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वर्ष 2023-24 के बजट में वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए 7,948 करोड़ रु0 का प्राविधान

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार का वर्ष 2023-24 का बजट सर्वसमावेशी एवं समग्र विकास की अवधारणा के साथ ‘आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश’ की परिकल्पना को साकार करने वाला बजट है। बजट में प्रदेश के गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं सहित प्रत्येक तबके से सम्बन्धित विकास योजनाओं को सम्मिलित किया गया है।

उन्होंने कहा कि देश राम राज्य की अवधारणा को साकार कर रहा है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा दिया गया ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का मंत्र ही रामराज्य की अवधारणा है। इस मंत्र को अंगीकार करते हुए उत्तर प्रदेश आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आज प्रदेश सही दिशा में, देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। यह बजट प्रदेश को भारत का ग्रोथ इंजन बनाने में सहायक होगा।

मुख्यमंत्री आज यहां विधान परिषद में वर्ष 2023-24 के बजट पर सामान्य चर्चा में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। उन्होंने बजट चर्चा में भाग लेने के लिए उप मुख्यमंत्री श्री केशव प्रसाद मौर्य सहित सभी सदस्यों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चर्चा में प्रतिभाग करके सभी सदस्यों ने प्रदेश की जनता की आशाओं तथा आकांक्षाओं की ओर शासन का ध्यान आकृष्ट किया है। साथ ही, सरकार से जुड़े मुद्दों को इस सदन के सम्मुख रखने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 के बजट पर चर्चा करते हुए हमें उत्तर प्रदेश में विगत 06 वर्षाें में हुए बदलाव को ध्यान में रखना होगा। आज पूरा देश और दुनिया उत्तर प्रदेश के विगत 06 वर्षाें के बदलाव के साथ नये उत्तर प्रदेश को देख रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन और प्रेरणा से प्रदेश जिस गति से आगे बढ़ रहा है, उससे आम जनमानस के मन में विश्वास पैदा हुआ है। इस जन विश्वास के परिणामस्वरूप ही 05 वर्ष के कार्यकाल के बाद पुनः हमारी सरकार दो-तिहाई बहुमत के साथ सत्ता में आयी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विगत 06 वर्षाें के दौरान प्रदेश में हुए टीम वर्क को सभी ने महसूस किया है। वर्ष 2015-16 का प्रदेश का बजट मात्र 03 लाख 20 हजार करोड़ रुपये का तथा वर्ष 2016-17 का बजट 03 लाख 40 हजार करोड़ रुपये का था। 06 वर्षाें के उपरान्त वित्त मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना द्वारा प्रस्तुत किया गया वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट दोगुने से अधिक बड़ा है।

यह बजट 06 लाख 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक का है। यह 07 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचेगा। यह प्रदेश की अर्थव्यवस्था के विस्तार को भी दिखाता है। विगत 06 वर्षाें में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय को दोगुना करने में सफलता प्राप्त हुई है। साथ ही, प्रदेश की अर्थव्यवस्था भी दोगुनी हुई है। इसके अलावा, हर वर्ष का बजट एक निश्चित थीम के साथ आगे बढ़ा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2014 में ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास’ का मंत्र दिया था। वही इस सरकार की सफलता तथा प्रदेश की 25 करोड़ जनता, गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाओं और प्रत्येक तबके को आगे बढ़ाने का अभियान है। इसी के परिणामस्वरूप उत्तर प्रदेश बदलता दिखायी दे रहा है। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट था। किसान बदहाल था।

गरीब भुखमरी का शिकार था। महिलाएं, बेटियां सुरक्षित नहीं थीं। संगठित अपराध में लिप्त माफियाओं की समान्तर सत्ता चलती थी। कहीं संगठित अपराध को संचालित करने वाला, कहीं भूमाफिया, कहीं वन माफिया, कहीं खनन माफिया, कहीं पशु माफिया थे। हर प्रकार के माफिया प्रदेश में पनप रहे थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 06 वर्ष बाद आज उत्तर प्रदेश का नौजवान देश व दुनिया में जहां कहीं भी जाता है, सम्मान की निगाहों से देखा जाता है। प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश की टीम ने परिवर्तन करके दिखाया है। यह परिवर्तन आज सर्वत्र, हर गांव, हर मोहल्ले, हर कस्बे, हर जनपद में देखने को मिल रहा है।

10 से 12 फरवरी, 2023 को प्रदेश की राजधानी लखनऊ में यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया। पूर्ववर्ती सरकारों में समिट का आयोजन प्रदेश के बाहर मुम्बई अथवा दिल्ली में होते थे, क्योंकि निवेशक यहां आना नहीं चाहते थे। हमारी सरकार ने फरवरी, 2018 में यू0पी0 इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया। इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री जी ने एवं समापन तत्कालीन राष्ट्रपति जी ने किया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 में जहां 04 लाख 68 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए थे, वहीं यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में 35 लाख करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यह निवेश प्रस्ताव प्रदेश के हर क्षेत्र के लिए प्राप्त हुए हैं।

पूर्वी उत्तर प्रदेश में 10 लाख करोड़ रुपये तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र में 04 लाख 29 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव शामिल हैं। मध्य यू0पी0 के लिए निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इसके लिए भूमिका तैयार करनी पड़ी थी। अभियान चलाना पड़ा था। 06 वर्ष तक टीम यू0पी0 लगातार कार्य करती रही। परिणाम हमारे सामने है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश का पर्सेप्शन बदला है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था की बेहतर स्थिति है। प्रदेश में बेहतर कनेक्टिविटी है। 04-लेन की इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी है। प्रदेश में एक्सप्रेस हाईवेज हैं। रेल तथा एयर का बेहतर नेटवर्क है। मैनपावर की स्केल तो है ही, इसकी स्किल बढ़ाने के लिए भी कार्य हुआ है।

राज्य में विभिन्न सेक्टर्स का अध्ययन कर सेक्टोरियल पाॅलिसीज बनायी गयी हैं। एण्टी भूमाफिया टास्क फोर्स बना करके लैण्ड बैंक तैयार किया गया। प्रदेश में भूमाफिया के कब्जों से मुक्त कराकर 64 हजार हेक्टेयर से अधिक का लैण्ड बैंक तैयार किया गया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसका परिणाम हुआ कि दुनिया में जहां भी हमारा मंत्री समूह निवेश के लिए गया, उसका स्वागत हुआ। पहली बार उत्तर प्रदेश की टीम देश के बाहर गयी। मंत्री समूह दुनिया के 16 देशों के 21 शहरों में गया। विशाल निवेश प्रस्ताव लेकर वापस आया।

