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राज्यपाल ने विधान मण्डल के दोनों सदनों के समवेत अधिवेशन को सम्बोधित किया

राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज यहां उत्तर प्रदेश राज्य विधान मण्डल के दोनों सदनों के वर्ष 2022 के प्रथम सत्र के समवेत अधिवेशन को सम्बोधित किया। राज्य सरकार की प्रमुख विकासोन्मुख नीतियों एवं जनकल्याणकारी योजनाओं की संक्षिप्त रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के मूलमंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के अनुरूप कार्य कर रही है।

शीघ्र ही वित्तीय वर्ष 2022-23 का आय-व्ययक सदन में प्रस्तुत किया जाएगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रदेश की आम जनता के हित में सभी सदस्यगण राज्य सरकार का सहयोग कर जनआकांक्षाओं को पूरा करने में अपना बहुमूल्य योगदान करेंगे तथा इस सदन की उच्च गरिमा व पवित्रता को बनाये रखेंगे।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रदेश में सुशासन स्थापित किया है। अब सुशासन को और सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार की स्वयं से प्रतिस्पर्धा प्रारम्भ होगी। विगत 05 वर्षांें में प्रदेश में विकास की नींव डालने का कार्य किया गया है। अगले 05 वर्षाें में इसी नींव पर विकास की भव्य इमारत आकार लेगी।

इसके लिए प्रदेश में निवेश को बढ़ाने, आधारभूत अवसंरचना को सुदृढ़ करने तथा प्रदेश को देश का अग्रणी राज्य बनाने का कार्य किया जाएगा। इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रदेश सरकार द्वारा सेक्टरवार 100 दिन, 06 माह, 01 साल, 02 साल एवं 05 साल की वृहद कार्ययोजनाएं बनाई गई हैं। इन कार्ययोजनाओं पर कार्य आरम्भ भी हो चुका है और इसकी गहन समीक्षा भी की जा रही है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के विकास को नई ऊंचाइयां देने के लिए परियोजनाआंे के क्रियान्वयन की टाइमलाइन तय करते हुए कार्य सम्पादित किए जाएंगे। परफॉर्मेन्स बेस्ड कार्याें पर फोकस किया जाएगा। पूर्व की भांति राज्य सरकार प्रदेशवासियों को पारदर्शी एवं जवाबदेह शासन तथा ईमानदार व संवेदनशील प्रशासन उपलब्ध कराने के लिए तत्पर रहेगी। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रदेश सरकार के सभी मंत्रियों के अलग-अलग समूह गठित किए गए हैं।

मंत्री समूहों द्वारा अलग-अलग जनपदों का भ्रमण कर ‘सरकार आपके द्वार’ के अनुरूप जनता से सीधा संवाद स्थापित किया जा रहा है। इसके साथ ही, समाज के कमजोर वर्गों के सम्मानित नागरिकों का खास ध्यान रखते हुए उनकी समस्याओं के समाधान के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 के माध्यम से प्रदेश की जनता से किए गए वादों को पूरा करने के लिए राज्य सरकार द्वारा तेजी से कार्य किया जा रहा है।

राज्यपाल ने प्रदेश विधानसभा के सामान्य निर्वाचन के उपरान्त ऐतिहासिक रूप से पुनर्गठित विधानमण्डल के समवेत दोनों सदनों के प्रथम अधिवेशन के अवसर पर नवनिर्वाचित सदस्यों को बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश विधान सभा का सामान्य निर्वाचन-2022 कोरोना काल खण्ड की चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में सम्पन्न हुआ।

इसके लिए 75 जनपदों के कुल 403 विधान सभा निर्वाचन क्षेत्रों में 1,74,803 मतदान बूथ स्थापित किए गए थे। उन्होंने विधानसभा निर्वाचन को शान्तिपूर्वक तथा सकुशल सम्पन्न कराने के लिए प्रदेश की जनता, भारत निर्वाचन आयोग एवं निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े हुए सभी अधिकारियों/कर्मचारियों, केन्द्रीय पुलिस बल, राज्य पुलिस बल व अन्य समस्त सम्बन्धित को बधाई दी।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की जनता ने राष्ट्रवाद, सुशासन, सुरक्षा तथा विकास पर विश्वास व्यक्त करते हुए मेरी सरकार को एक बार फिर सेवा का अवसर प्रदान किया है। यह अवसर किसी सरकार को 37 वर्ष के बाद प्राप्त हो पाया है। यह सिद्ध करता है कि मेरी सरकार जन अपेक्षाओं पर पूरी तरह खरी उतरी है।

उन्होंने कहा कि मेरी सरकार द्वारा दूरदर्शी योजनाएं तैयार कर उन्हें निष्पक्ष, पारदर्शी एवं समयबद्ध रूप से क्रियान्वित किया गया। जन साधारण के जीवनस्तर में सुधार लाए जाने की दिशा में राज्य सरकार द्वारा निरन्तर प्रयास किए गए हैं। ‘ईज ऑफ लिविंग’ का लक्ष्य प्राप्त किया जाना विभिन्न कार्यक्रमों और योजनाओं का केन्द्र बिन्दु है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रभावी प्रयासों से राज्य आज विकास की चार दर्जन योजनाओं में देश में पहले स्थान पर है। यह सुशासन का प्रत्यक्ष प्रमाण है। विगत 05 वर्षाें में प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 42.5 लाख आवास स्वीकृत किए गए हैं। स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत 2.61 करोड़ व्यक्तिगत शौचालयों का निर्माण कराया गया।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के माध्यम से 1.67 करोड़ निःशुल्क गैस कनेक्शन प्रदान किए गए। सौभाग्य योजना के माध्यम से 1.41 करोड़ निःशुल्क विद्युत कनेक्शन दिए गए। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के अन्तर्गत 2.55 करोड़ किसानों को 42 हजार 565 करोड़ रुपये हस्तान्तरित किए गए तथा 86 लाख किसानों का 36 हजार करोड़ रुपये का फसली ऋण माफ किया गया।

