
एयरबैग उपलब्ध कराने में कार निर्माता की नाकामी पर दंडात्मक हर्जाना लगाया जाना चाहिए – न्यायालय
नयी दिल्ली – उच्चतम न्यायालय ने कहा कि एयरबैग प्रणाली उपलब्ध कराने में कार निर्माता की नाकामी पर दंडात्मक हर्जाना लगाया जाना चाहिए। जिससे कि भय पैदा हो सके। न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस की पीठ ने अपने आदेश में यह बात कही।
पीठ ने कहा कि उपभोक्ता कार खरीदते वक्त यह मान लेता है। कि टक्कर लगने की सूरत में एयरबैग अपने आप खुल जाएंगे। एक उपभोक्ता को भौतिकी में विशेषज्ञ नहीं माना जा सकता जो वेग और बल के सिद्धांत के आधार पर टक्कर के प्रभाव की गणना कर सके।
अदालत ने राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के एक आदेश के खिलाफ ह्युंदई मोटर इंडिया लिमिटेड की ओर से दायर एक याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की।