देश के 08 शहरों में हमारे मंत्री समूहों ने निवेश के लिए रोड शो किये। हमारे सभी जनप्रतिनिधि-सांसद, विधायकगण तथा विधान परिषद के सदस्यों ने अपने-अपने जनपदों में रोड शो किया। परिणामस्वरूप प्रदेश के सभी 75 जनपदों के लिए निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। राज्य का एक भी जनपद ऐसा नहीं, जहां के लिए निवेश प्रस्ताव न मिले हों। यह हमारी सबसे बड़ी सफलता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जी-20, दुनिया के ऐसे 20 सबसे बड़े देश, जहां दुनिया की 65 प्रतिशत आबादी निवास करती है। इन देशों का दुनिया के 75 प्रतिशत ट्रेड, 85 प्रतिशत जी0डी0पी0, 90 प्रतिशत इनोवेशन तथा रिसर्च पर अधिकार है। अमृतकाल के प्रथम वर्ष में प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत जी-20 देशों की अध्यक्षता कर रहा है। भारत की अध्यक्षता में जी-20 की थीम ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ है।

प्रदेश में जी-20 के भी दो सम्मेलन सम्पन्न हुए हैं। इनमें से एक सम्मेलन आगरा में 10 से 12 फरवरी, 2023 तक महिला सशक्तीकरण पर तथा दूसरा प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 13 से 15 फरवरी, 2023 तक सम्पन्न हुआ। इनमें जी-20 देशों के प्रतिनिधियों के अतिरिक्त, भारत के 09 मित्र देशों के आमंत्रित सदस्यों तथा 06 अन्य देशों के संगठनों ने भी प्रतिभाग किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हर समस्या के समाधान के दो रास्ते होते हैं, या तो उसमें भाग लो या उससे भाग लो। हमारे पास समाधान करने वाली टीम है। जब हम वसुधैव कुटुम्बकम, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट तथा बजट की बात करते हैं, तो कुछ लोग जाति की बात करते हैं। इसी कारण प्रदेश के नौजवानों के सामने पहचान का संकट खड़ा हुआ था। यह बजट ऐसे समय में आया है, जब प्रदेश कोरोना महामारी से लगभग पूरी तरह मुक्त है।

पर्व और त्योहार हर्षाेल्लास व उमंग के साथ मनाये जा रहे हैं। अर्थव्यवस्था फिर से त्वरित गति से आगे बढ़ रही है। वर्तमान में दुनिया के अनेक देशों की अर्थव्यवस्था कठिनाई के दौर से गुजर रही है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत जिस क्षमता का प्रदर्शन कर रहा है, पूरी दुनिया उससे अभिभूत है। हर भारतवासी को इस पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश का यह बजट, भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने में प्रदेश की भूमिका का प्रतिनिधित्व कर रहा है। प्रधानमंत्री जी ने भारत की अर्थव्यवस्था को 05 ट्रिलियन डाॅलर की बनाने का संकल्प लिया है और उसके अनुरूप कार्ययोजना बनाकर कार्य आरम्भ किया है। ऐसे में प्रदेश का दायित्व है कि अपनी आबादी के अनुरूप योगदान करें। इसके लिए सर्वसमावेशी और समग्र विकास की सोच रखने वाला, आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव को और मजबूत करने वाला, वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट प्रदेश की जनता को समर्पित किया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किये गये बजट की अलग-अलग थीम रही है। वित्तीय वर्ष 2017-18 में प्रस्तुत किया गया बजट प्रदेश के ‘अन्नदाता किसानों’ को समर्पित था। वित्तीय वर्ष 2018-19 का बजट प्रदेश के ‘इन्फ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास’ को समर्पित था। वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट ‘महिला सुरक्षा, सम्मान तथा स्वावलम्बन’ की भावना के साथ ‘मिशन शक्ति’ के लिए समर्पित था। वित्तीय वर्ष 2020-21 में सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के दौरान प्रस्तुत बजट प्रदेश की ‘युवा शक्ति, उनके कौशल विकास,

रोजगार तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट’ तथा महामारी के दौरान भी प्रदेश में रोजगार की सम्भावनाएं बाधित न हों, इसके लिए समर्पित था। वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट प्रदेश के समग्र विकास को ध्यान में रखकर ‘स्वावलम्बन तथा सशक्तीकरण’ के लिए समर्पित किया गया था। वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट ‘अन्त्योदय से आत्मनिर्भरता’ का बजट था। वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट प्रदेश के ‘त्वरित, सर्वसमावेशी, समग्र विकास की सोच के साथ आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की नींव को मजबूत करने वाला’ बजट है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हम यह देख सकते हैं कि यह बजट उत्तर प्रदेश को 01 ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था की ओर कैसे बढ़ाएगा। हमने जो कहा, करके दिखाया है। वर्ष 2022 के विधान सभा चुनाव के लोक कल्याण संकल्प पत्र के 130 संकल्पों में से 110 संकल्पों को इस बजट में सम्मिलित किया है। इसके लिए 64 हजार करोड़ रुपये से अधिक धनराशि की व्यवस्था बजट में की गई है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में राजस्व कर के रूप में प्राप्त 86 हजार करोड़ रुपये के सापेक्ष वित्तीय वर्ष 2022-23 में मार्च, 2023 तक राजस्व कर के रूप में 02 लाख 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक की प्राप्ति का अनुमान है।

