प्रणय रॉय के आवास पर सीबीआई ने शेयरों का लेन-देन सेबी से छिपाने और एक निजी बैंक को नुकसान पहुंचाने के आरोप के चलते आज तलाशी ली। चैनल ने इस कदम को ‘‘पुराने झूठे आरोपों’’ पर आधारित ‘‘प्रतिशोध की कार्रवाई’’ करार दिया। सीबीआई ने आरआरपीआर होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रणय रॉय, उनकी पत्नी राधिका के साथ-साथ आईसीआईसीआई बैंक के कुछ अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक साजिश रचने, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार करने का मामला दर्ज किया है।
आरआरपीआर होल्डिंग्स ने जनता से एनडीटीवी के 20 प्रतिशत शेयर खरीदने के लिए इंडिया बुल्स प्राइवेट लिमिटेड से कथित तौर पर 500 करोड़ रूपए का ऋण लिया था। सीबीआई का आरोप है कि आरआरपीआर होल्डिंग्स ने इंडिया बुल्स का उधार चुकाने के लिए आईसीआईसीआई बैंक से 19 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से 375 करोड़ रूपए का ऋण लिया था। सीबीआई ने आरोप लगाया कि एनडीटीवी के प्रमोटरों ने एनडीटीवी में अपने तमाम शेयरों को गिरवी रखकर आईसीआईसीआई से यह ऋण लिया था। सीबीआई के अनुसार, शेयर गिरवी रखे जाने की बात सेबी, स्टॉक एक्सचेंजों अैर सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को नहीं बताई गई।
एजेंसी का कहना है कि बैंकिंग नियमन कानून की धारा 19-दो का उल्लंघन करते हुये कथित तौर पर 61 प्रतिशत से अधिक मताधिकार पूंजी का सृजन किया गया जबकि यह 30 प्रतिशत से अधिक नहीं होना चाहिये। यह सब जानकारी छुपाई गई। इसमें आईसीआईसीआई की ओर से 10 प्रतिशत ब्याज छूट भी दी गई। कानून के मुताबिक, ‘‘कोई भी बैंकिंग कंपनी किसी भी कंपनी में उसकी चुकता पूंजी से 30 प्रतिशत से अधिक शेयरों अथवा अपनी खुद की चुकता शेयर पूंजी और रिजर्व के 30 प्रतिशत से अधिक गारंटी के तौर पर, गिरवी के तौर पर अथवा स्वामित्व के तौर पर शेयरों की धारक नहीं बन सकती है।’’
प्राथमिकी में कहा गया कि आईसीआईसीआई बैंक को 48 करोड़ रूपए का नुकसान हुआ और आरआरपीआर को फायदा हुआ। सीबीआई के एसपी सुजीत कुमार ने कहा कि तलाशी दिल्ली के दो, देहरादून के एक और मसूरी के एक परिसर में ली गई। सीबीआई का एक दल देहरादून में छापेमारी कर रहा है। एनडीटीवी ने एक बयान में कहा, ‘‘आज सुबह सीबीआई ने पुराने अंतहीन झूठे आरोपों के आधार पर एनडीटीवी एवं उसके प्रमोटरों के संगठित उत्पीड़न को और अधिक बढ़ा दिया।’’ बयान में कहा गया कि एनडीटीवी और उसके प्रमोटर विभिन्न एजेंसियों की ओर से की जा रही इस बदले की कार्रवाई के खिलाफ लगातार लड़ते रहेंगे।
इसमें कहा गया, ‘‘हम भारत में लोकतंत्र और बोलने की स्वतंत्रता को बुरी तरह से कमजोर कर देने के इन प्रयासों के आगे घुटने नहीं टेकेंगे। भारत के संस्थानों और भारत जिन चीजों के लिए खड़ा है, उन्हें बर्बाद करने की कोशिश करने वालों के लिए हम एक संदेश देना चाहते हैं- हम अपने देश के लिए लड़ेंगे और इन ताकतों पर जीत हासिल करेंगे।’’
