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मुख्यमंत्री ने ‘प्रदेश के चीनी उद्योग के 120 वर्ष पूर्ण करने लेने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम’ को सम्बोधित किया

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उत्तर प्रदेश केे चीनी उद्योग ने 120 वर्षाें की सफल यात्रा आज पूरी की है। इसलिए प्रदेश के चीनी उद्योग के लिए यह दिन बहुत महत्वपूर्ण है। आज से 120 वर्ष पूर्व गोरखपुर मण्डल के जनपद देवरिया से यह यात्रा शुरू हुई थी। आज देश में सर्वाधिक 121 चीनी मिलें प्रदेश में हैं।

हमारे अन्नदाता किसान सबसे अधिक गन्ना उत्पादन करते हैं। सबसे अधिक चीनी का उत्पादन भी प्रदेश में होता है। एक नये भविष्य के लिए हम सब मिलकर कार्य करेंगे तो यह अन्नदाता किसानों के जीवन में व्यापक परिवर्तन लाने का माध्यम बनेंगी। चीनी मिले चीनी के साथ ही, ग्रीन ईंधन का भी महत्वपूर्ण स्रोत बनने जा रही हैं।

मुख्यमंत्री आज यहां ‘प्रदेश के चीनी उद्योग के 120 वर्ष पूर्ण कर लेने के उपलक्ष्य में आयोजित कार्यक्रम’ के अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर टोयोटा किर्लोस्कर मोटर तथा इण्डियन शुगर मिल एसोसिएशन के मध्य एम0ओ0यू0 का आदान-प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री जी ने चीनी उद्योग की 120 वर्षों की विकास यात्रा पर आधारित काॅफी टेबल बुक का विमोचन किया।

उन्होंने चीनी उद्योग पर आधारित प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा अवलोकन भी किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने चीनी उद्योग के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों तथा प्रतिनिधियों को सम्मानित किया। इनमें श्री ध्रुव मोहन साहनी, स्व0 डाॅ0 के0के0 बिरला, स्व0 लाला बंशीधर, स्व0 श्रीमती मीनाक्षी सराओगी, स्व0 साहू माधव प्रसाद तथा श्री कुंवर विजय कुमार गोयल सम्मिलित थे। दिवंगत महानुभाव के परिजनों/प्रतिष्ठान के प्रतिनिधियों ने यह सम्मान प्राप्त किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2018 के बाद प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने चीनी उद्योग की तत्कालीन परिस्थितियों के दृष्टिगत गन्ने से सीधे एथेनाॅल बनाने की अनुमति दी थी। आज उत्तर प्रदेश देश में सर्वाधिक एथेनाॅल उत्पादन करने वाला राज्य बन चुका है। टोयोटा कम्पनी ने आज यहां एथेनाॅल से चलने वाली कार लाॅन्च की है। यह वर्तमान के साथ ही, भविष्य की नई सम्भावनाओं की ओर सबका ध्यान आकर्षित करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे अन्नदाता किसान चीनी उद्योग के साथ ही, सरकार की भी धुरी हैं। अन्नदाता किसानों के हितों को ध्यान में रखकर कोई कार्य किया जाएगा, तो वह चीनी उद्योग के हित में होगा। यह सरकार की नीतियों को प्रभावी रूप से लागू करने का माध्यम भी बनेगा। विगत 06 वर्षों में डबल इंजन सरकार द्वारा किसानों के हित के लिए जो भी निर्णय लिए गए हैं, उन्हें प्रदेश के चीनी उद्योग ने अक्षरशः लागू किया है।

इसका परिणाम है कि हमारे अन्नदाता किसान खुशहाल है। चीनी मिलें भी तेजी के साथ चलती हुई दिखायी दे रही हैं। आज किसानों को मोबाइल पर गन्ना पर्ची उपलब्ध कराई जा रही है। घटतौल की समस्या का भी समाधान हो चुका है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2017 में हमारी सरकार के गठन के साथ ही, उत्तर प्रदेश चीनी मिल फेडरेशन से गन्ना किसानों को गन्ना मूल्य के समय से भुगतान किये जाने की मंशा जाहिर कर दी गई थी। राज्य सरकार ने इसके लिए चीनी मिलो को भरपूर सहयोग प्रदान किया था। यह पहली बार हो रहा है कि प्रदेश में लगभग 100 से अधिक चीनी मिलें गन्ना किसानों को 10 दिन में गन्ना मूल्य का भुगतान कर रही हैं।

