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Maldives में राजनीतिक संकट, सईद और गयूम गिरफ्तार
मालदीव (Maldives) के ताजा राजनीतिक संकट की जड़ें 2012 में तत्कालीन और पहले निर्वाचित राष्ट्रपति मुहम्मद नशीद के तख्तापलट से जुड़ी हुईं हैं। नशीद के तख्तापलट के बाद अब्दुल्ला यामीन राष्ट्रपति बने। उन्होंने चुन-चुनकर अपने राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाया।
नशीद को 2015 में आतंकवाद के आरोपों में 13 साल जेल की सजा भी हुई लेकिन वह इलाज के लिए ब्रिटेन गए और वहां राजनीतिक शरण ले ली। क्योंकि अन्तरराष्ट्रीय लेवल पर ब्रिटेन दुनियाभर के भगोंड़ों को पनाहगाह देने वाल कन्ट्री ही बना हुआ है।
नशीद को भारत समर्थक माना जाता है। पिछले हफ्ते मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने नशीद समेत 9 राजनीतिक बंदियों को रिहा करने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने अब्दुल्ला यामीन की पार्टी से बगावत करने वाले 12 सांसदों को भी बहाल करने का आदेश दिया।
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