राज्यपाल ने कहा कि पिछले पांच वर्षों में राज्य सरकार द्वारा किए गए सार्थक प्रयासों के फलस्वरूप प्रदेश राष्ट्रीय पटल पर एक सक्षम और समर्थ प्रदेश के रूप में उभर कर सामने आया है। अब राज्य देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है। प्रदेश को 01 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लिए नियोजित प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश एक उत्कृष्ट निवेश एवं बिजनेस गंतव्य के रूप में उभरा है, ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस रैंकिंग में उत्तर प्रदेश ने अभूतपूर्व प्रगति करते हुए देश में द्वितीय स्थान प्राप्त किया है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में आए निजी निवेश के माध्यम से 01 करोड़ 61 लाख युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध कराया गया। 60 लाख से अधिक युवाओं को स्वरोजगार से भी जोड़ा गया। निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया अपनाकर विगत 05 वर्षों में प्रदेश के युवाओं को साढ़े चार लाख सरकारी नौकरियों से जोड़ा गया है।

इसके परिणामस्वरूप प्रदेश में बेरोजगारी दर में उल्लेखनीय कमी आई है। सेण्टर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सी0एम0आई0ई0) के आकलन के अनुसार जून 2016 में प्रदेश की बेरोजगारी दर 18 प्रतिशत थी, जो अप्रैल 2022 में घटकर 2.9 प्रतिशत रह गई है।

राज्यपाल ने कहा कि कानून व्यवस्था को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए राज्य सरकार द्वारा जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाकर प्रदेश में अपराधमुक्त, भयमुक्त व अन्यायमुक्त वातावरण तथा कानून का राज स्थापित किया गया है। मेरी सरकार के कार्यकाल में सभी पर्व एवं त्योहार शान्तिपूर्वक सम्पन्न हुए। अपराध पर प्रभावी अंकुश लगने से प्रदेश में आपराधिक मामलों में निरन्तर कमी आ रही है।

वर्ष 2016 के सापेक्ष वर्ष 2021 में डकैती के मामलों में 73.94 प्रतिशत, लूट की घटनाओं में 65.88 प्रतिशत, हत्या के मामलों में 33.95 प्रतिशत तथा बलात्कार के अपराध में 50.66 प्रतिशत की कमी आयी। चुस्त-दुरुस्त कानून-व्यवस्था से नागरिकों में सुरक्षा की भावना सुदृढ़ हुई, प्रदेश में विकास का माहौल बना तथा राज्य निवेशकों के लिए आकर्षक गंतव्य के तौर पर उभरा है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में महिलाओं एवं बालिकाआंे की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन हेतु प्रारम्भ किए गए ‘मिशन शक्ति’ के तीन चरण पूर्ण हो चुके हैं, सभी जनपदों के समस्त 1535 थानों पर ‘महिला बीट आरक्षी’ नामित करते हुए, ’महिला हेल्प डेस्क’ की स्थापना की गयी है। कानून एवं शान्ति व्यवस्था में महिलाओं की अधिक से अधिक भागीदारी हेतु 03 महिला पी0ए0सी0 बटालियन (लखनऊ, गोरखपुर व बदायूं) का गठन किया जा रहा है।

लखनऊ में अत्याधुनिक उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंसेज की स्थापना की जा रही है। प्रदेश के चिन्हित माफिया व उनके गैंग के सदस्यों सहित विभिन्न प्रकार के माफियाओं तथा अपराधियों द्वारा अवैध कृत्य से अर्जित की गयी सम्पत्तियों के जब्तीकरण/ध्वस्तीकरण व अवैध कब्जे से 02 हजार 81 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की सम्पत्तियां अवमुक्त कराई गईं।

राज्यपाल ने कहा कि किसानों के हित को सर्वोपरि रखते हुए गोरखपुर में कई वर्षों से बन्द पड़े उर्वरक कारखाने का पुनः संचालन प्रारम्भ कराया गया है। प्रदेश खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर ही नहीं, अपितु सरप्लस राज्य के रूप में देश में अपना स्थान बनाए हुए है। प्रदेश में वर्ष 2020-21 में 619.47 लाख मी0 टन खाद्यान्न का उत्पादन हुआ है।

मेरी सरकार द्वारा 20 कृषि विज्ञान केन्द्रों को स्थापित करते हुए उन्हें क्रियाशील किया गया है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के अन्तर्गत कृषकों की दुर्घटनावश मृत्यु/दिव्यांगता की दशा में अधिकतम 05 लाख रुपये दिए जाने का प्राविधान है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस योजना के अन्तर्गत 600 करोड़ रुपये की धनराशि से 12 हजार लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाएगा।

राज्यपाल ने कहा कि चीनी उद्योग प्रदेश के लगभग 45.44 लाख गन्ना आपूर्तिकर्ता किसानों के परिवार की आजीविका का मुख्य आधार है। पेराई सत्र 2016-17 में प्रदेश का गन्ना क्षेत्रफल 20.54 लाख हेक्टेयर था, जो पेराई सत्र 2021-22 में बढ़कर 27.60 लाख हेक्टेयर हो गया। इस वृद्धि से परिलक्षित होता है कि प्रदेश के किसानों का रुझान गन्ने की खेती की ओर लगातार बढ़ रहा है।

