PanchTantra की कहानी-बेकार का पचड़ा-भाग-8
पंचतंत्र के बेकार का पचड़ा भाग-7 में आपने पढ़ा कि ……..
जो कुछ उस समय मैंने सुना और जाना था उसका सारांश मैं तुम्हें बताता हूॅ। कम से कम इसे तो गांठ बांध ही लो। दमनक (Damanak) बोला, यह दुनिया ऐसी है जिसमें जिधर देखो, उधर सोने के फूल खिले हैं।…