वित्तीय वर्ष 2016-17 में सेल्स टैक्स व वैट से 49 से 51 हजार करोड़ रुपये की प्राप्ति होती थी। वर्तमान में सेल्स टैक्स व वैट के स्थान पर जी0एस0टी0 लागू है। इस वित्तीय वर्ष के अन्त में जी0एस0टी0 से धनराशि के बढ़कर 01 लाख 25 हजार करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रदेश में स्टेट एक्साइज से 12 हजार करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इसके माध्यम से 45 हजार करोड़ रुपये की प्राप्ति का अनुमान है। एफ0आर0बी0एम0 एक्ट की सीमा के अन्तर्गत राजकोषीय घाटे को सीमित रखा गया है। यह प्रदेश के बेहतर वित्तीय प्रबन्धन का नमूना है। बजट में कैपिटल एक्सपेण्डिचर के लिए 01 लाख 47 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था है। यह धनराशि पहले की तुलना में दोगुनी से अधिक है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकिंग सेक्टर का व्यवसाय 2012 से 2017 के बीच 12 लाख 97 हजार 995 करोड़ रुपये था। वर्ष 2017 से 2022 के दौरान यह बढ़कर 22 लाख 06 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। बैंकों की जमा पूंजी में प्रदेश के युवाओं तथा उद्यमियों को लोन के रूप में वर्ष 2017 में 46 प्रतिशत प्राप्त होता था। वह आज बढ़कर लगभग 55 प्रतिशत हो गया है। वित्तीय संस्थाओं द्वारा वर्ष 2017 से 2022 के बीच 09 लाख 52 हजार करोड़ रुपये का ऋण वितरित किया गया, जो प्रदेश के नौजवानों की आकांक्षाओं पूर्ण करने का माध्यम बन रहा है। साथ ही, कारीगरों के हुनर को प्रोत्साहित करते हुए अर्थव्यवस्था में संतुलन लाने का कार्य हो रहा है। उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था 01 ट्रिलियन डाॅलर की अर्थव्यवस्था बनने की ओर बढ़ चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की राजस्व के क्षेत्र में यह उपलब्धि तब है, जब प्रदेश सरकार ने राज्य की जनता पर कोई अतिरिक्त कर नहीं लगाये, बल्कि पेट्रोल-डीजल पर वैट को कम किया गया। वर्तमान में प्रदेश में डीजल व पेट्रोल का मूल्य आस-पास के अन्य राज्यों की तुलना में कम है। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी तथा यूक्रेन संकट के बावजूद उत्तर प्रदेश आज रेवेन्यू सरप्लस स्टेट है। वित्तीय वर्ष 2016-17 में बजट के वित्त पोषण हेतु 20 प्रतिशत राशि ऋणों से प्राप्त होती थी। वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट में यह 16 प्रतिशत तक सीमित हो गयी है। पहले बजट का 8 फीसदी भाग लिये गये ऋण का ब्याज चुकाने पर व्यय होता था। वित्तीय वर्ष 2023-24 में यह घटकर 06 प्रतिशत पर आने जा रहा है। यह उत्तर प्रदेश की प्रगति की सही दिशा को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि किसी भी कार्य को सम्भव करने के लिए नेकनीयती चाहिए। विगत 06 वर्षाें की प्रदेश की यात्रा दर्शाती है कि राज्य की अर्थव्यवस्था को 01 ट्रिलियन डाॅलर बनाने का लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। प्रदेश को 01 ट्रिलियन डाॅलर की इकोनाॅमी बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा 10 सेक्टर चिन्हित किये गये हैं, जिन पर लगातार कार्य हो रहा है। इन सेक्टर में पहला शिक्षा का क्षेत्र है। इसमें बेसिक, माध्यमिक, उच्च, वोकेशनल, टेक्निकल एजुकेशन के क्षेत्र सम्मिलित हैं। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने के पश्चात देश विश्वगुरु के रूप में आगे बढ़ेगा, इसमें कोई दो राय नहीं होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा के लिए अनेक कार्यक्रम बनाये गये हैं। वर्ष 2017 से पहले शिक्षा की स्थिति चिन्ताजनक थी। प्रदेश के पांचवीं कक्षा के 56 प्रतिशत बच्चे हिन्दी तक नहीं पढ़ पाते थे। विद्यालयों की स्थिति बदहाल थी। 26 हजार से अधिक स्कूल एक कमरे में चल रहे थे। यू0पी0पी0एस0सी0 की प्रत्येक परीक्षा पर प्रश्न चिन्ह थे।

वर्तमान में आपरेशन कायाकल्प के माध्यम से प्रदेश के 01 लाख 30 हजार से अधिक स्कूलों का रिनोवेशन करके फ्लोरिंग को ठीक करने का कार्य किया गया है। बेसिक शिक्षा परिषद में पहले 01 करोड़ 34 लाख बच्चे पढ़ते थे, आज 01 करोड़ 91 लाख बच्चे पढ़ रहे हैं। छात्र-छात्राओं को निःशुल्क 02 यूनिफॉर्म, पुस्तकें, जूता-मोजा, स्वेटर, स्कूल बैग, स्टेशनरी आदि देने के लिए हर विद्यार्थी के अभिभावक के खाते में डी0बी0टी0 के माध्यम से 1200 रुपए भेजे जा रहे हैं। मिड-डे-मील की गुणवत्ता में सुधार किया गया है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्तमान में हर गांव तथा वाॅर्ड में डिजिटल लाइब्रेरी के निर्माण हेतु बजट में धनराशि की व्यवस्था की गई है। ‘पीएम श्री योजना’ के अन्तर्गत बच्चों के लिए बेहतर विद्यालय बनने जा रहे हैं। राज्य सरकार इसी सत्र में 18 अटल आवासीय विद्यालयों को प्रारम्भ करने जा रही है। पंजीकृत श्रमिकों, कोविड से अनाथ हुए तथा अन्य अनाथ बच्चों को वल्र्ड क्लास इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ इस विद्यालय के माध्यम से उत्तम शिक्षा देने जा रही है। इनमें बच्चों की लॉजिंग, फूडिंग की व्यवस्था निःशुल्क रहेगी। बच्चे हमारी आने वाली पीढ़ी हैं, उनके भविष्य को अच्छा बनाना हमारा दायित्व है। इससे हम भाग नहीं सकते।

मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के राजकीय विद्यालयों के साथ-साथ शासकीय सहायता प्राप्त निजी प्रबन्धन के विद्यालयों के रिनोवेशन के लिए बजट में व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि महाकवि तुलसीदास जी की विरासत की ओर देश व दुनिया आकर्षित है।

तुलसीदास जी ने मध्यकाल में भारत का मार्गदर्शन करने वाला, गुलामी की बेड़ियों से मुक्त करने वाला महाकाव्य ‘रामचरितमानस’ दिया। तुलसीदास जी को अकबर ने अपने दरबार में बुलाया, लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया। तुलसीदास जी ने कहा कि हमारा तो एक ही राजा, राजा राम हैं। राम के सिवा मैं किसी को राजा नहीं मानता। भगवान श्रीराम की विरासत पर हम सभी को गर्व होना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने बजट में संस्कृत विद्यालयों के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की है। संस्कृत के विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था भी बजट में की गयी है। पुरोहित कल्याण बोर्ड का गठन किया जा रहा है। उच्च शिक्षा के लिए 03 विश्वविद्यालय-सहारनपुर, अलीगढ़ और आजमगढ़ बनाए गए। इस बजट में तीन नये विश्वविद्यालय बनाने का प्रावधान किया गया है। यह विश्वविद्यालय तीन असेवित मण्डलों-माँ विन्ध्यवासिनी धाम मीरजापुर, माँ पाटेश्वरी धाम देवीपाटन मण्डल तथा मुरादाबाद में बनाए जाएंगे। फार्मा सेक्टर के लिए विश्वविद्यालय के समकक्ष संस्थान बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश, देश का सबसे बड़ा बाजार है, तो फार्मा सेक्टर का भी सबसे बड़ा हब बनेगा। वोकेशनल एजुकेशन में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के साथ-साथ हाल ही में टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड के साथ 05 हजार करोड़ से अधिक का एक एम0ओ0यू0 किया गया है। इसमें 88 प्रतिशत शेयर टाटा टेक्नोलॉजीज लिमिटेड द्वारा दिया जाएगा तथा प्रदेश सरकार का शेयर मात्र 12 प्रतिशत होगा। यह अगले 10 साल तक चलेगा। इसमें न्यू ऐज ट्रेड की व्यवस्था होगी। प्रदेश के लगभग 35,000 नौजवानों को इसमें हर साल वल्र्ड क्लास ट्रेनिंग दी जाएगी। यहां से प्रशिक्षित युवाओं को टाटा समूह में नौकरी भी मिल सकेगी। टेक्निकल एजुकेशन में भी ड्रोन टेक्नोलाॅजी जैसे न्यू ऐज कोर्सेज को लाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी अच्छी प्रगति की है। कोविड-19 लगभग समाप्त हो चुका है। वर्ष 2017 से पहले भारत सरकार द्वारा प्रदेश को एडवांस लाइफ सपोर्ट एम्बुलेंसेज (ए0एल0एस0) उपलब्ध करायी जा रही थी, लेकिन तत्कालीन सरकार ने लेने से मना कर दिया। वर्तमान में 500 ए0एल0एस0 प्रदेश में संचालित हैं।