यह एक बड़ी उपलब्धि है। आज भी सरकार की प्राथमिकता है कि जब तक गन्ना किसानों के खेत में गन्ना हो, तब तक चीनी मिलें चलती रहनी चाहिए। विगत 06 वर्षों से यह कार्य लगातार हो रहा है। अपने कार्यकाल के पहले ही वर्ष में सरकार ने जो विश्वास अर्जित किया था, उसी से प्रेरणा लेते हुए राज्य में कुछ नया परिवर्तन करने के लिए सरकार सदैव तत्पर होकर कार्य कर रही है। प्रदेश सरकार ने गन्ना किसानों के हित में सभी रास्ते खोले। आवश्यकता पड़ने पर इसके साथ खाण्डसारी उद्योग को भी जोड़ा गया। राज्य की पुरानी तथा जर्जर चीनी मिलों को पुनः संचालित करने की कार्यवाही तेजी के साथ की जा रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में विगत 09 वर्षों से किसानों के कल्याण के लिए अनेक कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना तथा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ किसानों को प्रदान करना, किसानों को फसल उत्पादन लागत का डेढ़ गुना एम0एस0पी0 उपलब्ध कराना, प्रोक्योरमेन्ट सेन्टर के माध्यम से बिना किसी मध्यस्थ के सीधे किसानों से उपज खरीदना, लागत को कम करना, स्वाॅयल हेल्थ कार्ड की व्यवस्था तथा उत्पादन बढ़ाने के लिए तकनीक का उपयोग करना जैसे कार्य देश में पहली बार हुए हैं।

किसानों के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत सरकार द्वारा प्रारम्भ की गईं सभी योजनाओं को प्रदेश में विगत 06 वर्षों में लागू किया गया है। आज किसान स्वयं को संतोषजनक एवं सुरक्षित स्थिति में पा रहे हैं। प्रदेश में महिला स्वयं सेवी समूहों से जुड़ी महिलाएं 7,500 रुपये से लेकर 15,000 रुपये प्रति माह कमा रही हैं। महिला स्वयं सेवी समूहों का मुनाफा भी कई गुना बढ़ा है। यह महिला स्वावलम्बन की दिशा में बड़ा कदम है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 06 वर्षाें में प्रदेश में गन्ना किसानों की संख्या 45 लाख से बढ़कर 60 लाख हो गई है। गन्ने की खेती का क्षेत्रफल बढ़ा है। गन्ने का उत्पादन बढ़ा है। इस शानदार यात्रा को बेहतरीन तकनीक के माध्यम से आगे बढ़ाने की आवश्यकता है। एथेनाॅल उत्पादन ने इसके लिए एक रास्ता दिया है। चीनी मिलें भविष्य में ग्रीन ईंधन आपूर्ति का महत्वपूर्ण माध्यम बनने जा रही हैं। राज्य सरकार का सकारात्मक सहयोग आपके साथ है। आज से 06 से 10 वर्ष पूर्व चीनी मिलें केवल चीनी उत्पादन तक सीमित थीं।

विगत 06 वर्षों के दौरान इस यात्रा मंे बड़ा परिवर्तन हुआ है। चीनी मिलें भी मजबूती के साथ चल रही हैं। आज चीनी मिलें ‘चीनी काॅम्प्लेक्स’ बन गई हैं। चीनी मिलें कोजेन प्लाण्ट (कोजनरेशन) के रूप में कार्य कर रही हैं। इनमें डिस्टलरी और एथेनाॅल का उत्पादन भी हो रहा है। प्रदेश में वर्तमान में 84 डिस्टलरी चल रही हैं। बहुत सी चीनी मिलों ने गन्ना किसानों को अच्छी वैरायटी के गन्ना उत्पादन तथा तकनीक से जोड़ा है। इससे प्रदेश में चीनी की रिकवरी भी बढ़ी है। आज राज्य में 11 प्रतिशत से अधिक की रिकवरी हो रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक का उपयोग करते हुए किसानों की समस्याओं का समाधान किया गया है। कोरोना कालखण्ड में प्रदेश की सभी चीनी मिलें चलायी गईं। चीनी मिलों में सैनिटाइजर का भी उत्पादन हुआ। कोविड का सामना करने के लिए महामारी की प्रथम लहर के दौरान उत्तर प्रदेश से 27 राज्यों को तथा प्रदेश के सभी नगर निगमों तथा जिला प्रशासन को सैनिटाइजर की आपूर्ति की गई। चीनी मिलों के पास क्षमता थी। शासन के साथ मिलकर चीनी मिलों ने कोरोना महामारी के विरुद्ध अभियान को आगे बढ़ाया।

