
कब पड़ेगा अप्रैल माह का पहला प्रदोष व्रत, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
हिंदू धर्म के अनुसार प्रदोष व्रत में की जाने वाली महादेव की आराधना से भक्तों को बहुत जल्द शुभ फल प्राप्त होते है। महादेव और माता पार्वती की विशेष कृपा के लिए प्रदोष व्रत रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार त्रयोदशी जब सोमवार को पड़ती है तो इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है।
इस बार यह तिथि 03 अप्रैल को पड़ रही है। इस दिन सोमवार पड़ रहा है इसलिए इसे सोम प्रदोष व्रत कहेंगे। माना जाता है कि इस विशेष तिथि पर की जाने वाली पूजा से भोलेनाथ अपने भक्तों पर अधिक प्रसन्न होते हैं और उनकी सभी मनोकामना पूर्ण करते है।
हिंदू पंचांग के अनुसार हर महीने की कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत पड़ता है। माना जाता है कि सोमवार का दिन शिव जी को बहुत प्रिय है और क्योंकि प्रदोष व्रत तिथि भी सोमवार को पड़ रही है इसलिए इस बार का सोम प्रदोष व्रत और खास हो गया है। आइए जानें प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त और विधि।
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार इस माह सोम प्रदोष व्रत की तिथि 03 अप्रैल, 2023 दिन सोमवार को पड़ रहा है। प्रदोष के लिए तिथि 03 अप्रैल को प्रात:काल 06 बजकर 24 मिनट से प्रारंभ होगी जो अगले दिन यानी की 04 अप्रैल 2023 दिन मंगलवार को सुबह 08 बजकर 05 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत की कुल अवधि 02 घंटे 20 मिनट तक रहेगी. वहीं, पूजा के लिए शुभ मुहूर्त शाम को 06:49 से शुरू होकर रात 09:08 तक रहेगा।
प्रदोष व्रत पूजा विधि
प्रदोष व्रत की तिथि पर सुबह ब्रह्म मुहूर्त पर उठें। इस दिन स्नान करने से पहले पानी में थोड़ा सा गंगा जल अवश्य डाल लें. स्नान के बाद साफ-धुले कपड़े पहनें और फिर ही पूजा स्थल पर बैठें। इसके बाद भगवान शिव की पूजा प्रारंभ करें और व्रत संकल्प लें।
माना जाता है कि प्रदोष व्रत के दिन माता पार्वती की पूजा करने से भी शुभ फल प्राप्त होते है। इसलिए शिव जी के साथ उनकी की पूजा करें। पूजा के दौरान भगवान पर बेलपत्र, धतूरा, फल-फूल आदि अर्पित करें. इसके बाद प्रदोष व्रत कथा का पाठ करें और आखिर में आरती करें।