कोरोना महामारी के दौरान लोगों की जीवन रक्षा में इन एम्बुलेंसों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। पूर्ववर्ती सरकार ने आयुष्मान भारत योजना का शुभारम्भ नहीं किया। वर्तमान में 10 करोड़ लोगों को 05 लाख रुपए तक का स्वास्थ्य बीमा कवर उपलब्ध कराया जा रहा है। आयुष्मान भारत योजना के तहत 06 करोड़ से अधिक लोग जुड़े हुए हैं। शेष को राज्य सरकार मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के माध्यम से कवर कर रही है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पूर्व राजकीय कर्मचारियों के लिए कैशलेस उपचार की सुविधा नहीं थी। इस सुविधा के लिए बजट प्राविधान किया गया है। मुख्यमंत्री आरोग्य मेले के माध्यम से अब तक 11 करोड़ 72 लाख 29 हजार से अधिक रोगी लाभान्वित हुए हैं। 02 लाख 770 गम्भीर रोगियों को हायर सेण्टर रेफर करके उनके उपचार की व्यवस्था की गई है। 11 लाख से अधिक गोल्डेन कार्ड उपलब्ध कराए गये हैं। 250 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों को टेलीमेडिसिन की सेवा से जोड़ा गया है।

361 सी0एच0सी0 में टेली रेडियोलॉजी सेवा उपलब्ध कराई गई है। वर्ष 2017 से पहले प्रदेश के अधिकांश जनपदों में कोई वेण्टीलेटर/आई0सी0यू0 बेड नहीं थे। कोरोना काल में 36 जनपदों में वेण्टीलेटर नहीं थे। आज प्रदेश के सभी जनपदों में वेण्टीलेटर की सुविधा उपलब्ध है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले इंसेफेलाइटिस, डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, कालाजार जैसे संचारी रोग हमारे बच्चों को निगल लेते थे। 40 साल में इंसेफेलाइटिस से 50 हजार बच्चों ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में जान गंवा दी। पूर्ववर्ती सरकारों ने कभी इसे गम्भीरता से नहीं लिया। आज जो फ्री दवा मिल रही है, वह वर्ष 1997 में श्री कल्याण सिंह जी के मुख्यमंत्री रहते मेरे प्रस्ताव पर शुरू की गई। वर्तमान सरकार में सभी विभागों ने टीम भावना के साथ मिलकर काम किया। इससे इंसेफलाइटिस से होने वाली मृत्यु पर 96 प्रतिशत नियंत्रण पा लिया गया है।

मलेरिया उन्मूलन की दिशा में प्रदेश आगे बढ़ चुका है। डेंगू पर प्रभावी नियंत्रण है। कालाजार और चिकनगुनिया पर नियंत्रण के लिए भारत सरकार ने प्रदेश को सम्मानित किया है। प्रदेश के कोविड प्रबन्धन को डब्ल्यू0एच0ओ0 और नीति आयोग ने भी सराहा है। प्रदेश में उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाई काॅरपोरेशन का गठन किया। वर्ष 2018 से वर्ष 2022 तक राज्य ने 4500 करोड़ रुपये की बचत करने के साथ ही प्रत्येक अस्पताल में पहले से अधिक दवाइयां उपलब्ध कराने का कार्य किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन इन्द्रधनुष के अन्तर्गत अलग-अलग अभियान चले। इसके अन्तर्गत प्रदेश में 07 मार्च, 04 अप्रैल तथा 02 मई, 2022 को संचालित अभियानों में 36 लाख 82 हजार बच्चों को, 10 लाख 31 हजार गर्भवती महिलाओं को टीकाकरण से आच्छादित किया गया। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के रूप में भी प्रदेश के सभी जनपदों में अभियान चलाकर 07 करोड़ 13 लाख 61 हजार से अधिक बच्चों को लाभान्वित किया गया। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के अनुसार वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2019 में मातृ मृत्यु दर 197 से घटकर 167 रह गयी है। अभी वर्ष 2022-23 के सर्वे आने बाकी हैं।

नवजात शिशु मृत्युदर 30 प्रति हजार से घटकर 28 हो गई है। शिशु मृत्युदर 45 प्रति हजार से घटकर 38 हो गयी है। प्रदेश में संस्थागत प्रसव 67 प्रतिशत से बढ़कर 84 फीसदी हो गया। टीकाकरण 70 फीसदी से ऊपर हो गया है। सकल प्रजनन दर 2.7 फीसदी से घटकर 2.4 फीसदी रह गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के हर जनपद में निःशुल्क डायलिसिस की सुविधा प्रदान कराने जा रही है। इस बजट में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना तथा प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वस्थ भारत योजना के तहत धनराशि की व्यवस्था की गई है। पी0एच0सी0 और सी0एच0सी0 के सुदृढ़ीकरण के लिए धनराशि की व्यवस्था बजट में है। पहले एम0बी0बी0एस0 की सीटें केवल 1990 थीं।

