लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) बीकेटी में नैमिष नगर योजना विकसित करने के लिए और चार गांव की 29 हेक्टेयर जमीन लैंड पूलिंग या फिर सहमति से क्रय करके जुटाएगा। इस भूमि पर मास्टर प्लान में शामिल मुख्य सड़क बनाई जाएगी। मंगलवार को बोर्ड बैठक में अनुपूरक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
नैमिष नगर आवासीय योजना सीतापुर-रैथा रोड पर 14 गांव भौली, लक्ष्मीपुर, पूरब गांव, पुरवा, सैरपुर, फर्रुखाबाद, कोड़री भौली, कमलाबाद, कमलापुर, पलहरी, गोपरामऊ, बारूमऊ, धतिंगरा व सैदापुर की 1084 हेक्टेयर भूमि अर्जित करके विकसित की जानी है। इसकी लागत 4785 करोड़ रुपये है। अब योजना में चार गांव पश्चिम गांव, धोबैला, उमरभारी व दुग्गौरा का आंशिक हिस्सा 29 हेक्टेयर और लिया जाएगा। इस भूमि पर योजना के मास्टर प्लान में शामिल मुख्य सड़क बनाई जाएगी। इससे योजना के दायरे में कुल 18 गांव आएंगे।
प्रसून नगर के जल्द होंगे पंजीयन
एलडीए ने अपनी देवरपुर पारा योजना में करीब 1800 खराब गुणवत्ता के आवास तोड़कर नये सिरे से प्रसून नगर विकसित किया है। जहां बहुमंजिला इमारतें बनाकर अल्प आय वर्ग के लिए 1 और 2 बीएचके के दो हजार से अधिक फ्लैट बनाए हैं। योजना का रेरा में पंजीयन के लिए आवेदन कर दिया है। जल्द फ्लैटों की बुकिंग के पंजीयन खोलने की तैयारी है। इस योजना का हजारों परिवारों को लंबे समय से इंतजार है।
एलडीए विकसित करेगा साउथ सिटी
एलडीए ने रायबरेली रोड पर कई एकड़ में अंसल की तरह साउथ सिटी विकसित करने के लिए मेसर्स यूनीटेक लि. से 20 जुलाई 1988 को अनुबंध किया था। कंपनी द्वारा भूखंड नियोजित करके लोगों को बेचे गए। कुछ में लोग मकान बना पाए तो सैकड़ों विवाद में फंसे हैं। भूखंडों की दिशा बदलने से लेआउट गड़बड़ हो गए।
किसी की चौहद्दी बदल गई तो रजिस्ट्री कराने के बाद निर्माण नहीं करा सके। इस तरह की तमाम कमियों का आवंटी वर्षों से सामना करते आ रहे हैं और संबंधित बिल्डर ढूंढे नहीं मिल रहा है। इस वजह से एलडीए ने यूनिटेक का अनुबंध निरस्त कर दिया है। खुद योजना में कमियां दूर करके नये सिरे से विकसित करेगा।
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