राज्य सरकार द्वारा लगभग 45.44 लाख गन्ना किसानों को पेराई सत्र 2017-18 से पेराई सत्र 2021-22 तक के सापेक्ष, दिनांक 16 मई, 2022 तक, 01 लाख 72 हजार 745 करोड़ रुपये का गन्ना मूल्य का रिकॉर्ड भुगतान किया गया है। यह धनराशि वर्ष 2012 से वर्ष 2017 के मध्य हुए गन्ना मूल्य भुगतान के सापेक्ष 77 हजार 500 करोड़ रुपये तथा वर्ष 2007 से वर्ष 2012 के मध्य हुये गन्ना मूल्य भुगतान के मुकाबले 01 लाख 20 हजार 600 करोड़ रुपये अधिक है।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा रमाला, मुण्डेरवा तथा पिपराइच में नई चीनी मिलें स्थापित की गईं। कोरोना काल के चुनौतीपूर्ण समय में भी प्रदेश की सभी 119 चीनी मिलों को निर्बाध रूप से संचालित किया गया है। प्रदेश के गन्ना किसानों को सर्वे, सट्टा, कैलेण्डर आदि समस्त सूचनाएं वेबसाइट एवं मोबाइल पर प्राप्त करने की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है।

वर्ष 2016-17 में प्रदेश में एथेनॉल का उत्पादन 43.25 करोड़ लीटर था, जो वर्ष 2020-21 में बढ़कर 107.21 करोड़ लीटर हो गया है, अब उत्तर प्रदेश देश का सबसे बड़ा एथेनॉल आपूर्तिकर्ता राज्य बन गया है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 से वर्ष 2021-22 की अवधि में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की कुल 219.12 लाख मीट्रिक टन खरीद की गयी।

इसके माध्यम से 46 लाख 47 हजार किसानों को लाभान्वित करते हुए 40 हजार 159 करोड़ रुपये का भुगतान कराया गया। इसी अवधि में 280.09 लाख मीट्रिक टन धान की कुल खरीद करते हुए 42 लाख 90 हजार 474 किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ दिलाया गया। इसके तहत किसानों को 50 हजार 420 करोड़ रुपये का भुगतान कराया गया।

राज्यपाल जी ने कहा कि निराश्रित/बेसहारा गोवंश के संरक्षण के लिए प्रदेश में कुल 6,195 गो-आश्रय स्थल स्थापित हैं। इनमें 09 लाख 67 हजार 923 गोवंश संरक्षित किए गए हैं। ‘मुख्यमंत्री निराश्रित/बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना’ के अन्तर्गत 01 लाख 31 हजार से अधिक गोवंश इच्छुक पशुपालकों की सुपुर्दगी में दिए गए हैं। पोषण मिशन के तहत कुपोषित परिवारों को 2,050 गोवंश उपलब्ध कराए गए हैं।

बुन्देलखण्ड क्षेत्र में निराश्रित गोवंश को संरक्षित करने के उद्देश्य से इस क्षेत्र के प्रत्येक जनपद में 05-05 गो-आश्रय केन्द्र स्थापित किए गए हैं। सरकार द्वारा लगभग 98.88 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। विगत पांच वर्षों में दशकों से लम्बित चल रहीं बाणसागर, अर्जुन सहायक, सरयू नहर सहित कुल 20 सिंचाई परियोजनाएं पूर्ण की गयी हैं। इससे 21.42 लाख हे0 अतिरिक्त सिंचन क्षमता का सृजन किया गया। इससे प्रदेश के 44.72 लाख कृषक लाभान्वित हुए।

भारत सरकार द्वारा संचालित योजना ‘पर ड्रॉप मोर क्रॉप’ के अन्तर्गत बुन्देलखण्ड क्षेत्र हेतु तृतीय पैकेज में कुलपहाड़ स्प्रिंकलर परियोजना, शहजाद बाँध स्प्रिंकलर परियोजना एवं मसगाँव-चिल्ली स्प्रिंकलर प्रणाली की स्वीकृति प्रदान की गयी है, जिसकी कुल लागत 184.61 करोड़ रुपये है।

राज्यपाल ने कहा कि बेहतर कनेक्टिविटी के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में विश्वस्तरीय एक्सप्रेसवेज का नेटवर्क तैयार किया गया है। आज उत्तर प्रदेश की पहचान एक्सप्रेस प्रदेश के रूप में सशक्त हो रही है। लखनऊ से गाजीपुर तक 340.824 कि0मी0 लम्बे, 6-लेन के प्रवेश नियंत्रित ‘पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे’ का लोकार्पण हो गया है। गोरखपुर को पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए ’गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे’, का निर्माण किया जा रहा है।

बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे परियोजना का निर्माण कार्य निर्धारित लक्ष्य के अनुसार गतिमान है तथा इस वर्ष जून के अन्तिम सप्ताह में कार्य पूर्ण हो जाएगा। 594 कि0मी0 लम्बी 06 लेन गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना का कार्य प्रारम्भ हो चुका है। राज्य के सभी एक्सप्रेस-वे के किनारे इण्डस्ट्रियल कॉरीडोर विकसित करने का निर्णय लिया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के विकास में हवाई कनेक्टिविटी की महत्वपूर्ण भूमिका है। लखनऊ एवं वाराणसी में वर्तमान अन्तर्राष्ट्रीय हवाई-अड्डों तथा कुशीनगर में नवीन अन्तर्राष्ट्रीय हवाई-अड्डे के साथ ही जेवर, जनपद गौतमबुद्धनगर में नोएडा ग्रीन फील्ड अन्तर्राष्ट्रीय हवाई-अड्डा तथा अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम अन्तर्राष्ट्रीय हवाई-अड्डे के साथ प्रदेश शीघ्र ही पांच अन्तर्राष्ट्रीय हवाई-अड्डों वाला देश का एक मात्र राज्य बन जाएगा।

जेवर में नोएडा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई-अड्डे का शिलान्यास किया गया है। 05 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में विकसित होने वाला नोएडा अन्तर्राष्ट्रीय हवाई-अड्डा उत्तर भारत के सबसे बड़े हवाई अड्डों में से एक होगा। अयोध्या अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का निर्माण पूर्ण करने हेतु भूमि को भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण को हस्तान्तरित किया जा चुका है। प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी का विस्तार करते हुए नए शहरों को वायु सेवा से जोड़ा जा रहा है।

