
RJD के 26 योद्धा ‘लालटेन’ रौशन करने चुनावी रण में उतरने को तैयार
पटना। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में पराजय का दंश झेल चुके राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के योद्धा इस बार के चुनावी रणभूमि में 26 सीटों पर अपनी पार्टी का ‘लालटेन’ रौशन करने के लिये तैयार हैं। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद ने महागठबंधन के घटक दल के रूप में चुनाव लड़ा था।
महागठबंधन में सीटों में तालमेल के तहत राजद को 20, उपेन्द्र कुश्वाहा की पार्टी ( राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) को पांच, मुकेश सहनी की पार्टी विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को तीन और जीतन राम मांझी की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) को तीन सीट मिली थी।
राजद ने अपने कोटे से एक सीट आरा भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी- लेनिनवादी) को दी थी। वर्ष 2019 में राजद ने 19 सीट भागलपुर, बांका, मधेपुरा, दरभंगा, वैशाली, गोपालगंज (सु), सीवान, महराजगंज, सारण, हाजीपुर (सु), बेगुसराय, पाटलीपुत्र, बक्सर, जहानाबाद, नवादा, झंझारपुर, अररिया, सीतामढ़ी, शिवहर पर चुनाव लड़ा।
मोदी की प्रचंड लहर में राजद की ‘लालटेन’ बुझ गयी और उसका सूपड़ा बिहार में साफ हो गया। राजद के एम-वाई (मुस्लिम-यादव) समीकरण को जनता ने सिरे से नकार दिया।
आरा सीट से भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी- लेनिनवादी) के प्रत्याशी को भी हार का सामना करना पड़ा। भारतीय राजनीति में वर्षो तक किंग मेकर रहे लालू प्रसाद यादव ने वर्ष 1997 में राजद का गठन किया था।
वर्ष 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 में हुये आम चुनाव में राजद के प्रत्याशियों ने जीत हासिल कर सांसद बनने में सफल रहे लेकिन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में राजद का कोई भी प्रत्याशी जीत नहीं पाया। वर्ष 2024 के बिहार के लोकसभा चुनाव में इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव अलायंस (इंडी गठबंधन) के घटक दलों के बीच सीटों के तालमेल के तहत राजद 19 सीट से सात सीट बढ़ाकर 26 सीट पर चुनाव लड़ रहा है।