टाटा नैनो से भी छोटी दिखती है टोयोटा की इलेक्ट्रिक कार, जानिए क्या है खासियत
टोयोटा ने एक नया इलेक्ट्रिक वाहन पेश किया है। जो कारों को देखने के तरीके को बदलने का प्लान बना रहा है। नए वाहन को “C+pod” नाम दिया गया है। यह एक अल्ट्रा-कॉम्पैक्ट बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (बीईवी) है। ये कार बेहद छोटी है। जो आसान मोबिलिटी ऑफर करेगी और इसे इनडोर सेटिंग्स में चार्जिंग स्टेशनों तक पहुंचाना भी आसान होगा।
कंपनी ग्लोबल मार्केट में अपना पर्सनल व्हीकल इस्तेमाल करने वाले कस्टमर्स के लिए नए वाहन को बढ़ावा देने का प्लान बना रही है। नई C+pod एक एनवायरमेंट-फ्रेंडली टू-सीटर इलेक्ट्रिक वाहन है। जिसे मोबिलिटी ऑप्शन के रूप में डिजाइन किया गया है। इस वाहन को लाने के पीछे का इरादा पर पर्सन एनर्जी एफिशिएंसी को बेहतर करना है।
रोजाना की जरूरतों के मुताबिक कम दूरी तय करने के अलावा, C+pod कॉर्पोरेट यूजर्स के लिए रेगुलर बेस पर कस्टमर्स का दौरा करने और शहरी या पहाड़ों के यूजर्स के लिए एन्वायरमेंट-फ्रेंडली ट्रांसपोर्ट ऑप्शन्स की तरह काम आएगी।
C+pod का इंजन और रेंज
पावर और दूसरी चीजों की बात करें तो इलेक्ट्रिक कार बेहद मामूली है। यह 150 किमी की ड्राइविंग रेंज के साथ आती है और इसका इंजन 9.06 kWh लिथियम-आयन बैटरी से चलता है। पॉड जैसी कार मैक्सिमम 60 किमी प्रति घंटे की स्पीड पा सकती है।
टाटा नैनो से काफी छोटी है कार
कार के डायमेंशन इसको बना या बिगाड़ सकते हैं।लंबाई में, यह सिर्फ 2,490 मिमी है। जो नॉर्मल एसयूवी के साइज का लगभग आधा है। चौड़ाई 1,290mm है और यह 1,550mm ऊंची है। Mahindra की बंद हुई मिनी इलेक्ट्रिक कार e2o NXT की भी कुल लंबाई 3,280mm थी। सस्ती रेंज के मामले में पॉपुलर रही टाटा नैनो, जिसे अब बंद कर दिया गया है। की लंबाई 3,164 मिमी थी। जो टोयोटा के C+pod से भी काफी बड़ी है।
टोयोटा अपने उत्पाद लाइनअप का विस्तार करने की योजना बना रही है। क्योंकि यह नए बिजनेस मॉडल बनाने के लिए काम करती है। जापान में, यह शुरू में सी+पॉड, वॉकिंग एरिया बीईवी, और टोयोटा आई-रोड पर फोकस कर रही है। जिसमें 200 से अधिक कॉर्पोरेट और लोकल गवर्मेंट पार्टनर नए ट्रांसपोर्ट मॉडल की खोज में शामिल है।
सी+पॉड के लॉन्च का उद्देश्य टोयोटा ग्रीन चार्ज को बढ़ावा देना भी है। जो चुबू इलेक्ट्रिक पावर के साथ डेवलप एक कंबाइन प्रोजेक्ट है। पार्टनरशिप के तहत, कंपनियां बेहतर चार्जिंग फैसिलिटी बनाने के लिए कार्बन डायऑक्साइड फ्री पावर जैसे तरीके अपनाए जाएंगे।