राज्यपाल ने कहा कि रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से राज्य में उत्तर प्रदेश डिफेंस इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना का क्रियान्वयन सफलतापूर्वक आगे बढ़ रहा है। यूपी इन्वेस्टर्स समिट-2018 में प्राप्त 4.68 लाख करोड़ रुपये तक के निवेश प्रस्तावों में से लगभग 03 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों का कार्यान्वयन विभिन्न चरणों में है।

इन निवेशों से 05 लाख से अधिक रोजगार के अवसर सृजित हो रहे हैं। आगामी 03 जून को इन्वेस्टर्स समिट की तृतीय ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रधानमंत्री जी के कर-कमलों से 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों को धरातल पर उतारा जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा अधिकाधिक उद्यमों की स्थापना हेतु प्रोत्साहनात्मक वातावरण का सृजन किया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि एम0एस0एम0ई0 अधिनियम 2020 के माध्यम से इकाइयों को 72 घण्टे में उद्योग स्थापित करने की अनुमति देकर 01 हजार दिनों तक विस्तृत प्रपत्र दाखिल करने की सुविधा दी गयी है। प्रदेश के समस्त जनपदों के उत्पादों व पारम्परिक शिल्पों के समग्र विकास हेतु मेरी सरकार द्वारा एक जनपद एक उत्पाद (ओ0डी0ओ0पी0) योजना संचालित की जा रही है।

इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन का ही यह परिणाम है कि प्रदेश से निर्यात में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी हुई है। पिछले 05 वर्षाें में निर्यात 88 हजार करोड़ रुपये से बढ़कर 1.56 लाख करोड़ रुपये हो गया है। लम्बे समय से बन्द चल रहे 07 कम्बल कारखानों एवं कालपी स्थित हाथ कागज उत्पादन केन्द्र को पुनर्संचालित कराया गया है, जहां उत्पादन भी प्रारम्भ हो गया है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को तकनीकी रूप से सक्षम बनाने के उद्देश्य से निःशुल्क टैबलेट/स्मार्टफोन वितरण योजना प्रारम्भ की गयी है। इस योजना के अन्तर्गत अब तक लगभग 12 लाख टैबलेट/स्मार्ट फोन वितरण हेतु जनपदों को उपलब्ध कराए जा चुके तथा वितरित किए जा रहे हैं।

आगामी 05 वर्षों में कुल 02 करोड़ स्मार्ट फोन/टैबलेट वितरित किए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। वर्तमान में जिला मुख्यालय पर 24 घण्टे, तहसील मुख्यालय पर 21ः30 घण्टे एवं गाँवों को 18 घण्टे बिजली आपूर्ति का रोस्टर निर्धारित है। निजी नलकूप उपभोक्ताओं को दिनांक 01 जनवरी, 2022 से बिजली के बिल में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई है।

राज्यपाल ने कहा कि राज्य सरकार समाज के कमजोर वर्गों के हितों के प्रति संवेदनशील है। वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत प्रत्येक लाभार्थी की पेंशन राशि को बढ़ाकर, 01 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से लगभग 56 लाख वृद्धजनों को पेंशन प्रदान की जा रही है। निराश्रित महिला पेंशन योजनान्तर्गत पात्र लाभार्थियों को देय पेंशन की धनराशि को बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस योजना के अन्तर्गत कुल 31 लाख महिलाओं को लाभान्वित किया गया है।

दिव्यांग भरण-पोषण अनुदान की धनराशि, जो वर्ष 2017 के पूर्व मात्र 300 रुपये प्रतिमाह प्रति व्यक्ति थी, उसे बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रतिमाह कर दिया गया है। प्रदेश के 11 लाख से अधिक दिव्यांगजन इससे लाभान्वित हो रहे हैं। कोविड-19 संक्रमण के कारण अनाथ/प्रभावित हुए बच्चों के भरण-पोषण, शिक्षा, चिकित्सा आदि की व्यवस्था हेतु ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना’ के अन्तर्गत पात्र बच्चों को 04 हजार रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

इसी प्रकार कोविड-19 संक्रमण से भिन्न कारणों से अपने माता/पिता अथवा अभिभावक को खोने वाले बच्चों के लिए ‘उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य)’ के अन्तर्गत पात्र लाभार्थियों को 2,500 रुपये प्रतिमाह की आर्थिक सहायता प्रदान की जा रही है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में समान लिंगानुपात स्थापित करने, कन्या भ्रूण हत्या को रोकने के प्रति आमजन में सकारात्मक सोच विकसित करने के लिए संचालित ‘मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना’ में अब तक 12 लाख 68 हजार से अधिक बालिकाओं को लाभान्वित कराया जा चुका है। सभी वर्गों के गरीब परिवारों की कन्याओं की शादी हेतु संचालित ‘मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना’ के अन्तर्गत अब तक 01 लाख 74 हजार 326 जोड़ों तथा श्रमिकों की कन्याओं के विवाह के लिए संचालित ‘कन्या विवाह अनुदान योजना’ के तहत लगभग 94 हजार कन्याओं का विवाह सम्पन्न कराया गया है।

समेकित बाल विकास सेवा योजना के अर्न्तगत 06 माह से 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती महिलाओं एवं धात्री माताओं के सर्वांगीण विकास के लिए प्रदेश के सभी जनपदों में कुल 897 परियोजनाओं के 1.89 लाख से अधिक आँगनबाड़ी केन्द्रों का संचालन किया जा रहा है। लाभार्थियों को अनुपूरक पुष्टाहार के रूप में फोर्टिफाइड गेहूँ, दलिया, चना दाल, खाद्य तेल तथा चावल का वितरण किया जा रहा है। स्वयं सहायता समूहों की महिला सदस्यों को पुष्टाहार उत्पादन तथा आपूर्ति के कार्य से जोड़ा गया है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने शहीद हुए सैनिक के परिवार को पूर्व में दी जाने वाली 25 लाख रुपये की धनराशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपये कर दिया है। राज्य के निवासी शहीद सैनिक के आश्रितों को प्रदेश सरकार की नीति के अन्तर्गत उन्हें सेवायोजन भी प्रदान किया जा रहा है। किन्नर समुदाय को समाज की मुख्य धारा में शामिल करने हेतु उत्तर प्रदेश किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है।

