
भारत के लिए जेट इंजन क्यों जरूरी, जिसे फ्रांस के साथ मिलकर बनाएगा
भारत और फ्रांस के बीच रक्षा सहयोग को एक नए स्तर पर ले जाते हुए नए करार की घोषणा की गई। पीएम मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा सौदा हुआ। घोषणा हुई कि दोनों देश मिलकर हथियार और जेट इंजन बनाएंगे। भारत का डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) और फ्रांस की साफरान (Safran) कंपनी मिलकर इसे तैयार करेंगे। इसकी शुरुआत इसी साल से होगी।
यह पहला मौका नहीं है जब भारत में जेट इंजन के निर्माण के लिए किसी देश के साथ करार किया गया है। फ्रांस से पहले भारत अमेरिका के साथ भी ऐसा ही एक करार कर चुका है। फ्रांस यात्रा के एक महीने पहले पीएम मोदी ने अमेरिका यात्रा के दौरान यहां की दिग्गज कंपनी GE एरोस्पेस के साथ जेट इंजन डील की थी।
रक्षा सहयोग हमारे संबंधों का एक मज़बूत स्तंभ रहा है।
यह दोनों देशों के बीच गहरे आपसी विश्वास का प्रतीक है।
Make in India और “आत्मनिर्भर भारत” में फ़्रांस एक अहम पार्टनर है: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 14, 2023
GE एरोस्पेस दुनिया की टॉप एयरक्राफ्ट सप्लायर कंपनी है। इस डील के तहत GE एरोस्पेस और हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) मिलकर काम करेंगे. दोनों के जरिए तैयार होने वाले जीई-एफ-414 इंजन को भारतीय वायुसेना के लिए तैयार किए जा रहे स्वदेशी फाइटर जेट में लगाया जाएगा। ऐसे में सवाल है कि भारत के लिए जेट इंजन क्यों इतना खास है और भारत के लिए कितनी जरूरी है यह डील।
क्या है जेट इंजन और कैसे करता है काम, पहले इसे समझें?
अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा के मुताबिक, विमान के आगे तेज गति से आगे बढ़ने के लिए जेट इंजन ही जिम्मेदार होता है। जेट इंजन को गैस टर्बाइन के नाम से भी जाना जाता है। ये खास तरह से काम करते हैं। इंजन पंखे की मदद से हवा खींचता है और फिर एक कंप्रेसर से हवा का दबाव बढ़ाता है।