
अमेरिका में पैदा होंगे AI बेबी, जानिए तकनीक कितना बदलेगी बच्चे की जिंदगी
अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बच्चे यानी AI बेबी पैदा होंगे। इस तकनीक की मदद से भ्रूण के विकसित होने के दौरान कई चीजों की भविष्यवाणी की जा सकेगी। जैसे- यह भ्रूण कितना सफल होगा। इसमें अनुवांशिक बीमारियां ट्रांसफर होंगी या नहीं।
क्या है AI बेबी?
डेलीमेल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस तकनीक का इस्तेमाल आईवीएफ प्रॉसेस में होगा। आईवीएफ एक तरह का फर्टिलिटी ट्रीटमेंट जिसका इस्तेमाल उन लोगों के लिए किया जाता है जो बच्चा पैदा करने में असमर्थ है। इस प्रक्रिया के जरिए बांझपन का इलाज किया जाता है। आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान भ्रूण को विकसित करके महिला के गर्भ में ट्रांसप्लांट किया जाता है।
कितना असर दिखा रही आर्टिफिशियल इंटेजिलेंस?
रिपोर्ट के मुताबिक, आईवीएफ प्रक्रिया के दौरान आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए उसका सक्सेस रेट बढ़ाया जा रहा है। दावा किया गया है कि AI अल्गोरिदिम का प्रयोग करके आईवीएफ का सक्सेस रेट 30% तक भी बढ़ाया जा सकता है।
प्रेग्नेंसी के मामले में फिलहाल इस तकनीक का इस्तेमाल यूरोप, एशिया, दक्षिण अमेरिका में हो रहा है। अब अमेरिका में बड़े स्तर पर इसकी शुरुआत हो सकती है।
नया तरीका क्यों राहत देने वाला साबित हो सकता है। अब इसे समझ लेते है। दरअसल, आईवीएफ की प्रक्रिया के दौरान भ्रूण विकसित किया जाता है। इसके बाद यह जांचा जाता है कि भ्रूण का विकास सफलतापूर्वक हुआ या नहीं।
जांच की यह प्रक्रिया काफी महंगी है। दुनिया के कई देशों में इसके एक सेशन के लिए करीब 10 लाख रुपए लिए जाते है। इसके बाद ही भी गारंटी नहीं होती है कि नया भ्रूण सफल होगा।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
एआई के जरिए भ्रूण की जांच करने कंपनी AIVF की सीईओ और एम्ब्रायोलॉजिस्ट डॉ. डेनिएला गिल्बोआ कहती हैं। आईवीएफ की प्रॉसेस में भ्रूण का चुनाव करना सबसे महत्वपूर्ण कदम है।