
राज्यपाल ने बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांदा के नैक मूल्यांकन हेतु प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने आज कहा कि बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, बांदा को अपनी नैक ग्रेडिंग के लिए तैयार प्रस्तुतिकरण को सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा प्रस्तुतिकरण में संबंधित विवरण के हाइपर लिंक के साथ-साथ यथेष्ट वीडियो प्रस्तुतियां भी जोड़ी जाएं, जिससे नैक का आकलन करने वाली टीम को प्रचुर और स्पष्ट प्रमाण सुलभ हो सकें। राज्यपाल जी आज यहां राजभवन स्थित प्रज्ञाकक्ष में बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के नैक ग्रेडिंग हेतु दाखिल की जाने वाली सेल्फ स्टडी रिपोर्ट के प्रस्तुतिकरण की समीक्षा कर रही थीं।
आज सम्पन्न इस बैठक में विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन की तैयारियों के लिए गठित कमेटी के सदस्यों ने मूल्यांकन के सभी सातों क्राइटेरिया पर विश्वविद्यालय द्वारा तैयार किए अपने विवरण को बिन्दुवार प्रस्तुत किया। राज्यपाल जी ने निर्देश दिया कि एस.एस.आर. को समृद्ध भाषा संयोजन के साथ प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने कहा कुलपति डा0 एन.पी. सिंह प्रतिदिन टीम के साथ बैठकर कार्य प्रगति की समीक्षा करें, तथा एक सुदृ़ढ़ एस.एस.आर. के साथ उच्च ग्रेड हासिल करने के आत्मविश्वास से नैक मूल्यांकन कराएं।
इसी क्रम में राज्यपाल ने बेहतर तालमेल की अपेक्षा के साथ सभी कमेटी सदस्यों के ऊपर एक कोऑर्डिनेटर बनाने का सुझाव भी दिया, जो प्रत्येक कमेटी के कार्यों की जानकारी रख सकें। उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों को नैक तैयारियों के अंतर्गत व्यवस्थाओं से जोड़ने को कहा। यहां बताते चलें कि विश्वविद्यालय के कुलपति ने बैठक मेें जानकारी दी कि विश्वविद्यालय 2010 में स्थापित हुआ था, जिसमें पठन-पाठन 2011 में प्रारम्भ हुआ। वर्तमान में यहां 92 फुल टाइम शिक्षक कार्यरत हैं और विश्वविद्यालय से 04 महाविद्यालय सम्बद्ध हैं।
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की क्षमता संवर्द्धन के लिए राज्य के तथा अंतर्राज्यीय अन्य तकनीकी विश्वविद्यालय से एम.ओ.यू. करने का सुझाव दिया। इसी चर्चा में उन्होंने विद्यार्थियों के अनुभव में वृद्धि के लिए अंतर्राज्यीय विश्वविद्यालयों के साथ कार्यक्रमों के आयोजन का सुझाव भी दिया। उन्होंने विद्यार्थियों के लिए निर्धारित पाठ्यक्रम से इतर विविध वैकल्पिक अध्ययनों में नैतिक आचरण की शिक्षा को भी जोड़ने का सुझाव दिया। उन्होंने विश्वविद्यालय के सभी परिसरों में बेहतर साफ-सफाई सुनिश्चित रखने, वेस्ट प्रैक्टिस में समाज उपयोगी कार्यों को जोड़ने, टीम भावना के साथ सुदृढ़ एस.एस.आर. की तैयारी करने, प्रस्तुतिकरण में सक्सेस स्टोरी के विवरण जोड़ने, मूल्यांकन बिंदुओं से इतर अपनी बेहतर उपलब्धियों को भी अलग से प्रस्तुत करने के सुझाव दिए।
समीक्षा बैठक में प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा कि बांदा का यह कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय बेहतर सुविधाओं और संसाधनों से सम्पन्न विश्वविद्यालय है जिसका परिसर 948 एकड़ में फैला है और चारो ओर चार-दिवारी भी बनी हुई है। रिसर्च एवं अनुसंधान की विशेष सुविधाओं से सम्पन्न विश्वविद्यालय को अपने आज के प्रस्तुतिकरण में अभी सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा अपना मूल्यांकन आत्मविश्वास से करें तब नैक ग्रेडिंग के लिए प्रस्तुतिकरण दें। बैठक में राज्य कृषि मंत्री बलदेव सिंह औलख ने भी कई आवश्यक सुधारों की ओर ध्यानाकर्षित किया।
राज्यपाल ने मंत्रीगणों के साथ विश्वविद्यालय की नैक तैयारियों की टीम से उच्च ग्रेड प्राप्त करने की अपेक्षा के साथ एस.एस.आर. दाखिल करने के लिए उत्साहवर्द्धन किया।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान देवेश चतुर्वेदी, विशेषकार्याधिकारी शिक्षा सहित विश्वविद्यालय द्वारा नैक मूल्यांकन तैयारी के लिए गठित टीम के सदस्य तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।