आज प्रदेश ‘एक जनपद, एक मेडिकल काॅलेज’ की ओर बढ़ चुका है। रायबरेली और गोरखपुर में एम्स का संचालन हो रहा है। आज प्रदेश में एम0बी0बी0एस0 की सीटें 1990 से बढ़कर 8528 सीटें हो चुकी हैं। इसी प्रकार पी0जी0 की सीटों में भी बड़ी संख्या में वृद्धि हुई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 33 वर्षों से 35 ए0एन0एम0 सेण्टर बन्द थे। हमारी सरकार ने इनको फिर से चालू कराया है। 300 संस्थाओं में नर्सिंग एवं पैरामेडिकल का पाठ्यक्रम प्रारम्भ हुआ है। प्रदेश में पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 की संख्या 150 से बढ़ाकर 6700 की गई है। वर्ष 2016-17 में चिकित्सा शिक्षा का बजट केवल 1900 करोड़ रुपये था, आज इसे बढ़ाकर लगभग 10 हजार करोड़ रुपये किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में आयुष विश्वविद्यालय तथा लखनऊ में श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेयी जी के नाम पर मेडिकल यूनिवर्सिटी के निर्माण का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि गर्भवती महिलाओं एवं कुपोषित बच्चों को पोषाहार की आपूर्ति के लिए स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से व्यवस्था की गई है। वर्तमान में विभिन्न जनपदों में पोषाहार तैयार करने के प्लाण्ट तैयार हो चुके हैं। पोषाहार की क्वालिटी कण्ट्रोल के लिए थर्ड पार्टी रखी गई है। भारत सरकार की एक संस्था इसकी माॅनीटरिंग कर रही है। इसके माध्यम से गर्भवती महिलाओं और कुपोषित बच्चों को क्वालिटी फूड उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रदेश इस दिशा में एक माॅडल के रूप में आगे बढ़ा है।

01 लाख 77 हजार 218 स्मार्टफोन आंगनबाड़ी कार्यकत्र्रियों को उपलब्ध कराए गए हैं। निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के लिए बजट में धनराशि की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत 02 लाख से अधिक कन्याओं का विवाह सम्पन्न हो चुका है। गरीब कन्याओं के विवाह में मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री और मंत्रीगण कन्यादान में योगदान कर रहे हैं। मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से 14 लाख से अधिक बेटियां लाभान्वित हो रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे कार्य से आने वाले समय में इस क्षेत्र में हेल्थ टूरिज्म बड़ी सम्भावना होगी। कृषि क्षेत्र की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश की जी0डी0पी0 में एग्रीकल्चर क्षेत्र का योगदान 25 फीसदी से अधिक है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि में 11 प्रतिशत भूमि प्रदेश में है। उत्तर प्रदेश, देश का 20 प्रतिशत खाद्यान्न उत्पादन करता है। देश की फूड बास्केट के रूप में उत्तर प्रदेश जाना जाता है। प्रदेश के पास सबसे उर्वरा भूमि, सबसे अच्छा जल संसाधन है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2015-16 में केन्द्र सरकार उत्तर प्रदेश को 20 कृषि विज्ञान केन्द्र देना चाहती थी, जिससे किसानों को सही तकनीक और समय पर बीज मिल सके। तत्कालीन सरकार ने नहीं लिया। किसान को उसकी फसल का उचित दाम नहीं मिलता था। मण्डी परिषद के बाहर विक्रय पर प्रतिबन्ध था। मण्डी शुल्क 2 प्रतिशत लिया जाता था। कृषि विकास की दर जो वर्ष 2016-17 में स्थिर मूल्य पर 6.6 थी, अब 18.2 प्रतिशत हो चुकी है। प्रधानमंत्री जी ने दिसम्बर, 2018 में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि को प्रारम्भ किया था। आज प्रदेश में 02 करोड़ 60 लाख किसानों के खाते में 51,639 करोड़ रुपये से अधिक की राशि इस योजना के तहत भेजी जा चुकी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में कैंसर, किडनी फेल होना, लिवर खराब होना जैसी बीमारियां एक बड़ी समस्या है। इसका कारण अत्यधिक फर्टिलाइजर तथा कीटनाशकों का उपयोग है। गौ-आधारित कृषि इसका एकमात्र समाधान है। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने गंगा जी के तटवर्ती 27 जनपदों तथा बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 07 जनपदों को इसके दायरे में लिया है। गौ-आधारित खेती के लिए भारत सरकार ने भी केन्द्रीय बजट में व्यवस्था की है। प्रदेश सरकार भी इसके लिए व्यवस्था करने जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 85,000 हेक्टेयर में गौ-आधारित खेती का कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है।

साथ ही, जैविक उत्पादों के लिए टेस्टिंग लैब की स्थापना की गयी है। प्रथम चरण में मण्डल स्तर पर मण्डियों में इसकी व्यवस्था की जा रह है। प्रत्येक कृषि विज्ञान केन्द्र में भी टेस्टिंग लैब होगी, जो प्राकृतिक उत्पादों की जांच करेगी। इससे किसानों को अपने जैविक उत्पाद का बेहतर मूल्य प्राप्त होगा। सिंचाई परियोजनाओं का दायरा बढ़ाया गया है। वर्ष 1972 में प्रारम्भ हुई सरयू नहर परियोजना को वर्ष 2021 में राष्ट्र को समर्पित किया गया। राज्य सरकार ने प्रदेश में 20 से अधिक सिंचाई परियोजनाओं को पूरा किया है। तमाम परियोजनाओं को पूरा करने के लिए बजट में प्रावधान किए गए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2012 से 2017 के मध्य 94 लाख मीट्रिक टन गेहूं की खरीद की गयी, जिसके लिए 12,800 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं वर्ष 2017 से 2022 के मध्य 219 लाख मीट्रिक टन से अधिक गेहूं की खरीद की गयी। इसके लिए 40,159 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को सीधे खाते में किया गया है। वर्ष 2012 से 2017 के दौरान 123 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हुई और 17,190 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया। वहीं वर्ष 2017 से 2022 के मध्य 280 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद किसानों से की गयी और 50,420 करोड़ रुपये का भुगतान अन्नदाता किसानों के खाते में किया गया। वर्ष 2022-23 में 10 लाख 75 हजार 303 किसानों से 64 हजार मीट्रिक टन धान क्रय किया गया और 13,192 करोड़ रुपये का भुगतान डी0बी0टी0 के माध्यम से सीधे अन्नदाता किसानों के खाते में किया गया।

