
अमेरिका की Sri Lanka में सैन्य अड्डा बनाने की कोई योजना नहीं – US Ambassador
श्रीलंका में अमेरिकी राजदूत जूली जे. चुंग ने कहा है कि उनके देश का यहां सैन्य अड्डा बनाने का कोई इरादा नहीं है। इसके साथ ही चुंग ने श्रीलंका को रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश करार दिया। अमेरिकी राजदूत की यह टिप्पणी अमेरिका के वरिष्ठ रक्षा अधिकारियों के अमेरिकी वायुसेना के दो विशेष विमानों से यहां पहुंचने के कुछ सप्ताह बाद आयी है।
फरवरी में हुई इस यात्रा ने अटकलों को हवा दी कि अमेरिका श्रीलंका में एक सैन्य अड्डा स्थापित करने की योजना बना रहा है। चुंग ने सोमवार को ‘डेली मिरर’ अखबार के साथ एक साक्षात्कार में इन अटकलों पर विराम लगा दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘सैन्य अड्डे के संदर्भ में, मैंने यह बार-बार कहा है। हमारा (श्रीलंका में) सैन्य अड्डा बनाने का कोई इरादा नहीं है। चुंग ने यह भी कहा कि वाशिंगटन का ‘‘एसओएफए समझौते को बहाल करने या पुनर्मूल्यांकन करने का कोई इरादा नहीं है।
स्टेटस ऑफ फोर्सेस एग्रीमेंट (एसओएफए) पर हस्ताक्षर 1995 में हुए थे। यह बहुपक्षीय या द्विपक्षीय समझौता है, जो उस रूपरेखा को स्थापित करता है जिसके तहत अमेरिकी सैन्यकर्मी किसी दूसरे देश में काम करते हैं और कैसे विदेशी क्षेत्राधिकार के घरेलू कानून उस देश में अमेरिकी कर्मियों के लिए लागू होते हैं।
चुंग ने श्रीलंका को हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश बताया। उन्होंने कहा, ‘‘हम एक स्थिर, समृद्ध, लोकतांत्रिक हिंद-प्रशांत देखना चाहते हैं। इसका मतलब है कि ऐसे देश जो अपनी संप्रभुता के बारे में सोचते हैं, वे नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था और खुले समुद्र में नौवहन की स्वतंत्रता के बारे में सोचते हैं।
चुंग की यह टिप्पणी ऐसे समय आयी है जब चीन श्रीलंका के साथ सैन्य संबंधों को बढ़ाने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ये सभी मुद्दे और मूल्य हैं जो न केवल अमेरिका और श्रीलंका के लिए बल्कि क्षेत्र के सभी देशों के लिए महत्वपूर्ण हैं। अमेरिका, भारत और कई अन्य विश्व शक्तियां एक मुक्त, खुले और संपन्न हिंद-प्रशांत सुनिश्चित करने की आवश्यकता के बारे में बात कर रही हैं।