ग्राम पंचायत की भूमि पर कब्जा कर करोड़ों कमा रहा नीलांश वाटर पार्क
लखनऊ। बख्शी का तालाब तहसील क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत अकडरियां कलां की सरकारी सुरक्षित भूमि पर नीलांश वाटर पार्क का अवैध कब्जा लगातार जारी है। नीलांश वाटर पार्क, ग्राम पंचायत की सुरक्षित भूमि ग्राम समाज, चारागाह, हरियाली, बंजर, तालाब पर अवैध कब्जा कर वाटर पार्क चला कर करोड़ों रुपए की कमाई कर रहे हैं, लेकिन शासन प्रशासन इस पर कोई कार्यवाही नहीं कर रहा है।
कई शिकायतें नीलांश वाटर पार्क के खिलाफ डीएम व एसडीएम से लेकर मुख्यमंत्री तक से की गई हैं, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलता है क्योंकि शिकायतों के बाद प्रशासन व सरकारी महकमे के अफसरों को कमाई का मौका मिल जाता है। वहीं धधकती गर्मियों के इस मौसम में नीलांश वाटर पार्क में हजारों की संख्या में लोग पहुंचकर पैसा खर्चा कर इंजॉय कर रहे हैं।
करोड़ों रुपया नीलांश वाटर पार्क के मालिक कमा रहे हैं। लेकिन शासन-प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है। नीलांश वाटर पार्क के बाहर अवैध स्टैंड भी चलाया जा रहा है जिस पर हजारों रुपए की वसूली रोज की जा रही है। पुलिस एवं प्रशासन इन पर आखिरकार कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा है। सरकार के लाख प्रयासों के बाद भी नीलांश वाटर पार्क में हजारों लोग बिना मास्क के ही नजर आ रहे हैं। क्या इन पर कोई आदेश नहीं लागू होता है।
क्या मुख्यमंत्री जी का बुलडोजर इस पर चलेगा कि किस तरह से सरकारी जमीन का नाजायज इस्तेमाल करके करोड़ों रूपये कमाये जा रहे हैं। सरकारी जमीन पर जबरन कब्जा करके अधिकारियों से मिलीभगत करके नीलांश वाटर पार्क वाले करोड़ों का वारा न्यारा कर रहे हैं। मुख्यमंत्री जी को यहां छापा पड़वाना चाहिए।
ज्ञात हो कि लखनऊ में इस तरह के आठ वाटर पार्क हैं, और सब के सब करोड़ों की कमाई कर रहे हैं।
इसी लखनऊ में आठ वाटर पार्क हैं, और ज्यादातर की हालत यही है। ये पार्क हैंः-
1. आनन्दी वाटर पार्क, इन्दिरा कैनाल, फैजाबाद रोड़, लखनऊ।
2. नीलांश थीम वाटर पार्क, बक्शी का तालाब, इटौंजा, लखनऊ।
3. ड्रीम वर्ल्ड रिसार्ट वाटर पार्क, बंथरा मार्केट, कानपुर रोड़, लखनऊ।
4. फोर सीजन फन सिटी, एसजीपीजीआई, गोपाल खेड़ा, लखनऊ।
5. आम्रपाली वाटर पार्क एण्ड रिसार्ट, हरदोई रोड़, मलिहाबाद, लखनऊ।
6. फन विलेज वाटर पार्क, इलाहाबाद हाईवे, लखनऊ।
7. स्कार्पियो कल्ब वाटर पार्क, कुर्सी रोड़, लखनऊ-226026
8. डिजनी वाटर वण्डर पार्क, गोपाल खेड़ा, एसजीपीजीआई, लखनऊ।