पिंड दान के लिए नहीं जा पा रहे हैं गया, तो लखनऊ में ही कर सकते हैं पितरों को खुश
पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी है। यह पितृ पक्ष भाद्रपद की पूर्णिमा से शुरू होकर अश्विन मास की अमावस्या तक चलेगी। पितृ पक्ष में अधिकतर लोग सोचते हैं अपने पूर्वजों का तर्पण गया (Gaya) में जा कर विधी विधान से करें,
लेकिन कई बार यह संभव नहीं हो पाता हैं। ऐसे में लोगों को अब गया जाने की जरूरत नहीं है। लखनऊ में ही लोग अपने पितरों का तर्पण, पिंड दान और श्राद्ध कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि लखनऊ में कहां और कौन सी जगह पर पितरों को प्रसन्न कर सकते है।
शास्त्र परम्परा का होता है पालन
सनातन धर्म में हमेशा शास्त्र परम्परा का पालन होता है। आचार्य देवो भवः, पितृ देवो भवः मातृ देवो भवः, अतिथि देवो भवः आदि को माना जाता है। जिसका लोग समय-समय पर अनुपालन भी किया करते हैं, जिससे हम अपने देवताओं, ऋषि और पूर्वजों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।
वैसे तो पितृ पक्ष कुल 16 दिनों का होता है, लेकिन इस साल यह सिर्फ 15 दिन का ही है। इस लिए अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए सिर्फ 15 दिन हैं। इस 15 दिनों में विधी विधान से श्राद्ध, तर्पण और पिंड दान करने लोग अपने पितरों का आशिर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
गया नहीं जा पा रहे हैं तो…
पितरों को प्रसन्न करने के लिए यदि गया नहीं जा पा रहे हैं । तो लखनऊ में ही पितरों को प्रसन्न किया जा सकता है, लखनऊ से ॐ ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के ज्योतिषाचार्य पण्डित राजेश शास्त्री ने बताया कि लखनऊ में ही कई ऐसी जगह हैं जहां लोग अपने पितरों को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। जिसमें हिन्दु धर्म में पूजनीय जगहों में से एक नैमिषारण्य है। इसके साक्ष्य महाभारत और रामायण में भी मौजूद हैं।