कामगारों/श्रमिकों की सामाजिक एवं आर्थिक सुरक्षा के लिए तथा उनके सर्वांगीण विकास के लिए ‘उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग’ का गठन किया गया है। प्रदेश के सभी 18 मण्डलों में 01-01 अटल आवासीय विद्यालय स्थापित किए जा रहे हैं। इनमें कक्षा-06 से 12 तक निःशुल्क गुणवत्तापरक एवं आवासीय शिक्षा प्रदान की जाएगी। इन विद्यालयों के निर्माण हेतु भूमि का चिन्हांकन पूर्ण कर लिया गया है तथा निर्माण कार्य युद्धस्तर पर जारी है।

राज्यपाल ने कहा कि कोविड महामारी की कठिनाइयों से गरीब परिवारों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा अपने संसाधनों से अप्रैल, 2020 से जून, 2020 तथा जून, 2021 से अगस्त, 2021 तक निःशुल्क खाद्यान्न वितरण किया गया। राज्य सरकार द्वारा माह दिसम्बर, 2021 से मार्च, 2022 तक अन्त्योदय एवं पात्र गृहस्थी कार्डधारकों को नियमित वितरित होने वाले गेहूं एवं चावल का वितरण निःशुल्क करते हुए, तीन अन्य आवश्यक वस्तुओं-आयोडाइज्ड नमक, दाल/साबुत चना, रिफाइन्ड सोयाबीन तेल को भी सम्मिलित कर निःशुल्क वितरण किया गया।

इस योजना से प्रदेश के लगभग 15 करोड़ लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं। यह देश का सबसे विशालतम खाद्यान्न वितरण कार्यक्रम है, जिसका विस्तार माह अप्रैल, 2022 से जून, 2022 तक कर दिया गया है। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को प्रधानमंत्री जी द्वारा सितम्बर, 2022 तक विस्तारित किया गया है। प्रत्येक निःशक्तजन राशन कार्डधारक को चिन्हित कर उनके घर पर ही खाद्यान्न उपलब्ध कराए जाने की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके अतिरिक्त राशन कार्डधारकों को देश में किसी भी स्थान पर राशन कार्ड के माध्यम से राशन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गयी है।

राज्यपाल ने कहा कि ग्राम्य विकास के माध्यम से देश को आत्मनिर्भर बनाना गांधी जी का स्वप्न था। मेरी सरकार ग्रामीण विकास से सम्बन्धित विभिन्न योजनाएं क्रियान्वित कर रही है। मुख्यमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अन्तर्गत वित्तीय वर्ष 2018-19 से अब तक कुल 1.02 लाख आवास का निर्माण पूर्ण कराया जा चुका है। प्राकृतिक आपदा, कालाजार, जे0ई0/ए0ई0एस0 एवं कुष्ठ रोग से प्रभावित तथा वनटांगिया/मुसहर, कोल, सहरिया एवं थारू वर्ग तथा नट (अनुसूचित जाति) एवं चेरों जनजाति के आवासविहीन या कच्चे/जर्जर आवास में निवास कर रहे परिवारों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से यह योजना संचालित की जा रही है।

जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण पेयजल आपूर्ति हेतु राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम का संचालन किया जा रहा है जिसमें ‘हर घर को नल से जल’ उपलब्ध कराया जाना है। वर्ष 2022-23 में 73.06 लाख क्रियाशील गृह नल संयोजन प्रदान कर लगभग 4.67 करोड़ घरों में शुद्ध एवं सतत् पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

राज्यपाल ने कहा कि ग्राम स्तर पर वित्तीय समावेशन तथा महिलाओं को रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से 40,196 बी0सी0 सखी का प्रशिक्षण एवं प्रमाणीकरण पूर्ण किया गया है। वर्तमान में 27,830 बी0सी0 सखी द्वारा कार्य प्रारम्भ करते हुए 2041 करोड़ रुपये का वित्तीय लेन-देन किया जा चुका है।

ग्राम स्तर पर सरकारी सेवाएं एक छत के नीचे उपलब्ध कराने के उद्देश्य से प्रदेश की 54,876 ग्राम पंचायतों में ग्राम सचिवालय स्थापित किए गए हैं। ग्राम सचिवालय के प्रतिदिन संचालन व सफल क्रियान्वयन हेतु 56,436 पंचायत सहायक/एकाउण्टेन्ट-कम-डाटा इण्ट्री ऑपरेटर का चयन कर उन्हें प्रशिक्षित किया गया है। राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत 25 जनपदों में पंचायत रिसोर्स सेण्टर का निर्माण कार्य प्रगति पर है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में सार्वजनिक सम्पत्तियों पर हुए अवैध कब्जों के विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही कराए जाने हेतु एण्टी भू-माफिया टास्क फोर्स का गठन तथा अवैध कब्जे से सम्बन्धित शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज करने एवं कृत कार्यवाही का प्रभावी अनुश्रवण किये जाने हेतु एण्टी भू-माफिया पोर्टल का विकास किया गया है। एण्टी भू-माफिया अभियान के अन्तर्गत कुल 64 हजार 398 हेक्टेयर क्षेत्रफल अवैध अतिक्रमण से अवमुक्त कराया गया है। 2,471 अतिक्रमणकर्ताओं को भू-माफिया के रूप में चिन्हित किया गया है।

वर्तमान में 186 भू-माफिया जेल में निरुद्ध हैं। 4274 अतिक्रमणकर्ताओं के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के अन्तर्गत कार्यवाही की गई है। जन शिकायतों के निस्तारण हेतु सभी तहसीलों में प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय शनिवार को ‘सम्पूर्ण समाधान दिवस’ का आयोजन किया जा रहा है। इसी प्रकार, दूसरे व चौथे शनिवार को ‘थाना दिवस’ तथा ‘ब्लॉक दिवस’ के आयोजन की भी व्यवस्था है।
राज्यपाल जी ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रदेश के नगरीय निकायों में अमृत सरोवरों के विकास का निर्णय लिया गया है।