महामारी की द्वितीय लहर के दौरान आॅक्सीजन के नये प्लाण्ट लगाने में भी चीनी मिल मालिकों ने सहयोग प्रदान किया था। भारत सरकार, चीनी मिल मालिकों और अन्य लोगों के सहयोग से प्रदेश में 550 से अधिक आक्सीजन प्लाण्ट लगाये गये थे, जो आज भी कार्यरत हैं। संकट के समय जब हम मिलकर कार्य करते हैं, उसके परिणाम भी उसी प्रकार आते हैं।

मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्नदाता किसान के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए सभी को अपने स्तर पर प्रयास करना होगा। किसानो को नये बीज तथा तकनीक देनी होगी। सरकार किसानों के खेतों तक पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है। विगत 06 वर्षों में डबल इंजन की सरकार ने प्रदेश की 23 लाख हेक्टेयर भूमि को अतिरिक्त सिंचाई की सुविधा उपलब्ध कराई है। वर्षों से लम्बित सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना, अर्जुन सहायक परियोजना तथा बाण सागर सिंचाई परियोजनाओं को पूर्ण कराया गया है। वर्तमान में मध्य गंगा नहर सिंचाई परियोजना पर कार्य चल रहा है। यह सभी कार्य किसानों की आमदनी को बढ़ाने में सहायक हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री ने वर्ष 2022 तक अन्नदाता किसानों की आमदनी को दोगुना करने की घोषणा की थी। उत्तर प्रदेश में यह फलीभूत हुआ है। प्रदेश के किसान आज लगभग दोगुनी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। विगत 06 वर्षों में 01 लाख 97 हजार करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान डी0बी0टी0 के माध्यम से सीधे गन्ना किसानों के खाते में किया गया है। राज्य सरकार किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री जी ने गन्ना विभाग से अपेक्षा की कि जिस दिन दो लाख करोड़ रुपये गन्ना मूल्य का भुगतान हो, उस दिन एक समारोह का आयोजन किया जाए।

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में सम्मानित किये गये लोगों को बधाई देते हुए विश्वास व्यक्त किया कि उनके कार्यों से प्रेरणा लेकर चीनी उद्योग के साथ ही, अन्य उद्योग से जुड़े लोग भी अपने कार्यों के माध्यम से समाज और सभी स्टेकहोल्डर्स के विश्वास को अर्जित करेंगे तथा अपने क्षेत्रों में प्रगति के नये मार्ग को आगे बढ़ाने का कार्य करेंगे।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास मंत्री श्री लक्ष्मी नारायण चैधरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के दृढ़ संकल्प से कोरोना महामारी के दौरान भी प्रदेश में चीनी मिले संचालित की गईं।

इसने प्रदेश के किसानों और चीनी मिल मालिकों का सिर ऊंचा किया। प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी की नीतियों से आज प्रदेश की शुगर इण्डस्ट्री मजबूती के साथ उभरी है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में चीनी मिलों ने गन्ना मूल्य भुगतान में सहयोग किया है।

इस अवसर पर चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास राज्यमंत्री श्री संजय सिंह गंगवार, अपर मुख्य सचिव चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री संजय आर0 भूसरेड्डी, इण्डियन शुगर मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री आदित्य झुनझुनवाला, उत्तर प्रदेश शुगर मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री सी0बी0 पटोदिया सहित गन्ना किसान व चीनी उद्योग से जुड़े उद्योगपति उपस्थित थे।

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