राष्ट्रीय

हम सबको मिलकर जल संरक्षण के कार्य को जीवन का एक हिस्सा बनाना चाहिए : मुख्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में जल संरक्षण कार्य को बढ़ावा देने के लिए प्रदेशवासियों से अधिकाधिक सहभागिता की अपील की है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम सबको मिलकर जल संरक्षण के कार्य को जीवन का एक हिस्सा बनाना चाहिए। जल संरक्षण के लिए प्रत्येक जनपद में कम से कम एक जलाशय चिन्हित कर, उसमें से खरपतवार निकालकर उसकी सफाई, आवश्यकतानुसार उसे गहरा करने, जलाशय के तटबन्धां को सुदृढ़ करने तथा जलाशय के आसपास वृक्षारोपण अभियान से जुड़कर कार्य करना चाहिए।

मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास पर वन विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने 26वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में पदक विजेता प्रदेश के खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया। जल उत्सव माह की घोषणा तथा वृक्षारोपण जनआन्दोलन 2022 की कॉफी टेबल बुक का विमोचन भी किया। मुख्यमंत्री जी द्वारा वन विभाग को सी0आर0एस0 फण्ड के तहत हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड द्वारा उपलब्ध करायी गई मोटरसाइकिलों और स्कूटियों को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी को हीरो मोटोकॉर्प लि0 के सी0एस0आर0 प्रमुख श्री राजेश मुखीजा ने हीरो मोटोकॉर्प लि0 द्वारा वन विभाग को सौंपी गयी मोटरसाइकिलों व स्कूटी की प्रतीकात्मक चाभी भेंट की।

मुख्यमंत्री ने पदक विजेता खिलाड़ियों को बधाई देते हुए कहा कि 26वें अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता में वन विभाग के खिलाड़ियों ने 12 स्वर्ण, 18 रजत, 13 कांस्य सहित कुल 43 पदकों के साथ 8वां स्थान प्राप्त कर प्रदेश का सम्मान बढ़ाया है। अब प्रदेश की टीम को नम्बर एक स्थान प्राप्त करने की तैयारी करनी चाहिए। इसके लिए खिलाड़ियों को खेल गतिविधियों को अपनी नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा। उन्हांने कहा कि वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने खेल प्रतियोगिताओं में बिना भेदभाव के भाग लेकर पूरे आयोजन को गौरवान्वित किया है। वास्तव में खेलों का भाव सभी प्रकार के भेदभाव को दूर कर, हार व जीत की चिन्ता किए बिना स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाकर समाज के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत करना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। पूरी दुनिया इसके लिए चिन्तित है कि जलवायु परिवर्तन के जो दुष्परिणाम सामने आ रहे हैं, उसकी परिणति क्या होगी। मानवता व जीव सृष्टि कहां जाएगी। जलवायु परिवर्तन के दुष्परिणामों से न केवल मनुष्य बल्कि जीव सृष्टि को बचाना आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है। वन कर्मी पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन तभी कर पाएंगे, जब फिजकली एवं मेंटली फिट रहेंगे। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने खेलो इण्डिया एवं फिट इण्डिया मूवमेन्ट का संचालन इसी भाव को आगे बढ़ाने के लिए किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यावरण को प्रभावित करने वाली संस्थाआें की सी0एस0आर0 निधि का उपयोग पर्यावरण संरक्षण, वन सम्पदा व वन्य जीवों की सुरक्षा में किया जाए। उत्तर प्रदेश का वन विभाग पहली बार सी0एस0आर0 निधि का उपयोग कर रहा है। वन तथा वन्यजीव की सुरक्षा में कार्यरत फील्ड स्टाफ हेतु हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड द्वारा सी0एस0आर0 के तहत 250 मोटरसाइकिल एवं 35 स्कूटी उपलब्ध कराई जा रही हैं।