प्रदेश में गत पांच वर्षों में 100 करोड़ वृक्षों को रोपित किया गया है। वर्ष 2022-23 में उत्तर प्रदेश में हरीतिमा विस्तार हेतु 35 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में अन्नपूर्णा वन, नगर वन, अमृत वन तथा गंगा किनारे वनीकरण योजना के अन्तर्गत स्थल चयन व वृक्षारोपण किया जायेगा, जिससे पर्यावरण संतुलित होगा एवं कार्बन अवशोषण के साथ-साथ जलवायु पर भी अनुकूल प्रभाव पडे़गा।

पावन गंगा एवं सहायक नदियों की निर्मलता, अविरलता सुनिश्चित करने हेतु सरकार प्रतिबद्ध है। गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाए रखने एवं उसमें दूषित जल का उत्प्रवाह रोकने के लिए सीवरेज सम्बन्धी कुल 46 परियोजनाएं स्वीकृत हुई हैं, जिनकी कुल स्वीकृत लागत लगभग 10 हजार 494 करोड़ रुपये है। इनमें से अब तक 25 परियोजनायें पूर्ण कर संचालित की जा चुकी हैं जबकि 19 परियाजनाएं निर्माणाधीन व 02 परियोजनाएं निविदा प्रक्रिया के अधीन हैं।

राज्यपाल ने कहा कि प्रारम्भिक शिक्षा के सार्वभौमिक लक्ष्य की प्राप्ति हेतु मेरी सरकार संकल्पबद्ध है। प्रदेश में सभी बच्चों के लिए 01 से 03 किलोमीटर की परिधि में विद्यालय की सुविधा उपलब्ध करायी गयी है। इसके अतिरिक्त, शैक्षिक सत्र 2021-22 में लगभग 1.66 करोड़ बच्चों का नामांकन कराया गया है। ‘स्कूल चलो अभियान’ के अन्तर्गत वर्ष 2022-23 में परिषदीय विद्यालयों में छात्र नामांकन का लक्ष्य 02 करोड़ रखा गया है। सरकार का यह प्रयास है कि कोई भी पात्र बच्चा प्राथमिक शिक्षा से वंचित न हो।

परिषदीय प्राथमिक/उच्च प्राथमिक विद्यालयों एवं अशासकीय सहायता प्राप्त प्राथमिक/पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा-1 से 08 तक अध्ययनरत् छात्र-छात्राओं के उपयोगार्थ निःशुल्क यूनीफॉर्म, स्वेटर, स्कूल बैग एवं जूता-मोजा की धनराशि सीधे छात्र-छात्राओं के माता/पिता/अभिभावकों के आधार सीडेड बैंक खाते में हस्तान्तरित की गई है,

जिससे लगभग 1.57 करोड़ बच्चे लाभान्वित हुए हैं। ‘ऑपरेशन कायाकल्प’ के माध्यम से परिषदीय विद्यालयों को चिन्ह्ति 19 मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं से संतृप्त कराया जा रहा है, अभी तक 1.30 लाख से अधिक विद्यालयों का कायाकल्प कराया जा चुका है। संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक विषयों का समावेश एन0सी0ई0आर0टी0 पाठ्यक्रम, मानदेय पर शिक्षकों की व्यवस्था, ग्रैच्युटी और मृतक आश्रित सेवायोजन के प्राविधान किए गए हैं।

राज्यपाल ने कहा कि असेवित क्षेत्रों में उच्च शिक्षा के प्रसार पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। प्रदेश में तीन नए राज्य विश्वविद्यालयों-माँ शाकुम्भरी विश्वविद्यालय, सहारनपुर, महाराजा सुहेलदेव राज्य विश्वविद्यालय, आजमगढ़ एवं राजा महेन्द्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय, अलीगढ़ का शिलान्यास किया जा चुका है तथा निर्माण कार्य प्रक्रियाधीन है। 75 नए राजकीय महाविद्यालयों की स्थापना/निर्माण का कार्य भी प्रगति पर है। 15 राज्य विश्वविद्यालयों में पं0 दीनदयाल उपाध्याय शोधपीठ की स्थापना की गयी है।

लखनऊ विश्वविद्यालय में भाऊराव देवरस शोधपीठ, अटल सुशासन पीठ व महात्मा गाँधी अन्तर्राष्ट्रीय रोजगार पीठ तथा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में चौरी-चौरा अध्ययन केन्द्र स्थापित किए गए हैं। प्रदेश की पॉलीटेक्निक संस्थाओं के विद्यार्थियों के लिए नवीन तकनीकी ज्ञान अर्जन हेतु ‘यूराइज़’ पोर्टल की स्थापना की गयी है। जिस पर वीडियो लेक्चर, ई-कन्टेेन्ट्स, ऑनलाइन उपस्थिति, परीक्षा परिणाम देखने की सुविधाएं उपलब्ध हैं।

सभी प्रकार की प्रतियोगिता परीक्षाओं को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के पोर्टल पर विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की अध्ययन सामग्री उपलब्ध करायी गई है, जिससे कोई भी छात्र पोर्टल पर पंजीकरण करके निःशुल्क अध्ययन सामग्री का लाभ प्राप्त कर सकता है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश सरकार ‘एक जनपद एक मेडिकल कॉलेज’ के लक्ष्य की पूर्ति के लिए गम्भीरता से प्रयास कर रही है। वर्तमान में प्रदेश में 65 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 35 राज्य सरकार द्वारा एवं 30 निजी क्षेत्र द्वारा संचालित हैं। इसके अतिरिक्त, जनपद गोरखपुर व रायबरेली में एम्स भी संचालित हैं। प्रदेश के 45 जनपद मेडिकल कॉलेज की सुविधा से आच्छादित हैं व 14 जनपदों में राज्य सरकार/केन्द्र सरकार द्वारा वित्त पोषित मेडिकल कॉलेज निर्माणाधीन हैं।

