ण, प्रमुख सचिव राजस्व श्री सुधीर गर्ग, प्रमुख सचिव सिंचाई श्री अनिल गर्ग, राहत आयुक्त श्री रणवीर प्रसाद सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक में सम्मिलित हुए।

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