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Maldives में राजनीतिक संकट, सईद और गयूम गिरफ्तार
पिछले साल चीन और मालदीव (Maldives) ने फ्री ट्रेड अग्रीमेंट (FTA) पर दस्तखत किए थे। चीन के साथ FTA समझौते को मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मुहम्मद नशीद ने देश की संप्रभुता के लिए खतरा बताया था।
माले के इंटरनेशनल एयरपोर्ट का मसला भी मालदीव (Maldives) में चीन के बढ़ते दखल को दर्शता है। माले एयरपोर्ट को बनाने का ठेका एक भारतीय कंपनी को मिला था लेकिन वह ठेका रद्द करके चीन की एक कंपनी को दे दिया गया। अभी हाल ही में मालदीव (Maldives) के एक सरकार समर्थक अखबार माने जानेवाले अखबार ने चीन को मालदीव का नया बेस्ट फ्रेंड और भारत को’शत्रु देश’ बताया था।
मालदीव (Maldives) के साथ भारत के सदियों पुराने व्यापारिक और सांस्कृति संबंध रहे हैं। जब-जब इस द्वीपीय देश पर कोई संकट आया है तो भारत ने बिना कोई देर किए सबसे पहले मदद की है। मिसाल के तौर पर 1988 में जब मालदीव में तख्तापलट की कोशिश हुई तो भारत ने ही उसे नाकाम किया था।
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