प्रदेश के 16 असेवित जनपदों में मेडिकल कॉलेज की स्थापना हेतु पी0पी0पी0 नीति घोषित की गयी है जिसमें निजी निवेश के माध्यम से मेडिकल कॉलेज स्थापित किए जाने हैं। जनपद सम्भल एवं महराजगंज में पी0पी0पी0 मोड पर स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेज के लिए राज्य सरकार तथा पी0पी0पी0 पार्टनर के मध्य एम0ओ0यू0 हस्ताक्षरित हो चुके हैं। जनपद गोरखपुर में महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय की स्थापना की जा रही है।

आयुष मिशन के माध्यम से जनपद वाराणसी में राजकीय होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज की स्थापना एवं जनपद अयोध्या में राजकीय आयुर्वेदिक महाविद्यालय की स्थापना की जा रही है। 06 राजकीय मेडिकल कॉलेजों में बी0एस0सी0 नर्सिंग कोर्स प्रारम्भ किए गए हैं और इस वर्ष 09 मेडिकल कॉलेजों में नए बी0एस0सी0 कोर्स प्रारम्भ किए जाएंगे।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की जनता को अच्छी एवं गुणवत्तापरक चिकित्सा सुविधा प्रदान करना सरकार की प्राथमिकता है। प्रदेश के समस्त जनपदों में बच्चों को 10 जानलेवा बीमारियों से बचाव तथा गर्भवती महिलाओं को टिटनेस से बचाव हेतु नियमित रूप से निःशुल्क टीकाकरण किया जा रहा है। प्रदेश के 54 जनपदों के 55 चिकित्सालयों में डायलिसिस की निःशुल्क सुविधा उपलब्ध करायी जा रही है। कोविड प्रबन्धन हेतु प्रदेश में 11 करोड़ 30 लाख से अधिक कोविड टेस्ट किए जा चुके हैं।

इण्टीग्रेटेड कोविड कमाण्ड एवं कण्ट्रोल सेण्टर तथा निगरानी समितियों के माध्यम से रोगियों की निगरानी एवं देखभाल की गयी तथा लक्षणयुक्त व्यक्तियों को घर पर दवाइयां उपलब्ध कराई गईं। प्रदेश में अब तक कोविड वैक्सीन की 32 करोड़ से अधिक डोज निःशुल्क लगायी जा चुकी है। प्रदेश में चिकित्सीय ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु 536 नए ऑक्सीजन जनरेशन प्लाण्ट्स लगाए गए हैं।

राज्यपाल ने कहा कि वर्ष 2017 की तुलना में वर्ष 2021 में ‘एक्यूट इन्सेफेलाइटिस सिण्ड्रोम’ (ए0ई0एस0)/‘जापानी इन्सेफेलाइटिस’ (जे0ई0) रोग नियंत्रण गतिविधियों में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की गई हैं। इसके अन्तर्गत ए0ई0एस0 रोगियों की संख्या में 64 प्रतिशत, ए0ई0एस0 रोगियों की मृत्यु में 91 प्रतिशत तथा ए0ई0एस0 रोगियों की मृत्यु दर में 75 प्रतिशत की कमी आयी है। इसके अतिरिक्त, जे0ई0 के रोगियों की संख्या में 78 प्रतिशत तथा जे0ई0 के रोगियों की मृत्यु में 96 प्रतिशत की कमी आयी है।

प्रदेश में आयुष्मान भारत के अन्तर्गत अब तक 1.84 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। राज्य कर्मचारियों/पेंशनरों को असाध्य बीमारी के उपचार हेतु कैशलेस चिकित्सा की सुविधा लागू की जा रही है। प्रदेश के समस्त ग्रामीण एवं नगरीय स्वास्थ्य केन्द्रों पर प्रत्येक रविवार मुख्यमंत्री आरोग्य मेला आयोजित किया जा रहा है। इन मेलों के माध्यम से अब तक एक करोड़ से अधिक नागरिकों को लाभान्वित किया जा चुका है।

राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश मे खेलों के विकास एवं उत्कृष्ट कोटि के खिलाड़ी तैयार करने हेतु जनपद मेरठ में मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया गया है, जिस पर 700 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय होगी। अन्तर्राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं में प्रदेश के पदक विजेता एवं प्रतिभागी खिलाड़ियों को प्रोत्साहन स्वरूप धनराशि प्रदान की जा रही है। अन्तर्राष्ट्रीय खेलों में उत्तर प्रदेश के मूल निवासी पदक विजेता खिलाड़ियों की सीधी भर्ती के माध्यम से राजपत्रित पदों पर नियुक्ति की व्यवस्था भी की गयी है।

ग्रामीण क्षेत्रों में खेल अवसंरचना के विकास हेतु ग्रामीण स्टेडियमों का निर्माण एवं ओपेन जिम की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। युवाओं के सांस्कृतिक विकास एवं लोक सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण रखने हेतु युवा उत्सवों का आयोजन कराया जा रहा है। विगत पाँच वर्षाें से रक्षाबंधन पर्व पर प्रदेश की महिला यात्रियों को परिवहन निगम की सभी श्रेणियों की बसों में निःशुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके अन्तर्गत लगभग 51.52 लाख महिला यात्रियों को निःशुल्क यात्रा की सुविधा से लाभान्वित किया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि अन्तर्राज्यीय मार्गों पर जन सामान्य को सड़क यातायात की सुगम एवं समन्वित परिवहन सुविधा उपलब्ध कराये जाने हेतु राजस्थान, उत्तराखण्ड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर तथा बिहार राज्य के साथ पारस्परिक परिवहन करार के उपरान्त बस संचालन प्रारम्भ किया गया है।

