
कब से शुरू हो रहा है माघ का महीना? इन 30 दिनों में क्या करें, क्या न करें
हिन्दी पंचांग के अनुसार साल के 12 महीने होते हैं। साल का आरंभ चैत्र मास से होता है। नए साल यानी साल 2023 के जनवरी महीने में माघ का महीना आरंभ हो जाएगा। हिन्दू धर्म में वैसे तो सभी महीनों का महत्व है लेकिन माघ माह को स्नान-दान और तप के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना गया है।
इस माह में सूर्य देव, मां गंगा और श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की भी प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं इस साल माघ मास कब आरंभ होगा और इससे जुड़े नियम क्या है जिसका पालन करने से आपको लाभ मिल सकता है।
माघ मास तिथि
पंचांग के अनुसार माघ मास 7 जनवरी 2023 शनिवार से प्रारंभ होगा और इसका समापन 5 फरवरी को होगा। इस मास में संकष्टि चतुर्थी व्रत, कालाष्टमी, मकर संक्रांति, स्वामी विवेकानंद जयंती, बसंत पंचमी, प्रदोष व्रत इत्यादि महत्वपूर्ण पर्व एवं व्रत रखे जाएंगे।
माघ मास का महत्व
माघ मास का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है। माघ के महीने को लेकर एक पौराणिक कथा भी जुड़ी है। कथा के अनुसार माघ मास में गौतमऋषि ने इन्द्रेदव को श्राप दिया था। क्षमा याचना करने के बाद उन्हें गौतम ऋषि ने माघ मास में गंगा स्नान कर प्रायश्चित करने को कहा। तब इन्द्रदेव माघ मास में गंगा स्नान किया था। जिसके फलस्वरूप इन्द्रदेव को श्राप से मुक्ति मिली थी। इसलिए इस महीनें में माघी पूर्णिमा व माघी अमावस्या के दिन का स्नान पवित्र माना जाता है।
माघ के महीने में क्या करें
माघ के महीने में पवित्र नदियों में स्नान करें। यदि संभव न हो तो घर में ही नहाने के पानी में गंगा जल मिलकर स्नान करें।
माघ महीने में रोज गीता का पाठ करने से मन शांत रहता है। साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और सुख समृद्धि आती है।
माघ महीने में रोजाना भगवान विष्णु की पूजा में तिल अर्पित करने से व्यक्ति के सारे पाप तिल-तिल करके नष्ट हो जाते हैं।
इस महीने में रोज तिल खाने और जल में तिल मिलाकर स्नान करने से भी बहुत पुण्य मिलता है।
माघ मास में रोज सुबह और शाम तुलसी जी की पूजा जरूर करें।
ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
माघ मास में दान गर्म कपड़ों का दान और तिल का दान बहुत लाभ देता है।
माघ मास में क्या न करें
माघ के महीने में कभी भी नॉनवेज, मदिरा जैसे तामसिक चीजों का सेवन ना करें।
इस महीने इस महीने में मूली का सेवन करना भी वर्जित बताया गया है।
धर्म शास्त्रों के अनुसार माघ के महीने में मूली का सेवन करना मदिरा के सेवन करने जैसा माना गया है।