पूर्ववर्ती सरकार में चीनी मिलें बेच दी जाती थीं, घटतौली होती थी, पर्ची के लिए मारामारी होती थी। हमारी सरकार ने महान किसान नेता चै0 चरण सिंह की कर्मभूमि रमाला में चीनी मिल को नए सिरे से संचालित किया। बस्ती की मुण्डेरवा चीनी मिल, पिपराइच की चीनी मिल फिर से गन्ना पेराई का कार्य कर रही हैं। अब तक 01 लाख 98 हजार करोड़ रुपये से अधिक का गन्ना मूल्य का भुगतान किया गया है, जो पूर्ववर्ती सरकार द्वारा किए गए भुगतान से 01 लाख 02 हजार करोड रुपये अधिक है। वर्तमान में 5800 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का भुगतान बकाया है। प्रदेश में 119 चीनी मिलें संचालित हैं, जिनमें 100 से अधिक चीनी मिलें 10 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नमामि गंगे परियोजना के अन्तर्गत 52 एस0टी0पी0 परियोजनाएं स्वीकृत हैं, जिनमें 28 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं। 17 परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है और 07 परियोजनाओं पर शीघ्र ही कार्य प्रारम्भ होगा। नमामि गंगे परियोजना का परिणाम प्रयागराज कुम्भ-2019 भी है। राज्य सरकार ने प्रयागराज कुम्भ-2019 का दिव्य एवं भव्य आयोजन किया। इस कुम्भ ने स्वच्छता, सुरक्षा व सुव्यवस्था का माॅडल दुनिया के सामने प्रस्तुत किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने कृषि के निजी नलकूप में उपभोक्ताओं को विद्युत बिल में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की और इस बजट में फेज़ वाइज़ बढ़ाने के लिए 1500 करोड़ रुपये का प्राविधान किया गया है, ताकि 100 प्रतिशत की छूट मिल सके। पी0एम0 कुसुम योजना के अन्तर्गत 30,000 सोलर पम्प की स्थापना की कार्यवाही की जा रही है। एफ0पी0ओ0 के गठन के लिए भी युद्धस्तर पर कार्यवाही चल रही है। आगामी वित्तीय वर्ष में शहजाद बांध स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना, मध्य गंगा परियोजना, कचनौदा बांध व लखेरी बांध परियोजना को पूर्ण करने का लक्ष्य है।

प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण नीति के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है। दलहन, तिलहन के बीज के मिनी किट उपलब्ध कराने के लिए भी धनराशि निश्चित की गयी है। राज्य सरकार जनपद कुशीनगर में महात्मा बुद्ध के नाम पर कृषि विश्वविद्यालय स्थापित करने जा रही है। इसके लिए बजट में व्यवस्था की गयी है। कृषि विज्ञान केन्द्र और कृषि विश्वविद्यालय आपसी समन्वय के साथ कार्य कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र में स्टार्टअप व इन्क्यूबेटर की स्थापना के लिए बजट में प्राविधान किया गया है। टिश्यू कल्चर प्रयोगशाला, सेण्टर आॅफ एक्सीलेंस फाॅर हनी के लिए भी धनराशि की व्यवस्था है। निराश्रित गोवंश के लिए भी बजट में व्यवस्था की गई है। निराश्रित गोवंश की देखभाल के लिए 750 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि दुग्ध विकास से सम्बन्धित नीति के लिए धनराशि की व्यवस्था की गई है। नन्दबाबा दुग्ध मिशन के लिए बजट व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, निषादराज बोट सब्सिडी योजना के लिए बजट व्यवस्था की गई है। जल जीवन मिशन में वर्ष 2022-23 में 19,500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी। वर्ष 2023-24 में इसे बढ़ाकर 21,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। पहले बुन्देलखण्ड पानी के लिए तरसता था। आज हम हर घर तक पेयजल पहुंचा रहे हैं। वर्ष 2023-24 में लघु सिंचाई के लिए 1,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। बाढ़ नियंत्रण के लिए अब तक 22 लाख 94 हजार हेक्टेयर भूमि बाढ़ से सुरक्षित किया गया है। वर्ष 2023-24 के बजट में 277 परियोजनाओं को पूर्ण करने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2023-24 के बजट में वृद्धावस्था पेंशन योजना के लिए 7,948 करोड़ रुपये का प्राविधान है। वर्ष 2016-17 में तत्कालीन सरकार ने अनुसूचित जाति एवं जनजाति के 21 लाख 21 हजार 629 विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति रोक दी थी। हमारी सरकार ने वर्ष 2017 में विगत वर्ष एवं उस वित्तीय वर्ष की छात्रवृत्ति एक साथ देने का कार्य किया। कोविड से अनाथ हो गए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना संचालित की गई। इसके तहत 4000 रुपये की मासिक सहायता दी जा रही है।

साथ ही, 18 वर्ष तक के पात्र बच्चों को टैबलेट/लैपटाॅप की सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। राज्य सरकार निराश्रित महिला पेंशन योजना के अन्तर्गत 32 लाख 62 हजार निराश्रित महिलाओं को प्रतिवर्ष 12,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है। इसके लिए पर्याप्त बजट की व्यवस्था की गई है। पहले 08 लाख दिव्यांगों को 300 रुपये प्रतिमाह दिव्यांगजन पेंशन मिलती थी। आज 11 लाख दिव्यांगजन को प्रतिमाह 1000 रुपये दिव्यांगजन पेंशन प्रदान की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश में 96 लाख एम0एस0एम0ई0 इकाइयां मौजूद हैं। परम्परागत उद्यमों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश में ‘एक जनपद, एक उत्पाद योजना’ लागू की गई है। यह योजना प्रदेश के पारम्परिक उत्पादों को वैश्विक पहचान दिला रही है। प्रधानमंत्री जी द्वारा विश्व के अन्य राष्ट्राध्यक्षों को प्रदेश के ओ0डी0ओ0पी0 उत्पाद उपहार स्वरूप देने से ओ0डी0ओ0पी0 उत्पाद के कलाकार, कारीगर, हस्तशिल्पी को गौरवान्वित होते हैं। साथ ही, उनके व्यवसाय को वैश्विक मान्यता प्राप्त होती है।

ओ0डी0ओ0पी0 के परम्परागत उत्पादों ने एम0एस0एम0ई0 क्षेत्र को नया जीवन दिया है। आज यह दुनिया की लोकप्रिय योजना बन चुकी है। उत्तर प्रदेश एक्सपोर्ट का हब बन रहा है। वर्ष 2016-17 की तुलना में प्रदेश दोगुने से अधिक निर्यात कर रहा है। 01 लाख 56 हजार करोड़ रुपये से अधिक का एक्सपोर्ट वर्ष 2022 में ही पहुंच चुका है। प्रदेश सरकार एम0एस0एम0ई0 पाॅलिसी के अन्तर्गत इस सेक्टर के उद्यमी को 1000 दिनों तक परमीशन न लेने की सुविधा देती है। उद्यमी अपना उद्योग लगाएं परमीशन की कार्यवाही होती रहेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के तहत विभिन्न श्रेणी के हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों की टेªनिंग एवं टूलकिट उपलब्ध कराने की कार्यवाही की जा रही है। टेªनिंग के दौरान मानदेय भी दिया जा रहा है। इससे वह आर्थिक स्वावलम्बन की ओर अग्रसर हुए हैं। प्रदेश में नए आई0टी0 पार्क बनाने की कार्यवाही प्रचलित है। डाटा सेण्टर के क्षेत्र में प्रदेश में बड़े पैमाने पर निवेश आ रहा है। स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तीकरण योजना के अन्तर्गत अब तक 20 लाख युवाओं को टैबलेट/स्मार्टफोन उपलब्ध कराया जा चुका है।