पड़ोसी देश नेपाल हेतु दिल्ली से महेन्द्र नगर, पोखरा व नेपालगंज के लिए अन्तर्राष्ट्रीय बस सेवा का संचालन प्रारम्भ किया गया है। बस स्टेशनों के आधुनिकीकरण के दृष्टिगत प्रदेश के 23 प्रमुख बस स्टेशनों को, लखनऊ के आलमबाग बस स्टेशन की तर्ज पर, पी0पी0पी0 पद्धति पर विकसित किए जाने हेतु कार्यवाही गतिशील है। खनन प्रक्रिया में सरलीकरण, पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धा एवं राजस्व वृद्धि हेतु ‘उत्तर प्रदेश खनन नीति-2017’ के अर्न्तगत एकीकृत पोर्टल ‘माइन मित्रा’ विकसित किया गया है।

राज्यपाल ने कहा कि रामायण संस्कृति के प्रचार-प्रसार हेतु प्रदेश के 16 जनपदों में रामायण कॉनक्लेव का आयोजन किया गया। वैश्विक स्तर पर रामायण संस्कृति के प्रतीकों एवं परम्पराओं पर शोधपरक रामायण इन्साइक्लोपीडिया का कार्य भी गतिमान है। प्रदेश में पुरातात्विक धरोहरों के संरक्षण हेतु ‘एडॉप्ट ए हेरिटेज’ योजना प्रारम्भ की गई है। ’आजादी का अमृत महोत्सव’ तथा ’चौरी-चौरा शताब्दी महोत्सव’ के अन्तर्गत विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों, तिरंगा यात्राओं, प्रदर्शनियों, संगोष्ठियों वेबिनार आदि का नियमित आयोजन किया जा रहा है।

गोरखपुर में योगीराज बाबा गम्भीरनाथ प्रेक्षागृह व गुरु गोरक्षनाथ शोधपीठ के भवन तथा पं0 सूर्यकान्त त्रिपाठी ‘निराला’ की जन्मस्थली-गढ़ाकोला, उन्नाव में विशाल स्मृति भवन एवं पुस्तकालय के भवनों का निर्माण कराया गया है। रामलीला मैदानों के सुदृढ़ीकरण के अन्तर्गत शाहजहांपुर में खिरनीबाग रामलीला स्थल एवं गोरखपुर में बर्डघाट रामलीला स्थल में मंच, ग्रीन रूम, चहारदीवारी आदि का निर्माण कराया गया। मगहर में संत कबीर अकादमी के भवन का निर्माण एवं आगरा के बटेश्वर में भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी सांस्कृतिक संकुल के निर्माण की परियोजनाएं गतिमान हैं।

राज्यपाल ने कहा कि जनपद लखनऊ में भारत रत्न डॉ0 भीमराव आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केन्द्र का शिलान्यास मा0 राष्ट्रपति द्वारा सम्पन्न हो चुका है। वाराणसी स्थित श्री काशी विश्वनाथ मन्दिर के सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक गौरव की पुनर्स्थापना के उद्देश्य से श्री काशी विश्वनाथ धाम निर्मित कराया गया है। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय परिसर मंे वैदिक विज्ञान केन्द्र की स्थापना के प्रथम चरण का कार्य पूर्ण हो गया है तथा द्वितीय चरण का कार्य प्रगति पर है।

अयोध्या एवं चित्रकूट में भजन संध्या स्थल का निर्माण कार्य पूर्ण है। गोरखपुर, वाराणसी, प्रयागराज एवं मथुरा में भी भजन संध्या स्थल के निर्माण की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी है। बुजुर्ग संतों, पुजारियों एवं पुरोहितों के समग्र कल्याण की योजना के क्रियान्वयन के लिए एक विशेष बोर्ड के गठन की कार्यवाही की जा रही है। जनपद गाजियाबाद में कैलाश मानसरोवर यात्रा भवन का निर्माण कार्य पूर्ण हो गया है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले प्रदेश के मूल निवासी तीर्थ यात्रियों को 01 लाख रुपये प्रति श्रद्धालु अनुदान दिया जा रहा है। सिन्धु दर्शन के प्रदेश के मूल निवासी तीर्थ यात्रियों के लिए 20 हजार रुपये प्रति व्यक्ति अनुदान की व्यवस्था है।

राज्यपाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पर्यटन के विकास की असीम सम्भावनाएं हैं। सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश दिवस, विश्व पर्यटन दिवस, राष्ट्रीय पर्यटन दिवस इत्यादि का आयोजन वृहद स्तर पर किया जा रहा है। दीपोत्सव, देव दीपावली, महाशिवरात्रि, रंगोत्सव, कृष्णोत्सव, बैलून फेस्टिवल, ड्रोन शो, माघ मेला, गोरखपुर महोत्सव इत्यादि के आयोजन एवं वृहद स्तर पर प्रचार-प्रसार के फलस्वरूप विदेशी एवं घरेलू पर्यटकों के आवागमन में निरन्तर वृद्धि हो रही है।

अयोध्या का पर्यटन सहित समग्र विकास का कार्य हो रहा है। उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद के तहत मथुरा व वृन्दावन का पर्यटन विकास कराया जा रहा है। श्री विन्ध्यवासिनी धाम, श्री नैमिषारण्य धाम, श्री शुक्रताल धाम, श्री चित्रकूट धाम, श्री देवीपाटन धाम के पर्यटन विकास के कार्य भी तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।

महर्षि वाल्मीकि से जुड़े लालापुर, गोस्वामी तुलसीदास से सम्बन्धित राजापुर, निषादराज गुह्य से सम्बन्धित श्रृंग्वेरपुर स्थलों को भी विकसित किया जा रहा है। विशिष्ट क्षेत्रों के विकास हेतु उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद, उत्तर प्रदेश श्री चित्रकूट धाम तीर्थ विकास परिषद एवं उत्तर प्रदेश विन्ध्य धाम तीर्थ विकास परिषद की स्थापना की गई है।

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