सीबीआई के प्रवक्ता ने एनडीटीवी की ओर से लगाए गए प्रतिशोध की कार्रवाई के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि एजेंसी कानून में वर्णित प्रक्रियाओं का पालन कर रही है।
नायडू ने कहा, छापे में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं
सूचना एवं प्रसारण मंत्री एम वैंकेया नायडू ने कहा कि रॉय की संपत्तियों पर सीबीआई की ओर से मारे जा रहे छापों में कोई राजनीतिक दखल नहीं है और कानून अपना काम कर रहा है। नायडू ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यदि कोई सिर्फ इसलिए गलत काम करता है क्योंकि वह मीडिया से है, तो आप सरकार से चुप बैठने की उम्मीद नहीं कर सकते।’’ उन्होंने कहा कि अधिकारी अपना काम कर रहे हैं और इसमें कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने कहा कि इस देश में मीडिया स्वतंत्र है। नायडू ने कहा, ‘‘सीबीआई को कोई जानकारी मिली होगी। तभी उन्होंने कार्रवाई की है।’’
ये सत्ता-विरोधी आवाजो को बंद करने का प्रयास: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय के आवास और तीन अन्य स्थानों पर स्थित परिसरों में सीबीआई की ओर से सोमवार को ली गई तलाशी की निंदा की है और इसे स्वतंत्र एवं सत्ता-विरोधी आवाजों को बंद कर देने का प्रयास बताया है। केजरीवाल ने टवीट में कहा, हम डॉ रॉय और एनडीटीवी समूह पर की गई छापेमारी की कड़ी निंदा करते हैं। यह स्वतंत्र और सत्ता विरोधी आवाजों को बंद कर देने की कोशिश है।
प्रणय के घर पर छापेमारी से निराश हूं: ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एनडीटीवी के संस्थापक प्रणय रॉय के दिल्ली आवास और तीन अन्य स्थानों पर सीबीआई की छापेमारी को लेकर निराशा जताई है। बनर्जी ने रॉय को काफी सम्मानित व्यक्ति बताया और कहा कि इस तरह की छापेमारी निराशाजनक है। बनर्जी ने ट्वीट किया, डॉ़ प्रणय रॉय के घर पर छापेमारी से निराश हूं। वह काफी सम्मानित व्यक्ति हैं। निराशाजनक परिपाटी।
स्वामी बोल, कानून का डर जरूरी
प्रणव रॉय की छापेमारी पर बीजेपी नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “कानून का डर जरूरी है। यह सभी पर लागू होना चाहिए, इससे फर्क नहीं पड़ता आप कौन हैं। वहीं कांग्रेस नेता ऑस्कर फर्नांडीस ने कहा, आप जानते हैं क्या चल रहा है देश में, आपको (मीडिया) निर्णय लेना है कि क्या करना है।
एनडीटीवी की सफाई
सीबीआई ने पुराने अंतहीन झूठे आरोपों के आधार पर एनडीटीवी एवं उसके प्रमोटरों के संगठित उत्पीड़न को और अधिक बढ़ा दिया। बयान में कहा गया कि एनडीटीवी और उसके प्रमोटर विभिन्न एजेंसियों की ओर से की जा रही इस बदले की कार्रवाई के खिलाफ लगातार लड़ते रहेंगे। इसमें कहा गया, हम भारत में लोकतंत्र और बोलने की स्वतंत्रता को बुरी तरह से कमजोर कर देने के इन प्रयासों के आगे घुटने नहीं टेकेंगे। भारत के संस्थानों और भारत जिन चीजों के लिए खड़ा है, उन्हें बबार्द करने की कोशिश करने वालों के लिए हम एक संदेश देना चाहते हैं- हम अपने देश के लिए लड़ेंगे और इन ताकतों पर जीत हासिल करेंगे।
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