आने वाले समय में लगभग 02 करोड़ युवाओं को टैबलेट/स्मार्टफोन उपलब्ध कराए जाएंगे। नोएडा में आर्टिफिशियल इण्टेलीजेंस तथा मशीन लर्निंग क्षेत्र में सेण्टर आॅफ एक्सीलेंस क्रियाशील है। भारत में मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग में उत्तर प्रदेश 45 प्रतिशत योगदान कर रहा है। भारत के मोबाइल कम्पोनेण्ट के 55 फीसदी निर्माता उत्तर प्रदेश में हैं। भारत के लगभग 26 प्रतिशत मोबाइल निर्माता उत्तर प्रदेश में क्रियाशील हैं। इस दिशा में 200 से अधिक कम्पनियां कार्य कर रही हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया है। इसे 4-लेन से जोड़ा गया है। 54 ऐसे मार्ग हैं, जो इण्टरस्टेट कनेक्टिविटी में आते हैं। यह नेपाल राष्ट्र सहित बिहार, झारखण्ड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखण्ड, दिल्ली राज्यों से जुड़े हुए हैं। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे पूर्वी उत्तर प्रदेश को जोड़ रहा है। बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे बुन्देलखण्ड क्षेत्र को जोड़ रहा है। गंगा एक्सप्रेस-वे पश्चिमी उत्तर प्रदेश को पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोड़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वाराणसी से हल्दिया के मध्य देश का प्रथम राष्ट्रीय जलमार्ग प्रदेश को पूर्वी बन्दरगाह के साथ जोड़ता है। वाराणसी में 100 एकड़ भूमि में फ्रेट विलेज विकसित किया जा रहा है। प्रदेश में इनबाउण्ड और आउटबाउण्ड कार्गो के लिए ट्रांसपोर्ट हब के रूप में यह फ्रेट विलेज कार्य करेगा। प्रदेश में रेल नेटवर्क बेहतरीन हैं। राज्य में 16 हजार कि0मी0 का रेल नेटवर्क है।

ईस्टर्न एण्ड वेस्टर्न डेडिकेटेड फ्रेट काॅरिडोर उत्तर प्रदेश से होकर जाते हैं। इनका जंक्शन भी उत्तर प्रदेश में है, जिसे प्रदेश सरकार लाॅजिस्टिक्स व ट्रांसपोर्ट हब के रूप में विकसित कर रही है। दिल्ली से मेरठ की यात्रा करने में पहले 03 से 04 घण्टे लगते थे। आज 12-लेन के हाई-वे के बन जाने से मात्र 45 मिनट में पूरी की जा रही है। सभी जिला मुख्यालयों को 04-लेन से जोड़ा जा रहा है। बेहतरीन सड़कों का निर्माण हो रहा है। ब्रिज, फ्लाई ओवर का निर्माण युद्धस्तर पर कराया जा रहा है।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘उड़ान योजना’ से प्रदेश की एयर कनेक्टिविटी में अभूतपूर्व सुधार हुआ है। आज प्रदेश में 09 एयरपोटर््स पूरी तरह संचालित हैं। अगले एक से डेढ़ वर्षाें में प्रदेश में 05 अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट्स संचालित होंगे और डोमेस्टिक एयरपोर्ट्स को मिलाकर कुल 21 एयरपोर्ट्स उत्तर प्रदेश में होंगे। ऊर्जा के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुआ है। 01 लाख 21 हजार मजरों तक बिजली पहुंचाई गई। बिजली की आपूर्ति तथा ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में भी कार्य हुआ है। बायोफ्यूल के क्षेत्र में कार्य हुआ है। उत्तर प्रदेश, देश का सर्वाधिक एथनाॅल उत्पादन करने वाला राज्य है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण विकास के लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्राम सचिवालय बनाया जा रहा है, जिससे ग्रामीणों को गांव में ही विभिन्न सुविधाएं उपलब्ध हो सकें। बैंकिंग काॅरेस्पाॅण्डेण्ट के माध्यम से गांवों में बैंकिंग सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं। महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से गांव की महिलाओं को स्वावलम्बन से जोड़ा जा रहा है। बजट में ‘मातृभूमि योजना’ का नया प्रस्ताव आया है।

उत्तर प्रदेश का नागरिक यदि कहीं बाहर रहता है और उत्तर प्रदेश में अपने पूर्वज के नाम पर कोई कन्वेंशन सेण्टर, सामुदायिक भवन आदि बनाना चाहता है, इसके लिए राज्य सरकार ने ‘मातृभूमि योजना’ प्रारम्भ की है। इसके तहत सरकार द्वारा सहायता उपलब्ध करायी जाएगी। 60 प्रतिशत धनराशि सम्बन्धित व्यक्ति द्वारा वहन की जाएगी और 40 प्रतिशत राशि प्रदेश सरकार वहन करेगी। इस योजना की ओर बड़े पैमाने पर लोग आकर्षित हुए हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ईज आॅफ लिविंग के क्षेत्र में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र में 52 लाख 77 हजार गरीबों को एक-एक आवास की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। वनटांगिया, मुसहर, थारू, चेरों, सहरिया, कोल को भी मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत आवास की सुविधा उपलब्ध करायी गई है।

