Marijne Sjoerd:खिलाड़ियों की गल्तियों में सुधार की जरूरत
नई दिल्ली, । इस साल भारतीय महिला हॉकी टीम के नए कोच बने नीदरलैंड्स के पूर्व खिलाड़ी Marijne Sjoerd (शुअर्ड मरेन) का कहना है कि टीम की खिलाड़ियों द्वारा व्यक्तिगत रूप से की गई गलतियों में सुधार की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में भारतीय टीम को न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में 0-5 से हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में टीम के प्रदर्शन को लेकर की गई चर्चा में Marijne Sjoerd ने कई पहलुओं पर प्रकाश डाला।
न्यूजीलैंड दौरे पर भारतीय टीम ने एक भी मैच में जीत हासिल नहीं की। टीम से कहां गलती हुई? इस बारे में Marijne Sjoerd ने कहा, “यह इस चीज पर आधारित है कि आपने इस सीरीज को कैसे देखा है? मैंने न्यूजीलैंड जैसी उच्च स्तरीय टीम के खिलाफ भारतीय टीम के प्रदर्शन पर ध्यान दिया है। हमारी हर गलती ने उन्हें गोल करने का मौका दिया और यहीं हमें सुधार करना है।
उल्लेखनीय है कि Marijne Sjoerd को इस साल फरवरी में हॉकी इंडिया (एचआई) द्वारा नील हॉगुड के स्थान पर महिला हॉकी टीम का नया कोच नियुक्त किया गया।
इस दौरान एक बयान में मरेन ने कहा था कि कभी-कभी महिला खिलाड़ी मैदान पर उतरने से पहले ही मैच हार जाते हैं। इस बारे में विस्तार से पूछे जाने पर मरेन ने कहा, “मेरे कहने का मतलब यह था कि खिलाड़ी कभी-कभी अपने प्रतिद्वंद्वियों को खुद से अधिक मजबूत मान लेते हैं। कुछ मैचों में हमारे ऐसे अनुभव रहे हैं। अगर हम इस सोच को खत्म कर दें, तो खिलाड़ियों का आत्मविश्वास और भी बढ़ जाएगा।“
जोहांसबर्ग में आठ जुलाई से शुरू हो रहे वर्ल्ड हॉकी लीग (डब्ल्यूएचएल) सेमीफाइनल के लिए टीम में बदलाव के बारे में मरेन ने कहा, “अभी 33 खिलाड़ी अभ्यास कर रही हैं और इन्ही में से हम जोहांसबर्ग में होने वाले टूर्नामेंट के लिए टीम का चयन करेंगे।“
भारतीय महिला टीम के कोच पद का कार्यभार संभालने से पहले मरेन नीदरलैंड्स की महिला टीम के मुख्य कोच के तौर पर काम कर चुके हैं, जिसने रियो ओलम्पिक-2016 के फाइनल में जगह बनाई थी। वह भोपाल में भारतीय खेल प्राधिकरण में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय शीविर में टीम के साथ जुड़ेंगे। मरेन 2011-2014 तक नीदरलैंड्स की अंडर-21 पुरुष टीम के कोच रह चुके हैं।
न्यूजीलैंड जैसी उच्च स्तरीय टीमों के खिलाफ जीत के लिए जरूरी चीजों के बारे में कोच मरेन ने कहा, “हमने व्यक्तिगत रूप से टेस्ट सीरीज में कई गलतियां कीं और इस कारण प्रतिद्वंद्वी टीम को गोल करने के मौके मिले। हमें इसी चीज में बदलाव की जरूरत है। फिटनेस के अलावा खिलाड़ियों में मैदान पर गेंद को संभालने का हुनर होना जरूरी है।“
इस टेस्ट सीरीज से मिली सीख के बारे में कोच ने कहा कि इससे टीम को यह अनुभव मिला है कि न्यूजीलैंड जैसी उच्च स्तरीय टीमों के खिलाफ जीतने के लिए आपको किस स्तर के प्रदर्शन की जरूरत है।
मरेन ने कहा, “टीम मैन टु मैन मार्किं ग के खेल में और भी मजबूत हुई है। हमने सीखा है कि जितना देर तक हो सके टीम को गेंद अपने पास रखनी चाहिए। हालांकि, इस दौरे पर हम एक भी मैच नहीं जीत पाए, लेकिन हमें उच्च स्तरीय टीमों के खिलाफ अपने खेल में किस प्रकार का सुधार करना है इसका अनुभव जरूर मिला है।“
इसी विषय पर न्यूजीलैंड दौरे पर टीम की कप्तान रहीं रानी रामपाल ने कहा, “एक बात, जो हमने जानी, वह यह थी कि न्यूजीलैंड की टीम शारीरिक रूप से बहुत मजबूत है और इस कारण हम उनको अच्छी प्रतिस्पर्धा नहीं दे पाए। हमें भी शारीरिक रूप से मजबूत होने की बेहद जरूरत है।“ विश्व कप क्वालीफाइंग टूर्नामेंट के लिए वर्ल्ड हॉकी लीग (डब्ल्यूएचएल) सेमीफाइनल एक अहम प्रतियोगिता है।
इस कारण खिलाड़ियों पर बेहतर प्रदर्शन करने के दबाव पर मरेन ने कहा, “प्रत्येक टूर्नामेंट में टीम पर बेहतर प्रदर्शन करने का दबाव होता है और बिना दबाव के खेल खेलने का आनंद भी नहीं आता। यह दबाव ही टीम के सामने चुनौती खड़ी करता है और इसीलिए, हम इस स्तर पर खेल रहे हैं।“
पिछले कोच नील हॉगुड और मरेन की तुलना पर रानी ने कहा,