उन्होंने हीरो मोटोकॉर्प के सी0एस0आर0 प्रमुख को आश्वस्त किया कि इन वाहनों का उपयोग बेहतर तरीके से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वन विभाग उन सभी विभागों को चिन्हित करें, जिनसे पर्यावरण को नुकसान पहुंच रहा है। पर्यावरण संरक्षण, वन सम्पदा एवं वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए सी0एस0आर0 निधि के उपयोग की व्यवस्था को आगे बढ़ाया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में वन संरक्षण से सम्बन्धित अनेक कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। प्रदेश सरकार द्वारा हर वर्ष 30 से 35 करोड़ वृक्षारोपण किया जा रहा हैं। विगत 06 वर्ष में प्रदेश में 100 करोड़ वृक्षारोपण सम्पन्न हो चुका है। प्रदेश में वन क्षेत्र एवं वन्य जीवों की संख्या बढ़ी है। जो जंगल अनवरत काटे जा रहे थे, उन्हें नियंत्रित किया गया है। अवैध खनन को प्रतिबन्धित किया गया है। हर स्तर पर वन सम्पदा एवं वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए पुख्ता कदम उठाएं गए हैं। टाइगर रिजर्व की नई साइट बन रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज यहां जल उत्सव माह की घोषणा की गयी है। प्रधानमंत्री जी ने आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष को प्रत्येक जनपद में 75 जल सरोवर बनाने के संकल्प से जोड़ा था। विगत वर्ष प्रदेश में लगभग एक हजार अमृत सरोवर बनाए जा चुके हैं। अमृत सरोवरों पर व्यापक पैमाने पर वृक्षारोपण कार्यक्रम भी सम्पन्न हुए हैं। वनों में भी जलाशयों को आगे बढ़ाया जा सकता है। नियमित सफाई व पानी पहुंचने के मार्गां के ठीक होने से यह जलाशय जल संरक्षण के बेहतरीन माध्यम बनेंगे। इस कार्य में ग्राम, क्षेत्र व जिला पंयायत का सहयोग लिया जाए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वन महोत्सव के अवसर पर वृहद कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। इसमें बड़े पैमाने पर जलाशयों के चारों ओर वृक्षारोपण के कार्यक्रम भी आयोजित होंगे। वन विभाग के आज के प्रयास से जल संरक्षण, वृक्षारोपण एवं वनों की संरक्षा को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बजट में इस बार एक नाइट सफारी की घोषणा की गई है। जनपद गोरखपुर में प्राणी उद्यान भी प्रारम्भ हो चुका है, जहां पर प्रतिदिन 06 से 10 हजार लोग प्राणी उद्यान देखने के लिए आते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में वन विभाग सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है। वन्य जीवों के प्रति लोगों में सकारात्मक भाव सृजित किया जाना चाहिए, जिससे लोग वन्य जीवां को नुकसान पहुंचाने के बजाए, उन्हें अपना मित्र मानें। कोई भी वन्य जीव, मनुष्य एवं अन्य जीवों पर अकारण हमला नहीं करता। नुकसान की आशंका पर ही वन्य जीव हमला करते हैं। जीवन चक्र सिर्फ मनुष्य से संचालित नहीं होता, बल्कि जीव-जन्तु के बेहतर समन्वय से चलता है। सभी जीवों का अपना अस्तित्व होता है।

इसलिए जैव पारिस्थितिकी को बनाकर रखा जाना चाहिए। गंगा, यमुना जैसी नदियों को संरक्षित करने के लिए नए वेटलैण्ड की दिशा में प्रयास किये जाने चाहिए, जिससे इन्हें ईको टूरिज्म के केन्द्र के रूप में विकसित किया जा सके। वन विभाग द्वारा राज्य पशु बारहसिंहा के संरक्षण हेतु अलग क्षेत्र चिन्हित किए जाएं। राज्य पक्षी सारस के संरक्षण एवं विकास कार्यक्रम को भी आगे बढ़ाया जाए।

इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री अरुण कुमार सक्सेना ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में तालाबों की सफाई जल संरक्षण एवं पौधा रोपण के लिए प्रेरित किया है। प्रदेश में जल संरक्षण कार्य को सुदृढ़ करने हेतु चैत्र माह को जल उत्सव माह के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है। प्रतिपदा 22 मार्च, 2023 से 23 अप्रैल, 2023 तक जल महोत्सव माह का आयोजन होगा। प्रत्येक जनपद में कम से कम एक जलाशय चिन्हित कर उसकी सफाई के कार्य किये जाएंगे।

मुख्यमंत्री जी ने अमृत सरोवरों में पौधारोपण कार्यक्रम को आगे बढ़ाया है। इस वर्ष 35 करोड़ वृक्षारोपण किये जाएंगे। कक्षा 06, 07 व 08 में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को दो बड़े फलों के पेड़ दिए जाएंगे। जिससे विद्यार्थी अपने घरों में फल के पेड़ लगाने हेतु प्रेरित हो।

कार्यक्रम में अपर मुख्य सचिव वन एवं पर्यावरण श्री मनोज सिंह ने मुख्यमंत्री जी का स्वागत किया। प्रदेश की प्रधान मुख्य वन सरंक्षक और विभागाध्यक्ष श्रीमती ममता संजीव दुबे ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में पूरे प्रदेश में हरित चेतना का विस्तार हुआ है।
इस अवसर पर वन एवं पर्यावरण राज्य मंत्री श्री के0पी0 मलिक, मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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