स्वामित्व योजना में 50 लाख से अधिक परिवारों को घरौनी उपलब्ध करायी जा चुकी है। यह देश और प्रदेश में पहली बार हो रहा है। राज्य सरकार ने कृषक दुर्घटना बीमा के दायरे को बढ़ाया है। इसके लिए बजट प्राविधान किया गया है। प्रदेश में मेट्रो रेल का कार्य युद्धस्तर पर आगे बढ़ रहा है। 05 शहरों में मेट्रो रेल संचालित हैं। आगरा में युद्धस्तर पर कार्य चल रहा है। दिसम्बर, 2023 तक यह पूरा हो जाएगा। अन्य शहरों में भी मेट्रो रेल या रोप-वे की कार्यवाही को आगे बढ़ाने का कार्य हो रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के 112 आकांक्षात्मक जनपदों का चयन किया गया था। इनमें प्रदेश के 08 जनपद-बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बहराइच और श्रावस्ती, सोनभद्र, चन्दौली, चित्रकूट व फतेहपुर शामिल हैं। नीति आयोग द्वारा जारी रियल टाइम माॅनीटरिंग रैंकिंग में टाॅप-10 जनपदों में उत्तर प्रदेश के 05 आकांक्षात्मक जनपद तथा टाॅप 20 में सभी 08 आकांक्षात्मक जनपद शामिल हैं। नीति आयोग के आकांक्षात्मक जनपदों की तर्ज पर राज्य सरकार ने प्रदेश के 100 आकांक्षी विकासखण्डों की पहचान की है, जहां पर सामाजिक व आर्थिक क्षेत्र में सुधार लाने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। वर्ष 2023-24 के बजट में आकांक्षी नगर योजना के अन्तर्गत 100 आकांक्षी नगर निकायों में आधारभूत सुविधा की वृद्धि व विकास के लिए धनराशि की व्यवस्था की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में एक नवीन योजना ‘न्यू सिटी प्रोत्साहन योजना’ हेतु बजट में 3,000 करोड़ रुपये की व्यवस्था है। इसके तहत प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप राज्य को 01 ट्रिलियन डाॅलर की इकोनाॅमी बनाने की दिशा में न्यू सिटी के निर्माण के लिए प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। 50 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि राज्य सरकार देगी तथा 50 प्रतिशत सम्बन्धित अथाॅरिटी द्वारा ऋण के माध्यम से अथवा स्वयं के स्रोत से वहन की जाएगी। प्रधानमंत्री जी के विजन के अनुरूप स्मार्ट सिटी मिशन संचालित किया जा रहा है। स्मार्ट सिटी में निर्मित आई0सी0सी0सी0 ने न केवल ट्रैफिक मैनेजमेण्ट बल्कि, नगरों को सेफ सिटी के रूप में विकसित करने में सहायक हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में तेजी से विकास हुआ है। कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार पर्यटन के क्षेत्र में ही उपलब्ध होता है। उत्तर प्रदेश देश का हृदय स्थल है। इसलिए पर्यटन विकास योजनाओं को तेजी से संचालित करने के लिए बजट व्यवस्था की गई है। काशी में श्री काशी विश्वनाथ धाम, कुशीनगर में भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण स्थल का विकास हुआ है। अयोध्या को सोलर सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके लिए बजट में प्राविधान किया गया है।

प्रयागराज में भव्य और दिव्य महाकुम्भ-2025 के लिए 2500 करोड़ रुपये की बजट व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री पर्यटन संवर्धन योजना के लिए बजट प्राविधान किया गया है। प्रदेश में अलग-अलग सर्किट को विकसित करने के लिए कार्यवाही चल रही है। श्रृंग्वेरपुर में निषादराज, बहराइच में महाराज सुहेलदेव, लालापुर में महर्षि वाल्मीकि, राजापुर में संत तुलसीदास, वाराणसी में संत रविदास की जन्म स्थली के विकास की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सहारनपुर के माँ शाकुम्भरी देवी मन्दिर में पर्यटन सुविधाओं के विकास, युवाओं को विशेष प्रशिक्षण तथा गाइड का प्रशिक्षण देने, लखनऊ में ईको टूरिज्म के विकास, बुन्देलखण्ड क्षेत्र के किलों के विकास, बौद्ध परिपथ, शुक तीर्थ (मुजफ्फरनगर) तथा नैमिषारण्य तीर्थ के विकास के लिए बजट व्यवस्था है। मैनपुरी को पर्यटन केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए एक संग्रहालय की स्थापना तथा आजमगढ़ के हरिहरपुर में संगीत महाविद्यालय के निर्माण के लिए धनराशि का प्राविधान बजट में है।

भारतेन्दु नाट्य अकादमी के प्रेक्षागृह के नवीनीकरण, उत्तर प्रदेश पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित स्मारकों और पुरातन स्थलों तथा शहीद स्मारकों के निर्माण के लिए बजट व्यवस्था है। प्रयागराज में भजन संध्या स्थल के निर्माण, मिर्जापुर में माँ विन्ध्यवासिनी, माँ अष्टभुजा मन्दिर तथा माँ काली खोह के परिक्रमा पथ के विकास के लिए बजट प्राविधान किया गया है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में वेद-विज्ञान केन्द्र के द्वितीय चरण के कार्याें, सीतापुर के नैमिषारण्य में वेद-विज्ञान अध्ययन केन्द्र तथा अयोध्या में इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेण्ट को आगे बढ़ाने के लिए भी बजट व्यवस्था है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज प्रदेश में सुरक्षा का बेहतर वातावरण है। अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर सरकार चल रही है। उत्तर प्रदेश, देश की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में अग्रसर है। प्रदेश सरकार नेक नीयत से कार्य कर रही है। हर तरफ प्रदेश की बदनामी हो रही थी। पुलिस पर अपराधी भारी थे, 700 से अधिक दंगे हुए थे। इसलिए कोई भी प्रदेश में आना नहीं चाहता था। प्रदेश में लगातार उपद्रव का माहौल था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एन0सी0आर0बी0 की रिपोर्ट के अनुसार महिला अपराधों में सजा दिलाने में उत्तर प्रदेश, देश में प्रथम स्थान पर है। वर्ष 2016 की तुलना में डकैती में 80.31 प्रतिशत, लूट में 61.51 प्रतिशत, हत्या में 32.45 प्रतिशत, बलवा में 51.65 प्रतिशत, फिरौती में 43.18 प्रतिशत, दुष्कर्म में 21.75 प्रतिशत की कमी आयी है। प्रदेश में अब तक 01 लाख 60 हजार पुलिस कार्मिकों की नियुक्ति की कार्यवाही सफलतापूर्वक की गई। पुलिस भर्ती में महिलाओं को 20 प्रतिशत स्थान दिया गया है।

03 महिला पी0ए0सी0 बटालियन का गठन, समाप्त कर दी गई 54 पी0ए0सी0 बटालियन की पुनर्बहाली, यू0पी0एस0एस0एफ0, एस0डी0आर0एफ0 के गठन की कार्यवाही की गई। पुलिस बजट में भी वृद्धि की गई है। दंगामुक्त प्रदेश बनाने की कार्यवाही हुई, इससे प्रदेश निवेश के गंतव्य के रूप में आगे बढ़ा है। प्रदेश में जबरन धर्म परिवर्तन को संज्ञेय अपराध की श्रेणी में लाकर प्रभावी कार्रवाई की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस रिफाॅर्म के तहत प्रदेश में 07 पुलिस कमिश्नरेट बनाए गए। साइबर क्राइम को नियंत्रित करने के लिए साइबर थानों की व्यवस्था की गई है। एफ0एस0एल0 लैब स्थापित किए गए हैं। लखनऊ में उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फाॅरेंसिक साइंसेज की स्थापना का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। नवीन संशोधित जेल मैनुअल प्रदेश में लागू किया गया है। मेरठ में कोतवाल धन सिंह गूजर स्टेट आॅफ आर्ट पुलिस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट की स्थापना की कार्यवाही भी आगे बढ़ रही है।

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